PM Narendra Modi Speech: विदेशों से वैक्सीन खरीदने से लेकर उसको लगाने का काम केंद्र सरकार ने अपने पास लिया
दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi Speech) ने सोमवार शाम लगभग पांच बजे देश के नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने अपने आधा मिनट के भाषण में कांग्रेस पार्टी को कोसने का भी काम किया। हालांकि किसी दल या पार्टी का उन्होंने नाम नहीं लिया। मोदी ने वैकसीनेशन पर हो रही किरकिरी को लेकर कहा कि इसको एजेंडा बनाकर कुछ मीडिया हाउस के जरिए चलाया गया। उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकारों को 25 फीसदी अधिकार दिए गए थे। अब वह केंद्र सरकार अपने हाथ में लेगी। इतना ही नहीं इसमें आने वाले खर्च का वहन भी मोदी सरकार करेगी।
नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर और उससे भारत की लड़ाई जारी है। दुनिया के अनेकों देशों की तरह भारत भी बहुत बड़ी पीड़ा से गुजरा है। हमने कई परिजनों और परिचितों को खोया हैं। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदना है। मोदी के अनुसार सदी की यह सबसे बड़ी त्रासदी और महामारी है। इस तरह की महामारी न देखी थी न अनुभव की थी। उन्होंने बताया इतनी बड़ी महामरी से हमारा देश कई मोर्चो पर एक साथ लड़ा। वेटीलेंटर्स बनाने से लेकर, टेस्टिंग किट, कोविड अस्पताल बनाने समेत कई अन्य काम किए गए। बीते सवा एक साल में नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है। ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रुप से बढ़ गई थी। इस जरुरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे। नौसेना, एयर फोर्स के विमान और रेल की मदद ली गई।
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सरकार का मिशन इंद्रधनुष
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के हर कोने से जहां से जो भी उपलब्ध हो सकता था, उसको लाने का प्रयास किया गया। जरुरी दवाओं के प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ाया गया। विदेशों से भी दवा लाने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। इस लड़ाई में वैक्सीन सुरक्षा कवच की तरह है। आज विश्व में वैक्सीन की मांग ज्यादा है। लेकिन, उसका उत्पादन करने वाली कंपनियां बहुत कम है। पिछले 50—60 साल का इतिहास देखेंगे तो विदेशों से वैक्सीन हासिल करने में दशकों लग जाते थे। मोदी के अनुसार पोलिया वैक्सीन, चेचक, हेपेटाइटटिस—बी की वैक्सीन के लिए देश ने दशकों तक इंतजार किया। हमारी सरकार 2014 में बनी थी तब वैक्सीन का प्रतिशत 60 फीसदी था। उस रफ्तार से शत—प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में 40 साल लग जाते। इसलिए हमने तय किया कि मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से वैक्सीनेशन किया जाएगा।
रिसर्च और डेवल्प में फंड
हमने मिशन मोड पर काम किया। सिर्फ पांच—छह साल में ही वैक्सीनेशन कवरेज 60 से बढ़कर 90 प्रतिशत किया। हमने वैक्सीनेशन की स्पीड और दायरा भी बढ़ाया। बच्चों की जान बचाने के लिए कई तरह के टीकों को भारत का हिस्सा बनाया। हमें गरीब के बच्चों की चिंता थी। इसी बीच कोरोना वायरस ने हमें घेर लिया। देश ही नहीं दुनिया के सामने फिर पुरानी आशंकाएं घिरने लगी। देश ने एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन लॉच कर दी। भारत ने दुनिया को दिखा दिया हम पीछे नहीं है। देश में अब तक 23 करोड़ वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। सरकार ने वैक्सीन निर्माताओं को क्लीनिकल ट्रायल में मदद की। रिसर्च और डेवल्प में फंड दिया।
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नाक से दी जाएगी वैक्सीन
आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तरफ से बजट आवंटित किया गया। आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई ज्यादा बढ़ने वाली है। सात कंपनियां वैक्सीन बना रही है। दूसरे देशों से भी वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। बच्चों के लिए दो वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। अभी देश में नैजल वैक्सीन पर भी रिसर्च किया जा रहा है। देश को इस वैक्सीन से सफल्ता मिलती हैतो भारत का अभियान ज्यादा प्रभावी होगा। वैक्सीन बनने के बाद भी दुनिया के बहुत कम देश में वैक्सीनेशन शुरु किया जा सका। डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार काम किया गया।
राज्यों ने अधिकार मांगे थे
मोदी ने कहा कि हमने चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन करना तय किया। इसमें कई राज्यों के सीएम से सुझाव मिले। जिसके बाद सर्वाधिक कोरोना प्रभावित लोगों को चिन्हित करके वैक्सीन लगाई गई। कोरोना की दूसरी लहर आने के पहले फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन नहीं लगी तो क्या होता। इसलिए ज्यादा से ज्यादा हेल्थ वकर्स को वैक्सीनेशन किया गया। देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच कई तरह के सुझाव और मांगे आने लगी। राज्य सरकारों को लॉक डाउन की छूट नहीं दी गई। इसको राज्य का विषय बताकर कई तरह की बातें हुई।
नाम नहीं लेकर केजरीवाल को कोसा
राज्य सरकारों की इन मांगों को स्वीकार किया। इस साल 16 जनवरी से शुरु होकर अप्रैल के आखिरी तक केंद्र के निर्देशन पर ही काम किया। कई राज्य सरकारों ने वैक्सीनेशन का काम देने की भी मांग की गई। सवाल खड़े किए गए कि उम्र की सीमा केंद्र क्यों तय कर रहा है। मीडिया का एक वर्ग इसको कैंपेन के रुप में चलाने लगा। राज्य सरकारों की इस मांग को देखते हुए 25 फीसदी का काम दे दिया गया। यह 1 मई से शुरु किया गया। राज्य सरकारों ने प्रयास भी किए। पूरी दुनिया में वैक्सीन की क्या स्थिति है। इसकी सच्चाई पता चली।
निजी अस्पतालों में डेढ़ सौ रुपए
मोदी (PM Narendra Modi Speech) ने कहा कि मई के दो सप्ताह बीतते—बीतते पहली वाली व्यवस्था में लाने की मांग की जाने लगी। देश के नागरिकों की सुविधा के लिए राज्यों के पास दी गई। 25 फीसदी का काम भी केंद्र सरकार करेगी। दो सप्ताह बाद 21 जून से 18 वर्ष के सभी उम्र के नागरिकों के लिए मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। केंद्र सरकार इसका खर्च भी वहन करेगी। निजी अस्पतालों में जाकर वैक्सीन लगाने वाले को इसमें छूट रहेगी। निजी अस्पतालों में एक डोज की कीमत डेढ़ सौ रुपए तय की गई है। इसकी निगरानी का काम राज्य सरकार को देखना होगा।
अफवाहों पर न ध्यान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi Speech) ने कहा कि वैक्सीन की एक—एक डोज महत्वपूर्ण है। राज्यों को एक सप्ताह पहले ही बता दिया जाएगा कि उसको कितनी वैक्सीन मिलेगी। केंद्र सरकार ने टीकाकरण के अलावा एक अन्य निर्णय लिया है। मोदी ने कहा कि नवंबर तक 90 करोड़ देशवासियों को मु्फ्त राशन दिया जाएगा। इस योजना को दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। वैक्सीन को लेकर भ्रम और अफवाह की खबर चिंता बढ़ाती है। वैक्सीन न लगाने के लिए कई तरह के प्रचार किए गए हैं। अफवाहें फैलाने वाले लोग देश के नागरिकों से खिलवाड़़ कर रहे हैं।