जूनियर डॉक्टर थी पायल, जातिगत टिप्पणी करती थी सीनियर डॉक्टर्स
मुंबई। मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में जूनियर डॉक्टर पर जातिगत टिप्पणी कर उसे खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में दो और डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में अब तक कुल तीन डॉक्टर गिरफ्तार की जा चुकी हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को थोड़ी देर पूछताछ के बाद डॉक्टर भक्ति मेहारे को गिरफ्तार किया गया था जबकि दो अन्य आरोपी डॉक्टरों हेमा अहूजा और अंकिता खंडेलवाल को बुधवार तड़के पकड़ा गया। सभी आरोपियों को कोर्ट ने 31 मई तक पुलिस हिरासत में सौंप दिया है।
पुलिस उपायुक्त अविनाश कुमार ने बताया कि ‘‘ दोनों को पुणे और मुंबई से गिरफ्तार किया गया है।’’ एक आला अफसर ने बताया कि यहां के बीवाईएल नायर अस्पताल में पायल तड़वी ने जातिसूचक टिप्पणियों से तंग आकर पिछले हफ्ते खुदकुशी कर ली थी जिसके बाद तीनों डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
तड़वी (26) के परिवार ने आरोप लगाया था कि साथी डॉक्टर उसकी रैगिंग करते थे और जातिसूचक टिप्पणियां करते थे क्योंकि वह अनुसूचित जनजाति समुदाय से ताल्लुक रखती थी। आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोधी) अधिनियम, रैंगिग रोधी अधिनियम, आईटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सभी तीन आरोपियों ने मंगलवार को अग्रिम जमानत के लिए यहां सत्र अदालत का रूख किया था। इससे पहले, तड़वी के माता-पिता ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था। अन्य प्रदर्शनकारी भी उसकी मां आबिदा और मृतका के पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीनों डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ‘वंचित बहुजन अघाडी’ और अन्य दलित एवं आदिवासी संगठनों ने भी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया था।
मृतका की मां ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार उनकी बेटी की तरह उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा की जिम्मेदार लेगी? आबिदा ने कहा, ‘‘ पायल अपने वरिष्ठों द्वारा मामूली बातों पर प्रताड़ित किए जाने के बारे में मुझे बताती थी। उन्होंने मरीजों के सामने उसके चेहरे पर फाइलें फेंकी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वह उत्पीड़न के बावजूद अपने वरिष्ठों के खिलाफ लिखित शिकायत नहीं देने का कारण बताती थी। वह कहती थी ऐसा करने से उसके करियर पर विपरीत असर पड़ेगा।’’ उसकी मां ने कहा कि तड़वी उनके समुदाय से पहली महिला एमडी डॉक्टर होती।
मृतका के पति ने कहा कि यह संभव है कि तीनों महिला डॉक्टरों ने पायल की ‘हत्या’ कर दी हो। मृतका का पति भी डॉक्टर है। राज्य महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है और अस्पताल के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। मंगलवार को आयोग ने मुंबई के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की गहन जांच की मांग की है।