‘Amit Shah’ की सिफारिश पर Vice Chancellor बनाने की बजाए MP Governor ने करा दी FIR

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एसटीएफ ने डेंटल सर्जन और विंग कमांडर को किया गिरफ्तार

MP STF Arrest
लाल जैकेट में विंग कमांडर कुलदीप वाघेला और काली जैकेट में डेंटल सर्जन चंद्रेश शुक्ला

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) किसी काम के लिए सिफारिश कर दें तो सब संभव है। इसी ओवर कॉन्फिडेंस में राजधानी के डेंटल सर्जन चंद्रेश कुमार शुक्ला (Dental Surgeon Chandresh Shukla) ने अपने दोस्त और भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला (Wing Commander Kuldeep Waghela) के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (MP Governor Lal Ji Tandon) को फोन लगवाया था। फोन पर चंद्रेश कुमार को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर का कुलपति बनाने की सिफारिश की गई थी। लेकिन राज्यपाल ने कुलपति बनाने की बजाए उसे गिरफ्तार करा दिया। इतना हाई वोल्टेज सोर्स लगवाने के बाद भी डेंटल सर्जन और विंग कमांडर को एफआईआर क्यों झेलनी पड़ी, इसकी वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

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29 जुलाई 2019 को राजभवन से मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति चयन हेतु अधिसूचना जारी की गई थी। कुलपति बनने के लिए डेंटल सर्जन चंद्रेश कुमार शुक्ला (Chandresh Shukla) ने भी आवेदन किया था। 3 जनवरी 2020 को शुक्ला कुलपति के लिए आयोजित साक्षात्कार में भी शामिल हुए थे। जिसके बाद शुक्ला ने एड़ी-चोटी का जोर लगाने की कोशिश की। उसने एयरफोर्स हेड क्वार्टर में पदस्थ अपने दोस्त विंग कमांडर कुलदीप वाघेला (Kuldeep Waghela) से मदद मांगी। शुक्ला चाहते थे कि उन्हें कुलपति बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को फोन लगा दें। शुक्ला को भरोसा था कि राज्यपाल लालजी टंडन गृह मंत्री अमित शाह की सिफारिश नहीं टालेंगे और उन्हें कुलपति की कुर्सी मिल जाएगी। लेकिन शुक्ला को क्या पता था कि उसकी करतूत उसे जेल भिजवा सकती है।

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मध्यप्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के एडीजी अशोक अवस्थी (ADG Ashok Awasthi) ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि राज्यपाल लालजी टंडन को गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर फर्जी फोन लगाया गया था। चंद्रेश शुक्ला के कहने पर विंग कमांडर कुलदीप वाघेला ने अमित शाह बनकर राज्यपाल से बात की थी। इतना ही नहीं चंद्रेश शुक्ला ने राज्यपाल को फोन लगाकर कहा था कि अमित शाह उनसे बात करना चाहते है। जिसके बाद कॉन्फ्रेंस कॉल पर अपने दोस्त कुलदीप वाघेला को लिया और राज्यपाल से बात कराई। कुलदीप वाघेला ने भी अमित शाह बनकर राज्यपाल से बात की और चंद्रेश शुक्ला को कुलपति बनाने की सिफारिश की।

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राज्यपाल लालजी टंडन को शक हो गया था। उन्हें शंका थी कि ये फर्जी कॉल हैं, कोई अमित शाह बनकर उनसे बात कर रहा है। लिहाजा उन्होंने गृह मंत्रालय से बात की, तो कंफर्म हो गया कि उन्हें अमित शाह ने फोन नहीं किया था। जिसके बाद राजभवन कार्यालय ने परिसहायक के माध्यम से धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।

मामले की विवेचना के बाद एसटीएफ ने साकेत नगर निवासी चंद्रेश कुमार शुक्ला को गिरफ्तार किया। चंद्रेश शुक्ला डेंटल वर्ल्ड नामक क्लीनिक चलाता था। वहीं एयर चीफ मार्शल की अनुमति के बाद विंग कमांडर कुलदीप वाघेला को गिरफ्तार किया गया है। कुलदीप 2005 बैच का आईएएफ अधिकारी है, वो रतलाम का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल रामनरेश यादव के कार्यकाल के दौरान कुलदीप वाघेला राजभवन में एडीसी के पद पर पदस्थ था।

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