तमिलनाडु में फिर क्षतिग्रस्त की गई पेरियार की प्रतिमा, त्रिपुरा में भाजपा की विधानसभा जीत से शुरू हुआ देश में मूर्ति से छेड़छाड़ का नया दौर

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साल भर में सामने आ चुके हैं ऐसे 8 मामले, तीन बार पेरियार, दो बार अंबेडकर और एक—एक बार टैगोर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लेनिन की मूर्ति से हो चुकी है तोड़फोड़

चैन्नई। तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में समाज सुधारक ईवी रामास्वामी पेरियार की एक प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया है। ये घटना रविवार रात की है। सोमवार को सुबह यहां प्रतिमा को क्षतिग्रस्त पाया गया है। इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिली पाई है कि पेरियार की प्रतिमा को किन लोगों ने क्षतिग्रस्त किया है। प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने को लेकर पुलिस ने अज्ञात अराजक तत्वों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
कौन हैं पेरियार
17 सितंबर 1879 को जन्में इरोड वेंकट नायकर रामासामी को पेरियार के नाम से जाना जाता है। पेरियार शब्द का तमिल में अर्थ होता है सम्मानित व्यक्ति। वे तमिलनाडु के एक प्रमुख राजनेता थे। तमिलनाडु में हिन्दी की अनिवार्य शिक्षा का भी पेरियार ने घोर विरोध किया था। उन्होंने जस्टिस पार्टी का गठन किया जिसका सिद्धांत रुढ़िवादी हिन्दुत्व का विरोध था। भारतीय तथा विशेषकर दक्षिण भारतीय समाज के शोषित वर्ग के लोगों की स्थिति सुधारने में पेरियार का नाम सबसे उपर है।


बीते साल भी पहुंचाया था मूर्ति को नुकसान
बीते साल 7 मार्च को तमिलनाडु के वेल्लुर में भी पेरियार की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार इनमें एक भाजपा का सदस्य और दूसरा सीपीआई का कार्यकर्ता था। यह उसी वक्त की बात है जब त्रिपुरा में वाम सरकार गिरने के बाद रूसी क्रांति के नायक व्लादिमिर लेनिन की प्रतिमा गिराई गई थी, उसी दौरान तमिलनाडु के वेल्लोर में पेरियार की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। यह घटना भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के कुछ घंटे बाद हुई थी। वेल्लोर में रात करीब 9 बजे पेरियार की मूर्ति के चश्मे और नाक को नुकसान पहुंचाया गया था।

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एक माह पहले बंगाल में की थी टैगोर की मूर्ति से तोड़फोड़
बीते माह पश्चिम बंगाल में भी एक भारतीय महान विभूति की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। वहां नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा के साथ कुछ अज्ञात लोगों ने तोड़-फोड़ की थी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की पार्षद निर्मल दत्ता के मुताबिक, तीन लोगों ने प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की। यह घटना बिधाननगर में हुई।

त्रिपुरा में भाजपा की जीत से हुई शुरुआत
इससे पहले भी प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ के कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में आंध्रप्रदेश के पेडागंत्याणा में देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के साथ तोड़फोड़ की गयी थी। बीते साल अप्रैल के महीने में मध्य प्रदेश के भिंड जिले के खेरिया गांव में अंबेडकर की मूर्ति को बदमाशों ने तोड़ दी था। वैसे देश में मूर्ति तोड़े जाने की घटना की शुरुआत त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की विधानसभा चुनाव में जीत के साथ हुई थी जहां व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को गिराया गया था। इस घटना के तुरंत बाद तमिलनाडु में दो जगहों पर समाज सुधारक और ई वा रामासामी पेरियार की मूर्ति को तोड़ा गया था। फिर पश्चिम बंगाल में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को भी तोड़ा गया था।

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