रास्ते में सरकारी गाड़ी से उतारकर नर्स को अपनी गाड़ी में बैठाया था
बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल (Betul) जिले में हुए एक सड़क हादसे में महिला नर्स (Nurse) की मौत हो गई। नर्स सुष्मिता सिंह गौतम (Sushmita Singh Goutam) जिला अस्पताल बैतूल (District Hospital Betul) में पदस्थ थीं। रविवार-सोमवार की दरमियानी रात सुष्मिता एक सड़क हादसे का शिकार हो गई। घायल अवस्था में सुष्मिता को अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। ये मामला अब तक जितना सुलझा हुआ लग रहा हैं, उतना है नहीं। सुष्मिता सीएमएचओ डॉ. प्रदीप धाकड़ (CMHO Pradeep Dhakad) की गाड़ी में थी। हादसे का शिकार तो वो भी हुए है। लेकिन धाकड़ को मामूली चोटे आई है।
धाकड़ की गाड़ी में कैसे पहुंची सुष्मिता ?
नर्स सुष्मिता होशंगाबाद जिले की रहने वाली थीं। वो छुट्टी में अपने घर गई हुई थी। रविवार शाम बैतूल जिला अस्पताल की बोलेरो गाड़ी सुष्मिता को लेने उसके घर पहुंची थी। जिसमें सवार होकर सुष्मिता बैतूल के लिए रवाना हो गई। लेकिन रास्ते में ही सुष्मिता को बोलेरो गाड़ी से उतारा गया और सीएमएचओ डॉ प्रदीप धाकड़ की गाड़ी में बैठाया गया। अब सवाल ये उठता है कि रास्ते में सीएमएचओ धाकड़ कहां से पहुंच गए ? जब सुष्मिता बोलेरो में सवार थी तो उसे धाकड़ ने अपनी कार में क्यों बैठाया ? ये सवाल हम भी पूछ रहे हैं और मृतका के परिजन ने भी उठाएं है।
नशे में थे सीएमएचओ ?
रविवार-सोमवार की दरमियानी रात शाहपुर के उड़दन के पास सीएमएचओ प्रदीप धाकड़ की कार एक नाले में गिर गई। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार कार पर धाकड़ ने नियंत्रण खो दिया था। सूत्रों के हवाले से खबर है कि घटना के वक्त धाकड़ नशे में थे। हादसा होने के बाद वो बुरी तरह घबरा गए। ये घबराहट हादसे से ज्यादा सुष्मिता के साथ होने की वजह से थी।
सीएमएचओ की ‘करतूत’ ने ली जान
होशंगाबाद जिले से बैतूल तक के सफर में सुष्मिता का गाड़ी बदलना और देर रात अकेले सीएमएचओ की गाड़ी में सफर करना कई सवाल खड़े कर रहा हैं। आखिर सीएमएचओ और सुष्मिता के बीच ऐसा कौन सा रिश्ता था कि वो उनकी गाड़ी में सवार हो गई ? विभागीय तौर पर सीएमएचओ का पद एक नर्स से बहुत बड़ा है। बात अगर मदद करने की भी हो तो सुष्मिता को लेने तो बोलेरो गाड़ी गई ही थी। कड़ी पूछताछ और जांच के बाद भी खुले तौर पर इन सवालों के जबाव मिल पाना मुश्किल है। लेकिन सवाल तो उठेंगे ही।
सीएमएचओ को कुछ सूझ नहीं रहा था !
मामले में साफ तौर पर एक बात निकलकर सामने आ रही है कि सीएमएचओ प्रदीप धाकड़ ने ही प्लानिंग के तहत सुष्मिता को अपनी कार में बैठाया था। वो किसी साजिश के तहत ही बैतूल से शाहपुर की तरफ गए थे और वहां से लौटते वक्त सुष्मिता को साथ ले लिया। सूत्रों का कहना है कि घटना के वक्त शराब के नशे में धुत सीएमएचओ घबरा गए। उन्हें सूझ ही नहीं रहा था कि घायल सुष्मिता का वो क्या करें। इसी उधेड़बुन में धाकड़ ने कीमती समय जाया कर दिया। जिसमें सुष्मिता की जान बच सकती थी।
हादसे के बाद याद आई ‘इज्जत’
सुष्मिता अपने घर से बोलेरो गाड़ी में सवार हुई थी और एक्सीडेंट सीएमएचओ की कार में हुआ। लिहाजा सवाल तो उठने ही थे। यहीं सवाल हादसे के बाद प्रदीप धाकड़ के दिमाग में भी घूम रहे थे। दूसरी तरफ सुष्मिता को जल्द इलाज की जरूरत थी। लेकिन लापरवाही करते हुए अस्पताल पहुंचाने में देर कर दी गई और इलाज के दौरान सुष्मिता की मौत हो गई।
सीएमएचओ को ढूंढ़ रहे है परिजन
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को सुष्मिता के परिजन बैतूल जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने जमकर हंगामा किया। परिजन सीएमएचओ प्रदीप धाकड़ को ढूंढ़ रहे थे। लेकिन घायल होने के बावजूद धाकड़ अस्पताल में मौजूद नहीं थे। रिपोर्टस के मुताबिक धाकड़ अपना इलाज घर पर ही करा रहे थे। द क्राइम इन्फो डॉट कॉम ने भी धाकड़ से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन उनका फोन बंद ही आता रहा। परिजन ने प्रदीप धाकड़ पर सुष्मिता की हत्या करने के आरोप लगाए है। मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
आगे पढ़ेंः सीएमएचओ को बचा रही पुलिस, मामूली धाराओं में केस दर्ज, थाने से मिल जाएगी जमानत
यह भी पढ़ेंः बेटी को ब्लैकमेल करके बार-बार बलात्कार करता था बाप
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।