युवक ने नाबालिग भाई के साथ दिया था वारदात को अंजाम
मुंबई। Traffic Constable Vilas Shinde Murder Case बांद्रा में ट्रैफिक पुलिस के सिपाही विलास शिंदे (Vilas Shinde) की हत्या के दोषी 23 वर्षीय युवक को सजा सुना दी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के एम जायसवाल ने दोषी अहमद कुरैशी (Ahmed Kureshi) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। शुक्रवार को कोर्ट ने कुरैशी को दोषी करार दिया था, शनिवार को उसे सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष ने कुरैशी को मौत की सजा सुनाने की मांग की थी। लेकिन बचाव पक्ष पैरवी करते हुए कहा कि दोषी आदतन अपराधी नहीं है, उसकी मां विधवा है। न्यायाधीश ने कहा कि केवल दुर्लभतम मामलो में मृत्युदंड दिया जाता है। दोषी अहमद कुरैशी ने लकड़ी के पट्टे से मार-मारकर विलास शिंदे को मौत के घाट उतार दिया था। इस अपराध में उसके नाबालिग भाई ने भी साथ दिया था। नाबालिग का केस दूसरी कोर्ट में चल रहा है।
फैसला सुनाते हुए जज ने कहा, “उनकी (कुरैशी की) कम उम्र, हथियार की प्रकृति और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए, मेरे विचार से यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है।” दूसरी ओर, अदालत ने यह भी कहा कि यदि पुलिस कर्मियों पर हमलों के मामलों में अनुचित उदारता दिखाई गई, तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। अदालत ने ये भी कहा कि मृतक पुलिसकर्मी के परिवार के सदस्य भी पीड़ित है, क्योंकि उन्हें बहुत नुकसान हुआ , इसलिए उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सजा सुनाए जाने के बाद कुरैशी ने अदालत से आग्रह किया कि उसे आर्थर रोड जेल से स्थानांतरित न किया जाए। उसने दलील दी कि वो एक ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहा है। इस पर न्यायाधीश ने उसे उचित प्राधिकारी से संपर्क करने के लिए कहा। उसे दोषी ठहराते हुए, अदालत ने अपराध को फिर से सुनाया, जिसमें बताया गया कि कैसे आरोपी ने कांस्टेबल विलास शिंदे को पीछे से लकड़ी के तख्ते से मारा, उसे पेट में लात मारी और भाग गया था।
अगस्त 2016 में, बांद्रा में गश्त ड्यूटी पर शिंदे (52) ने कुरैशी को बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाते देखा और उन्हें रोक दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जब शिंदे ने उनसे लाइसेंस और वाहन के दस्तावेज मांगे, तो कुरैशी ने शिंदे को लकड़ी के तख्ते से कई बार मारा, पेट में लात मारी और मौके से फरार हो गया। 16 साल का कुरैशी का भाई भी मारपीट में शामिल था। शिंदे को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई।