Birsa Munda Jayanti: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछली सरकार की नीतियों को ट्रायबल बेल्ट के पिछड़ने का कारण बताया
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस (Birsa Munda Jayanti) मनाया गया। आयोजन मध्यप्रदेश सरकार के नेतृत्व में किया गया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को भोपाल पहुंचे। उन्होंने आदिवासी समाज के बारे में बोलते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़ेपन का कारण पुरानी सरकारें और नीतियां थी। उन्होंने किसी भी दल—संगठन या नेता का नाम न लेकर कहा कि वह आदिवासी समाज की प्रगति चाहते ही नहीं थे। इससे पहले राजा भोज विमानतल में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्रियों और सांसदों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
हमारी पूंजी और संपदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं आज यहां मप्र जनजाती वर्ग का आभार व्यक्त करता हूं। हमें आपका श्रेय और विश्वास मिला है। आपका यही प्यार हमें आपकी सेवा के लिए दिन—रात एक करने के लिए प्रेरणा देता है। मोदी ने कहा कि इसी सेवा भाव से आज आदिवासी समाज के लिए शिवराज सरकार ने कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया है। कार्यक्रम की शुरुआत में अलग—अलग मंच गीत—धुन के साथ अपनी भावनाएं आप लोग प्रकट कर रहे थे। मैंने प्रयास किया उन गीतों को समझने के लिए। मोदी ने कहा मेरा जीवन का अनुभव रहा है। मैंने कुछ कालखंड आदिवासियों के बीच बिताया भी है। उनके संगीत, परंपरा के माध्यम से वे अपना संदेश देते हैं। जंगलों में जिंदगी गुजारने वाले आदिवासी जनजाति देश की विरासत है। यह हमारी पूंजी भी है। इसी सेवा भाव से आज आदिवासी समाज के लिए कई बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है।
बाबा साहब पुरंदरे को याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीब आदिवासी परिवारों को कोरोना काल में मुफ्त में राशन मुहैया कराकर राहत पहुंचाई। आयुष्मान भारत योजना से पहले ही अनेक बीमारियों का मुफ्त इलाज आदिवासी समाज को मिल रहा है। दुनिया के शिक्षित देशों में भी टीकाकरण को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। हमारे आदिवासी भाई—बहनों ने उसका महत्व समझा है। सबसे बड़ी महामारी से पूरी दुनिया निपट रही है। शिक्षित लोगों को इन आदिवासी समाज से सीख लेना चाहिए। मोदी ने आदिवासी समाज की तरफ से चलाए गए आंदोलनों को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कहानी आदिवासी समाज के बिना नहीं बताई जा सकती। बाबा साहब पुरंदरे के निधन पर भी उन्होंने शोक जताया। मोदी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी के साथ उन्होंने बहुत योगदान दिया था।
मुख्यमंत्री रहते शुरु किया अभियान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि हम जनजाती समाज को लेकर चिंता जताते हैं तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जनजाति को स्वार्थ की राजनीति में इस्तेमाल किया गया। कुछ इतिहास बताया तो कुछ बताया ही नहीं गया। उनकी दुख—तकलीफ उन लोगों के लिए कोई मायने नहीं रहा। भारत की संस्कृति में आपका बहुत बड़ा योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने रामायण के अंश में भगवान राम के वनवास के दौरान के किस्सों को सुनाया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा देश में कुछ राजनीतिक दलों ने आदिवासी समाज को प्रगति से दूर रखा। गुजरात में मुख्यमंत्री कार्यकाल में मैंने बहुत अभियान शुरु किए थे। अपने पहले कार्यकाल से ही आदिवासी समाज को प्रमुखता से मैंने रखा है।
हम भेदभाव नहीं करते: Prime Minister
मोदी ने कहा कि किसानों के बैंक खातों में रकम पहुंच रही है तो उसी समय आदिवासी समाज को रकम मिल रही है। कई घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम चल रहा है। इसमें हमने आदिवासी जनजातीय क्षेत्रों को नजर अंदाज नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है जल जीवन मिशन के तहत 30 लाख परिवारों को नल से जल मिल रहा है। इसमें भी ज्यादातर आदिवासी इलाकों को लाभ मिला है। जनजातीय विकास के बारे में एक बात ओर कही जाति है। क्षेत्र को भूगोल को बताकर मुश्किलें गिनाई जाती है। मोदी ने आरोप लगाया कि यही बहाना करके आपकी सुविधाओं को प्राथमिकता नहीं दी गई। उन्हें अपने भाग्य में छोड़ दिया गया। इसी सोच के कारण आदिवासी क्षेत्र (Birsa Munda Jayanti) विकास से पिछड़ गए हैं। कोई भी राज्य, जिला, क्षेत्र समाज पिछड़ा नहीं रहना चाहिए। इन्हीं आंकाक्षाओं को उड़ान देने की कोशिश हमारी प्राथमिकता में हैं।
पहले की सरकारों में राजनीतिक इच्छा नहीं थी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं शुरु हो रही है उनमें आदिवासियों को ध्यान में रखा जा रहा है। पहले जो सरकार में रहे उन्होंने आदिवासी की योग्यता और प्राकृतिक संपदा का इस्तेमाल ही नहीं किया। हम अब उन क्षेत्रों में योजना बनाकर उससे होने वाली आय का एक हिस्सा उसी क्षेत्र के विकास में लगा रहे हैं। भारत की आत्मनिर्भरता जनजातीय भागीदारी बिना के संभव नहीं है। जनजातीय समाज से काम करने वाले समाज सेवकों को पुरुस्कार देने का काम हमारी सरकार ने किया है। यह देश के असली हीरो है। जनजातीय समाज (Birsa Munda Jayanti) में प्रतिभा की कभी कोई कमी नहीं रही। पहले की सरकार में ऐसी राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं थी।
आंकड़ों की बाजीगिरी
हमने वन कानूनों में बदलाव किया है। ताकि आदिवासी समाज के व्यक्ति को इंतजार न करना पड़े। हमारी सरकार आदिवासी समाज को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है। लकड़ी, पत्थर की कलाकारी वह पहले से कर रहा है। अब उनके उत्पादों को दुनिया के बाजारों में बेचा जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व अवसर पैदा कर दिए गए हैं। पहले की सरकारें 8—10 वन उपजों पर एमएसपी देती थी। अब यह संख्या हमने 90 पहुंचा दी है। लाखों जनजातीय साथियों की चिंता पट्टे लेकर थी जिसको हमने दूर किया है। एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जा रहे है। जनजातीय छात्र—छात्राओं को देश की प्रगति में अवसर मिलेगा। आजादी के बाद 18 ट्रायबल इंस्टीट्यूट थे। हमारी सरकार ने सात साल में नौ ट्रायबल इंस्टीट्यूट खोले हैं। उन्होंने कहा कि जैसे हम गांधी जयंती समेत दूसरे नेताओं की जयंती मनाते हैं वैसे ही 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती देशभर में मनाई जाएगी।
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