Vyapam Return’s: डीएमई के रिटायर्ड अफसर पूछताछ के लिए तलब

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स्पेशल टास्क फोर्स ने तीन नए मामले किए दर्ज, दो फोटो गलत तो एक ने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाकर हासिल किया पीएमटी का कोटा

Vyapam Return'sभोपाल। मध्यप्रदेश का बहुचर्चित व्यापमं घोटाला (Madhya Pradesh Vyapam Scam) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। मामले की जांच कर रही स्पेशल टास्क फोर्स (MP STF) ने अब तक छह नए मुकदमे दर्ज कर लिए हैं। यह वह मुकदमे हैं जिसे केद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau Investigation) ने लेने से इंकार कर दिया था। एसटीएफ (Special Task Force) अब तक 197 शिकायतों में से 6 पर एफआईआर दर्ज कर चुकी है। ताजे तीन मामलों में दो व्यक्तियों के गलत फोटो लगाकर एडमिशन कराने और एक फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र (Fake Citizen Certificate) बनाकर मध्यप्रदेश कोटे से दाखिला लेने का आरोप लगा है। इन आरोपों की जांच की जद में लोक स्वास्थ्य संचालनालय (Director Of Medical Education) के अफसर भी फंस रहे हैं। इनमें से कई अफसर रिटायर हो चुके हैं। जिन्हें एसटीएफ पूछताछ के लिए तलब कर चुकी है।

यह जानकारी देते हुए एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी (ADG Ashok Avasthi) ने बताया कि जिन तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उसमें डॉक्टर पल्लव अमृतफाले, डॉक्टर हितेश अलावा और डॉक्टर देवाशीष विश्वास हैं। पल्लव मूलत: रीवा का रहने वाला है जिसने एसएस मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। पल्लव 2009 बैच पीएमटी का छात्र रहा है। उसका प्रवेश पत्र और काउसलिंग के दौरान फोटो अलग—अलग पाए गए हैं। इसी तरह डॉक्टर हितेश अलावा ने पीएमटी 2009 में पास की थी। हितेश ने ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। हितेश के पीएमटी प्रवेश पत्र और काउसलिंग के फॉर्म में फोटो अलग—अलग पाए गए है। इसके अलावा देवाशीष विश्वास ने फर्जी मूल निवासी प्रमाण पत्र बनाकर कोटा हासिल किया है। देवाशीष ने 2007 में परीक्षा पास की थी। देवाशीष ने टीकमगढ़ से फर्जी प्रमाण पत्र बनाया था। एडीजी ने बताया कि इससे पहले तीन मुकदमे दर्ज किए थे वे आरोपी सीमा पटेल, विकास अग्रवाल और सीताराम शर्मा है। इन तीनों की तलाश में एसटीएफ सरगर्मी से जुटी हुई है।

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देर आए पर दुरूस्त आए

व्यापमं का चर्चित घोटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Former CM Shivraj Singh Chouhan) के कार्यकाल में हुआ था। उस दौरान कांग्रेस पार्टी ने जमकर शिकायतें की थी। ताजा मामलों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) ने शिकायत की थी। इन्हीं शिकायतों में ताजा मामले जो दर्ज किए जा रहे है वे ही अभ्यथी। है। इससे पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पूरे मामले को सीबीआई का विषय बताकर मामले से पल्ला झाड़ लिया था। देरी के सवाल पर एडीजी अशोक अवस्थी ने बताया कि सीबीआई ने 2015 तक के केस जांच में लिए थे। आदेश सुप्रीम कोर्ट का था। इसलिए सरकार यह तय नहीं कर सकी थी बाकी शिकायतों के संबंध में क्या किया जाए। इस कारण गृह मंत्री बाला बच्चन (Home Minister Bala Bachhan) ने स्थिति साफ करते हुए बाकी जांच पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।

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