MP Political News: एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की बेटी ने पत्रकारों से मांग की राजधानी के विठ्ठल बाजार का नाम बिट्टन करा दो, भावुक होकर वह इसलिए बोली
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भोपाल। दूसरे विश्व युद्ध में मेरी मां पैदल चलकर मध्यप्रदेश (MP Political News) आई थी। सरकार ने विट्ठल बाजार नाम कर दिया है। जबकि वह बिट्टन मार्केट (Bittan Market Story) हैं। यह बातें हुए अपनी मांग एमपी के पूर्व सीएम रहे अर्जुन सिंह (EX CM Arjun Singh) की बेटी वीणा सिंह ने की। उन्होंने भोपाल में मोटल शिराज (Motel Shiraz) में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान अपने माता—पिता से जुड़े कई किस्से साझा किए। हालांकि वे अपनी मां की याद में प्रकाशित पुस्तक के विमोचन को लेकर जानकारी देने मीडिया के सामने आई थी। उन्होंने अपने बयान में बताया कि एक बार पिता के कांग्रेस छोड़ने की सिर्फ अफवाह फैली थी, तब उन्होंने पति को ही छोड़ने की चेतावनी दे दी थी। ऐसे ही कई अन्य चौंका देने वाली बातें उन्होंने पत्रकार वार्ता के दौरान बताई।
मेरे परिवार के बारे में कुछ बोलने के पहले पढ़ लें
मोटल शिराज में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान वीणा सिंह (Veena Singh) ने बताया कि 12 अगस्त को मेरी मां की जीवन पर केंद्रीत पुस्तक (Arjun Singh Wife Book) का विमोचन किया जा रहा है। जिसमें सोनिया गांधी समेत 11 लोगों ने उनके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने अपनी पुरानी स्मृतियों पर ध्यान देते हुए कहा कि हम सी—19 में रहते थे। तब शहर के प्रशासक एमएन बुच (MN Buch) हुआ करते थे। दोनों परिवारों के बीच काफी घनिष्ठता थी। मेरी मां सरोज कुमारी को पिता अर्जुन सिंह बिट्टन कहकर बुलाते थे। यह उनका निक नेम था। जिसको हर कोई नहीं जानता था। इसलिए उन्होंने बिट्टन मार्केट बनाने का निर्णय लिया था। अब उसका नाम विट्ठल बाजार कर दिया गया है। वीणा सिंह ने बताया कि मेरी मां ने पर्दे के पीछे रहकर बहुत कुछ किया है। जिसके बारे में मेरी इच्छा थी कि एक बार जरूर वह बातें पुस्तक के रूप में उसका प्रकाशन करूंगी। इसी मकसद से विंध्य की बेटी नाम से पुस्तक का प्रकाशन हुआ है। यह अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन की तरफ से किया जा रहा है। वीणा सिंह ने बताया कि उनकी मां छह साल की उम्र में वर्मा से भारत आई थी। उनकी तेरह साल की उम्र में मेरे पिताजी अर्जुन सिंह के साथ शादी हुई थी। उस वक्त देश में कम उम्र में शादी को लेकर इतनी सख्ती नहीं होती थी।
मेरा राजनीति से कोई लेना—देना नहीं हैं
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वीणा सिंह ने कहा कि फाउंडेशन (Arjun Singh Foundation) की स्थापना 2016 में की गई थी। हमारी तरफ से आदिवासी परिवारों के लिए बहुत कुछ किया गया है। बीच में कोरोना के कारण हमारे मिशन में जरूर विराम लग गया था। उन्होंने बताया कि अब तक अर्जुन सिंह को लेकर बहुत सारी पुस्तके प्रकाशित हुई है। लेकिन, पहली बार उनकी पत्नी और मेरी मां सरोज कुमारी (Saroj Kumari) के जीवनी पर बातचीत हो रही है। पुस्तक में 151 मुहावरे हैं जो उनके मुंह से मैंने सुने हैं। कुछ मुहावरे बघेली भाषा में भी हैं। वे अपनी हर बात मुहावरों के जरिए करती थी। इसलिए उसको पुस्तक की शक्ल में लाने का मकसद था। यह कार्यक्रम 12 अगस्त को रवीन्द्र भवन में होगा। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) समेत कई अन्य बड़े कांग्रेस के राजनीतिक चेहरे सामने होंगे। एक सवाल के जवाब में वीणा सिंह ने कहा कि उनका राजनीति से कोई लेना—देना नहीं है। यह केवल साहित्य जगत का मंच है।
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