Pyare Miyan Rape Case: टीआई बोलीं मुझे अफसरों ने जाने के लिए कहा, अफसर जवाब नहीं दे पा रहे, बालिका गृह में प्यारे मियां के खिलाफ गवाह देने वाली नाबालिग की मौत का मामला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के चर्चित प्यारे मियां रेप केस (Pyare Miyan Rape Case) में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में एक अहम गवाह की हमीदिया अस्पताल में बुधवार रात लगभग पौने दस बजे मौत हो गई। इस मौत को लेकर पिछले चौबीस घंटे से शहर में कई तरह की चर्चाएं चल रही थी। इधर, मौत के बाद बाकी बचे चार गवाहों में से एक गवाह (Pyare Miyan Rape Victim) के भाई ने दावा किया है कि संप्रेक्षण गृह में कुछ दिन पहले महिला थाने की प्रभारी आई थीं।
इन आरोपों पर टीआई का कहना है कि वह अफसरों के कहने पर वहां गई थी। हालांकि अफसर इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके। द क्राइम इंफो इस संगीन मामले में बेहद सावधानी से पत्रकारिता का निर्वहन कर रहा है। उसके पास आरोप और पक्ष लेने से संबंधित सारे प्रमाण मौजूद हैं। यह बात पिछले दो दिनों से सामने आ रही है। जिसकी जांच से पहले अफसरों की तैनाती बने रहने पर सवाल भी खड़े परिजनों की तरफ से किए जा रहे हैं।
आप अस्पताल आ जाइए मैं वीडियो भी दूंगा
आरोप लगाने वाला व्यक्ति नेहरू नगर स्थित बालिका संप्रेक्षण गृह (Bhopal Girl Shelter Home News) में मौजूद चार बालिकाओं में से एक का भाई है। बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। इसलिए उसके नाम और परिचय का खुलासा नहीं किया जा रहा है। हालांकि द क्राइम इंफो के पास बातचीत से संबंधित सारी रिकाॅर्डिंग उपलब्ध है। भाई का आरोप है कि जिस नाबालिग की मौत हुई उससे कुछ दिन पहले महिला थाने की प्रभारी ने मुलाकात की थी। मैं उनका नाम नहीं जानता हूं। इस संबंध में मेरे पास वीडियो भी मौजूद हैं। यह उपलब्ध कराने के संबंध में उसका कहना था कि वह हमीदिया अस्पताल में आकर लेने का दावा करता रहा। उसने संप्रेक्षण गृह के एक अफसर पर भी काफी संगीन आरोप लगाए हैं। परिवार को पांच महीने से मुलाकात करने नहीं दिया जाता है। लेकिन, उसके पास गोलियां पहुंच जाती है।
पहले पक्ष रखा फिर कहा अफसरों से बात करें
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए महिला थाना प्रभारी अजीता नायर (Ajita Nayar) से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा कि बालिका संप्रेक्षण गृह में आने-जाने के नियम बने हुए हैं। मामले में मजिस्ट्रीयल जांच प्रस्तावित है और वह सामने आ जाएगा। मैं वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद वहां गई थी। मेरा क्षेत्र भी वहां नहीं आता है। सीडब्ल्यूसी जाने के नियम देखती है। इसके बाद थाना प्रभारी कहने लगी कि आप अफसरों से एक बार चर्चा कर लें। इस मामले में एसपी साउथ साईं कृष्णा थोटा (Sain Krishna Thota) से प्रतिक्रिया के लिए फोन लगाया गया। उन्होंने फोन नहीं उठाया। प्रतिक्रिया के लिए मैसेज भी किया गया। जवाब नहीं दिया गया।
छावनी बना हमीदिया अस्पताल
मौत के बाद इस संवेदनशील मामले में हमीदिया अस्पताल को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। हमीदिया अस्पताल में कलेक्टर अविनाश लावनिया (IAS Avinash Lavaniya) के अलावा पुलिस के आला अफसर वहां मौजूद थे। घटना को लेकर मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दो दिन पहले ही दे दिए गए थे। जांच एडीएम माया अवस्थी कर रही हैं। उन्होंने अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति के पास तथ्य या जानकारी मौजूद हो तो वह उनसे साझा कर सकता है। एडीएम हमीदिया अस्पताल के अलावा नेहरू नगर स्थित बालिका गृह (Nehru Nagar Shelter Home) भी गई थी। इधर, गुरूवाार को हमीदिया अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात था। दरअसल, यहां नाबालिग के शव का पोस्टमार्टम चल रहा था। समाचार लिखे जाने तक पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। कमला नगर थाना पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम किया है।
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नींद की गोलियां मिली थीं
इस मौत के मामले में दैनिक भास्कर समाचार पत्र (Dainik Bhaskar News) में भी एक तथ्य चैका देने वाला सामने आया है। न्यायाधीश कुमुदनी पटेल की अध्यक्षता में एसपी साउथ साईं कृष्णा थोटा की संयुक्त टीम ने बालिका गृह का औचक निरीक्षण भी किया था। इस दौरान नींद की गोलियां के खाली रैपर मिले थे। नाबालिग के पास यह दवाएं कैसे पहुंची जिस पर बालिका गृह प्रबंधन और जिला महिला बाल विकास विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े हुए थे। जिसके बाद बालिका गृह की अधीक्षिका अंतोनिया कुजूर एक्का का तबादला कर दिया गया। यहां की अधीक्षिका योगिता मुकाति (Yogita Mukati) को बनाया गया है। प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि एक नाबालिग पर गर्म पानी फेंका गया था।
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