बेगुनाही साबित करने जेल में बिताए 12 साल

Share

नक्सली होने के आरोप में पुलिस ने किया था गिरफ्तार, अलग-अलग 157 मामले थे दर्ज, मंगलवार को आखिरी मामले में भी हुई बरी

अदालत से बरी होने के बाद जेल के बाहर बैठी हुई निर्मलक्का

जगदलपुर। देश के सिस्टम की कलई खोलती यह खबर मानवता को झंकझोर देने वाली है। इस सिस्टम की पाट में एक दंपत्ति पीसता रहा। इन दोनों दंपति को रायपुर पुलिस ने नक्सली होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पति पिछले साल दिसम्बर, 2018 में बरी हुआ तो पत्नी मंगलवार को नक्सली होने के आरोपों से बरी हुई। दंपति को अपना बेगुनाह साबित करने के लिए जेल में 12 साल बिताने पड़े। इस दंपति पर पुलिस ने एक-दो नहीं 157 मुकदमे दर्ज किए थे। इन सभी मामलों से यह दंपति अब बरी हो गया है।

YouTube video


कौन है यह परिवार
यह परिवार है तेलंगाना के खमम जिले के त्रिचुरपल्ली इलाके का। पति चंद्रशेखर रेड्डी और उसकी पत्नी निर्मलक्का को रायपुर पुलिस ने 2007 में गिरफ्तार किया गया था। पत्नी पर 157 तो पति पर 50 से अधिक मामले दर्ज थे। दंपति पर नक्सली होने और नक्सलियों के संगठन को मदद करने के अलावा अलग-अलग साजिश रचने के आरोप लगे थे। निर्मलक्का के तीन बच्चे हैं। बेटे के अलावा दो बेटियां हैं।

कब किया गया गिरफ्तार
दंपति के केस में अधिवक्ता क्षितिज दुबे ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि आखिरी मामला निर्मलक्का था जिसमें दंतेवाड़ा फास्ट टैक कोर्ट में फैसला सुनाया गया। यह मामला 2015 में दर्ज किया गया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश प्रतिभा वर्मा ने निर्मलक्का को बरी कर दिया। निर्मलक्का ने भावुक होते हुए बताया कि दंपति के खिलाफ 2007, 2008, 2014 और 2015 में मामले दर्ज किए गए थे। पति दिसम्बर, 2018 में बरी हुआ था।

यह भी पढ़ें:   कांग्रेस के तेजतर्रार प्रवक्ता राजीव त्यागी का निधन, शाम 5 बजे टीवी चैनल पर थे लाइव

यह पहला मामला नहीं
निर्मलक्का को नक्सलियों के बतौर लीडर होकर हिंसा, हत्या हत्या के प्रयास, आगजनी, सुरक्षाबलों पर हमला और राज्य के खिलाफ अशांति फैलाने के मामले बस्तर के विभिन्न थानों से पेश किए गया था। जानकारी के अनुसार ऐसे ही लापरवाही की शिकार निर्मलक्का नहीं है। कम से कम 50 और महिलाएं नक्सलियों के साथ देने के आरोप का सामना सालों से कर रही है। इनमें एक नामी महिला नक्सली पदमक्का भी है।

Don`t copy text!