Medwin Hospital Death Case: तबीयत बिगड़ने पर रैफर करने के लिए गिडगिडाते रहे कांग्रेस नेता के परिजन, पीएम रिपोर्ट के बाद निर्णय लेगी पुलिस
भोपाल। शहर की गलियों में खुले एक अस्पताल की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई। यह घटना भोपाल सिटी में स्थित मेडविन अस्पताल (Medwin Hospital Death Case) में हुई है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने महिला की तबीयत बिगड़ने के बावजूद उसको दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी मुहैया नहीं कराई। यह मामला भोपाल सिटी में स्थित निशातपुरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने फिलहाल मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद जांच के बिंदु तय किए जाएंगे।
एम्बुलेंस भी मुहैया नहीं कराई
निशातपुरा थाना पुलिस के अनुसार 18—19 जनवरी की रात लगभग डेढ़ बजे मेडविन अस्पताल से अनिल मालवीय (Anil Malviya) ने छोटी बहन की मौत की सूचना दी थी। शव की पहचान अंकिता मालवीय पिता गरीब दास मालवीय उम्र 30 साल के रुप में हुई है। उसकी शादी झांसी में हुई थी। लेकिन, पति से अनबन के चलते वह मायके में आकर रहने लगी थी। उसका मायका निशातपुरा स्थित जनता नगर के फेज—3 में हैं। अंकिता मालवीय (Ankita Malviya) की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। उसको परिजन मेडविन अस्पताल इलाज करने के लिए लेकर गए थे। यहां उसको एक बॉटल खून चढ़ाया गया था। जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। आरोप है कि परिजन अस्पताल प्रबंधन से दूसरे अस्पताल शिफ्ट करने के लिए एम्बुलेंस मांगते रहे। लेकिन, उनकी फरियाद नहीं सुनी गई। निशातपुरा पुलिस मर्ग 01/22 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिया है। अंकिता मालवीय के पिता गरीब दास मालवीय (Garib Das Malviya) कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता भी है।
अस्पताल में थी ऐसी बदइंतजामी
पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला है कि अंकिता मालवीय को जिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था वह केके मिश्रा (KK Mishra) के नाम पर है। अस्पताल के संचालक डॉक्टर दिलशाद अहमद सैफी (Dr Dilshad Ahmed Saifi) है। उनकी प्रतिक्रिया के लिए कई बार अस्पताल में संपर्क किया गया। यह संपर्क …..98141 पर किया गया। इस फोन को एक महिला ने रिसीव किया। पहले घटनाक्रम सुनने के बाद तुरंत फोन काट दिया गया। फिर दूसरे नंबरों से फोन करने पर महिला का कहना था कि डॉक्टर दिलशाद अहमद सैफी शहर से बाहर है। जबकि महिला से अस्पताल संचालक का नंबर मांगा जा रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार सैफी होम्योपैथिक चिकित्सक हैं। रात को खून चढ़ाते वक्त अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर भी मौजूद नहीं था। मामले की जांच एएसआई संतराम खन्ना (ASI Santram Khanna) के पास है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एमसीआई बोर्ड से अभिमत लेने के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
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