सेंट्रल जेल में बंदी ने की आत्महत्या, पेट के अंदर मिला सुसाइड नोट

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पेट के अंदर कैसे साबुत बचा सुसाइड नोट, जानकर चौक जाएंगे

Nashik Central Jail
सांकेतिक चित्र

मुंबई। महाराष्ट्र के नाशिक (Nashik) से आत्महत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सेंट्रल जेल (Nashik Central Jail) में एक बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) कर ली। 32 वर्षीय बंदी हत्या का दोषी था, वो सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। पुलिस ने गुरुवार को घटना की जानकारी दी। दिलचस्प बात ये कि बंदी के पेट के अंदर से सुसाइड नोट बरामद किया गया है। कयास लगाए जा रहे है कि सुसाइड नोट गायब किए जाने के डर से बंदी ने ये तरकीब लगाई होगी।

आटोप्सी में मिला सुसाइड नोट

32 वर्षीय असगर अली मंसूरी (Asghar Ali Mansoori) हत्या का दोषी था। उसे नासिक की सेंट्रल जेल में रखा गया था। जहां 7 अक्टूबर को असगर ने फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। ऑटोप्सी के दौरान डॉक्टरों को असगर के पेट के अंदर सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट पॉलीथिन में लिपटा हुआ था।

प्रताड़ित करते थे जेलकर्मी

असगर अली मंसूरी की सजा पूरी होने ही वाली थी। लिहाजा उसे जेल में वार्डर बना दिया गया था। बता दें कि जेल में वार्डर का काम अन्य कैदियों की देखभाल का होता है। सुसाइड नोट के मुताबिक जेल के अधिकारी और कर्मचारी मंसूरी को प्रताड़ित करते थे। वार्डर बनाए जाने के बावजूद उसे वार्डर का काम नहीं दिया जाता था। कर्मचारी उसे वार्डर नहीं समझते थे।

पढ़ा-लिखा नहीें था

पुलिस अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि वे सुसाइड नोट के आरोपों की जांच कर रही है। लेकिन एक तथ्य ये भी सामने आ रहा है कि असगर मंसूरी पढ़ा-लिखा नहीं था, तो फिर उसने सुसाइड नोट लिखा कैसे। अंदेशा लगाया जा रहा है कि सुसाइड नोट लिखने में किसी अन्य बंदी ने असगर की मदद की होगी। वहीं जेल अधिकारियों ने असगर को प्रताड़ित करने के आरोपों से इनकार किया है।

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वहीं मंसूरी की मौत के बाद अऩ्य बंदियों भी उच्च अधिकारियों को पत्र लिख जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पत्र में भी जेल अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए गए है।

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