Palghar Mob Lynching : भीड़ ने दो साधुओं समेत तीन को मार डाला, सामने आए डरावने वीडियो

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शर्मसार कर देने वाली घटना पर घिरी उद्धव ठाकरे सरकार, पुलिस की बेबसी पर उठे सवाल

समाज से सवाल पूछती रहेगी साधू की आंखे

पालघर। Palghar Mob Lynching महाराष्ट्र (Maharashtra) के पालघर (Palghar) से सामने आई घटना से एक बार फिर साबित हुआ कि समाज का एक बड़ा तबका जाहिल है, जो कभी भी हिंसक भीड़ का हिस्सा बन सकता है। भीड़तंत्र में शामिल दरिंदे असल मायनों में जॉम्बीज हैं, जो सिर्फ और सिर्फ खून के प्यासे है। समाज में इतना जहर घुल चुका है कि हर दूसरा आदमी दुश्मन नजर आता है। कथित असुरक्षा का भाव तो देखिए कि ये जाहिल जान बचाने के लिए निर्दोष के प्राण ले रहे थे। पालघर में भीड़ ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर को मार-मार कर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा है। लॉ एंड ऑर्डर को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार के तमाम दावे बोगस साबित हुए है। वहीं पुलिस की बेबसी तो अपने आप में जांच का विषय है।

ये है पूरी घटना

मुंबई की कांदिवली से दो साधू चिकने महाराज कल्पवरुक्षगिरी (70) सुशील गिरी महाराज (35) ड्राइवर नीलेश तेलगाड़े के साथ सूरत जाने के लिए निकले थे। गुजरात के सूरत में एक साधु ब्रह्मलीन हो गए थे, लिहाजा दोनों साधु उनकी समाधि में शामिल होने जा रहे थे। लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ी महाराष्ट्र-गुजरात की बॉर्डर पर पहुंची तो पुलिस ने लॉकडाउन की वजह से उन्हें वापस लौटा दिया। जिसके बाद साधुओं ने तय किया कि वो दूसरे रास्ते से सूरत की तरफ जाएंगे। इसी दौरान पालघर जिले के एक गांव में हत्यारों की भीड़ ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। उनसे मारपीट शुरु कर दी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हत्यारों को शक था कि ईको कार में तीनों लोग साधू नहीं चोर है। ये लोग ग्रामीणों को किडनैप कर किडनी निकाल लेते है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण इलाके में ये अफवाह तेजी से फैल गई थी कि शातिर चोर इस लॉकडाउन का फायदा उठाने में लगे हुए है। लिहाजा जैसे ही हत्यारों को सुनसान रास्ते में ईको कार आती हुई दिखी उस पर हमला कर दिया।

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भीड़ की इस दरिंदगी को देख रो देंगे आप

हत्यारों ने साधुओं की कार पलट दी। उन्हें बुरी तरह पीटना शुरु कर दिया। इतने में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख लहूलुहान हालत में भी साधुओं को बचने की उम्मीद नजर आई। पुलिस ने साधुओं को अपनी गाड़ी में बैठाने की कोशिश की। लेकिन बेकाबू भीड़ नहीं मानी। दरिंदों ने मार-मारकर उनके प्राण ले लिए। रविवार को सामने आए वीडियो देखकर लग रहा है कि पुलिस ने भी मौके पर सख्ती नहीं दिखाई, वर्ना तीनों की जान बच सकती थी। जानकारी के मुताबिक दोनों साधु जूना अखाड़े के सदस्य थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने घटना की निंदा करते हुए नाराजगी व्यक्त की है।

इतनी बेबस पुलिस और बेरहम दरिंदे

बवाल मचा तो सामने आई सरकार

गुरुवार रात हुई घटना पर हल्ला रविवार को मचा तो सरकार ने बताया कि घटना में शामिल 110 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, इनमें से 9 नाबालिग है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि – पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है। जिन्होंने २ साधुओं, १ ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा।

सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

वहीं महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का बयान भी सामने आया। उन्होंने ट्वीट भी किया कि-  मुंबईसे सूरत जानेवाले ३ लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल १०१ लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नज़र रखेगी।

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इस मामले को सांप्रदायिकता से जोड़ने की भी कोशिशे तेज हो गई है। लिहाजा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अऩिल देशमुख ने ट्वीट किया कि- हमला करने वाले और जिनकी इस हमले में जान गई – दोनों अलग धर्मीय नहीं हैं। बेवजह समाज में/ समाज माध्यमों द्वारा धार्मिक विवाद निर्माण करनेवालों पर पुलिस और महाराष्ट्र साइबर सेल को कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीटर पर वीडियो जारी कर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की।

इस घटना को लेकर देशभर में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है। छत्रपति महाराज शिवाजी से लेकर बाला साहेब ठाकरे तक को लोग याद कर रहे है।

‘’महाराष्ट्र के पालघर मे पुलिस की उपस्थिति मे जूना अखाड़ा के 2 वृद्घ संत जिनका नाम कल्पवृक्ष गिरि ,सुशील गिरि को क्रूरता से मार डाला गया।बाला साहब के महाराष्ट्र मे संतो के साथ जघन्य अपराध की कल्पना भी ना थी।‘’

योगेश्वर दत्त, खिलाड़ी

‘’महाराष्ट्र शासन के माथे पर कलंक है पालघर की लोमहर्षक घटना ! छत्रपति महाराज शिवाजी की धरा पर मित्रता-शत्रुता से उपर उठ चुके साधुओं को अगर उन्मादी जाहिल भीड़ घेर कर मार दें तो यह उस ऐतिहासिक परम्परा पर धब्बा है जिसमें शत्रुपक्ष की महिलाओं तक को आदर दिया जाता है। भीषण दंड मिले।‘’

कुमार विश्वास, कवि

‘ये भीड जो लगी हुई है ख़ून की तलाश पे इसे इनाम मिल रहा है एक एक लाश पे ये भीड जिसकी डोर है मदारियों के हाथ में ये भीड जो खडी हुई है ज़ालिमों के साथ में ये भीड़ चाहती है संविधान को नकार दे ये भीड़ बेलगाम है ये कब किसी को मार दे सरकार क़ातिलों को सख्त से सख़्त सज़ा दे’

इमरान प्रतापगढ़ी, शायर

 

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