Bhopal Court News: मैन पॉवर सप्लाई करने वाली कंपनी से नौ हजार रूपए लेते हुए रंगे हाथों हुआ था गिरफ्तार
भोपाल। रेलवे विभाग में तैनात निरीक्षक को भोपाल सीबीआई की विशेष अदालत (Bhopal Court News) ने दोषी करार दिया है। यह फैसला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा की अदालत ने सुनाया है। दोषी करार दिए गए इंस्पेक्टर ने मैन पॉवर सप्लाई करने वाली फर्म से बिल पास कराने के बदले में रिश्वत मांगी थी। दोषी करार दिया गया रेलवे अफसर 2007 में पकड़ाया था।
इन्होंने पेश की थी दलीलें
जानकारी के अनुसार जिला अदालत में प्रकरण चल रहा था। जिसमें आरोपी डीसी अग्रवाल (DC Agrawal) था। वह इटारसी स्थित स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर तैनात था। उसकी नौकरी वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे में थी। डीसी अग्रवाल ने मैसर्स रौनक सिक्योरिटी एण्ड लेबर सप्लायर्स से रिश्वत मांगी थी। इस कंपनी के पास हरदा और इटारसी में सफाई के ठेके चलते थे। बिल प्रोसेस करने के बदले में 9,000 रूपये की रिश्वत की मांगी गई थी। जिस पर सीबीआई एसीबी भोपाल की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगो हाथों गिरफ्तार किया था। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने 19 अप्रैल को अपना फैसला सुनाया। जिसमें धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 2 वर्ष कठोर कारावास और 5000 रुपए जुर्माना। इसको अदा न करने पर 3 महीने का कारावास। इसके अलावा धारा 13(2) धारा 13(1)(d) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी गई। पांच हजार रुपए जुर्माना अदा न करने पर तीन महीने का साधारण कारावास की सजा सुनाई गई। इस मामले में सीबीआई की और से अभियोजन कार्यवाही डॉ मनफूल विश्नोई ने की थी।
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