JK Hospital Update: कोविड वार्ड में भर्ती मरीज के जेवरात चोरी

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JK Hospital Update: कोरोना बीमारी के चलते चार दिन अस्पताल में भर्ती रही थी वृद्धा

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कोलार थाना—फाइल फोटो

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज (JK Hospital Update) एक बार फिर जेके अस्पताल से मिल रही है। यह अस्पताल पिछले एक महीनों से मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। यह सुर्खियां कोरोना महामारी के काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की है। अस्पताल के आईटी मैनेजर आकाश दुबे (Akash Dubey), मेल नर्स इस मामले में झलकन सिंह मीणा (Jhalkan Singh Meena) और नर्स शालिनी वर्मा (Shalini Verma) तीनों जेल जा चुके हैं। ताजा मामला कोरोना संक्रमित एक वृद्धा के जेवरात चोरी होने का है। इस संबंध में कोलार थाने में एफआईआर दर्ज हुई है।

इंदौर से लौटकर दर्ज कराई एफआईआर

कोलार थाना पुलिस ने इस संबंध में 29 मई को चोरी का केस दर्ज किया है। इसकी शिकायत नेहरु नगर निवासी सार्थक जोशी पिता सुदर्शन जोशी उम्र 25 साल ने दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनकी 55 वर्षीय मां अल्पना जोशी को कोरोना हो गया था। इस कारण 17 अप्रैल को जेके अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। अस्पताल में 22 अप्रैल की दोपहर लगभग डेढ़ बजे मौत हो गई थी। जब अल्पना जोशी (Alpana Joshi) भर्ती हुई थी उस वक्त सोने का मंगलसूत्र, दोनों हाथों में पहने सोने के कंगन, कान में पहनी सोने की बाली, नाक की लौंग, पैरों में पहनी बिछिया और चांदी की पायल नहीं थी। इस संबंध में जेके अस्पताल से भी विरोध जताते हुए जेवरात मांगे थे।

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प्रबंधन का मीडिया से दूरी बनाने का दबाव

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जेके अस्पताल का आईटी मैनेजर आकाश दुबे जो शनिवार को जेल गया- File Image

इसके बाद वह अंत्येष्टि कार्यक्रम में व्यस्त हो गया। फिर सार्थक जोशी (Sarthak Joshi) जरुरी काम से इंदौर जाना पड़ा। वहां से लौटकर वह सीधे थाने पहुंचा। उल्लेखनीय है कि 24 अप्रैल से जेके अस्पताल सुर्खियों (JK Hospital Update News) में हैं। यहां के तीन छोटे—बड़े कर्मचारी गिरफ्तार मामलों में जेके अस्पताल प्रबंधन कुछ नहीं बोला। स्वास्थ्य विभाग अलग से रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच कर रहा है। जबकि कोलार थाने में दर्ज मामले में जनसंपर्क अधिकारी अनिकेत पांडे (Aniket Pande) से प्रतिक्रिया के लिए फोन लगाया गया। उन्होंने हमेशा की तरह इस बार भी फोन नहीं उठाया। उनसे एसएमएस भेजकर भी प्रतिक्रिया मांगी गई। उसके बावजूद कोई जवाब नहीं दिया गया। जेके अस्पताल सूत्रों ने बताया कि प्रबंधन का मीडिया से बातचीत न करने का दबाव है। अस्पताल इस बात की विशेष निगरानी भी करा रहा है।

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