Bhopal Cyber Fraud: झांसा देकर ऐंठी गई रकम निकालने के लिए लोगों से कर्ज लेकर जालसाजों की डिमांड पूरी करता चला गया
भोपाल। नौकरी देने के बहाने जालसाजों ने एक युवक को फंसा लिया। वह सोशल मीडिया में आए लिंक पर क्लिक करने के बाद आरोपियों के संपर्क में आया था। मामले की जांच दो महीने से भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) शहर के सायबर क्राइम ब्रांच कर रही थी। आरोपियों ने करीब साढ़े छह लाख रुपए ऐंठ लिए थे। पुलिस को अभी तक आरोपियों का पता नहीं चल सका है।
तीन बार इंटरव्यू लेकर हुआ था सिलेक्शन
क्राइम ब्रांच (Crime Branch) के अनुसार इस मामले की शिकायत 17 अगस्त को की गई थी। पीड़ित से करीब छह लाख 59 हजार रुपए ऐंठ लिए गए थे। जिसकी जांच के बाद अब 21 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने अरविंद कुमार पटेल (Arvind Kumar Patel) पिता राजभान पटेल उम्र 35 साल की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया है। वह रातीबड़ (Ratibarh) स्थित गोरा गांव में रहता है। उसके पास 06 अगस्त को उसके पास इंस्टाग्राम में जॉब के जरिए लिंक आई थी। उस पर क्लिक करने पर एक मोबाइल नंबर पर चैटिंग हुई। उसको टेलीग्राम एप डाउनलोड कराने के बाद टारगेट पूरा करने पर एक से पांच हजार रुपए प्रतिदिन का भुगतान करने का झांसा दिया गया। अरविंद कुमार पटेल जाल में फंस गया और वह ऐसा करता चला गया। उसको श्रृद्धा दिनेशभाई (Shraddha Dineshbhai) आईडी से जोड़ा गया था। जॉब देने से पहले उसका तीन बार इंटरव्यू भी लिया गया था। उसे कंपनी की तरफ से पहली बार 123 रुपए दिए थे। उसको एक ग्रुप में जोड़ा था जिसमें उसको कमेंट करना होता था। हर कमेंट पर कंपनी ने दस रुपए का भुगतान करने का झांसा दिया था। इसके बाद दूसरे ग्रुप में जुड़ने पर हर रोज मिलने वाले 20 टास्क को पूरा करने पर प्रति कमेंट 30 रुपए का लालच दिया गया। यह सभी वीडियो टास्क थे जिसको पूरा करने पर उसने श्रद्धा को उसकी स्क्रीन शॉट भेजी। इसके बाद उसे एक हजार रुपए खाते में जमा कराकर 30 फीसदी कमीशन का वाला टारगेट मिला। उसमें उसे 1300 रुपए कमीशन दिया गया।
राष्ट्रीय स्तर के हेल्प लाइन में करना पड़ा कॉल
ऐसा ही अगला टारगेट पूरा करने पर कंपनी ने फिर 3900 रुपए का भुगतान कर दिया। फिर अगले टारगेट के लिए तीन हजार रुपए जमा कराए गए। तब उसको कोड देते हुए उसे ज्वाइन करने के लिए 11889 रुपए मांगे गए। टास्क पूरा करने के पूर्व गारंटी के नाम पर कंपनी ने फिर उससे 31889 रुपए जमा करने बोले। यहां जब अरविंद कुमार पटेल पूरी तरह से फंस गया तो कंपनी ने बोला कि उसका खाता फ्रीज हो गया है। उसे अनफ्रीज कराने के लिए 50 हजार रुपए देना होगा। इसके बाद पूर्व से लेकर जब तक जमा राशि वापस मिल जाएगी। बताया गया कि वह अभी भी फ्रीज है तो उसको फिर दो किस्त में 50—50 हजार रुपए देना पड़े। इसके बाद बताया गया कि उसका क्रेडिट स्कोर खराब है। जिसको बहाल करने के लिए एक लाख रुपए देना होंगे। यह रकम भी उसने जमा कर दी। ऐसे ही कई अन्य बहानों के साथ उससे रकम ऐंठी जाती रही। जब उसे अहसास हुआ कि वह फर्जीवाड़ा का शिकार हो गया है तो उसने राष्ट्रीय स्तर पर जारी सायबर फ्रॉड के हेल्प लाइन पर कॉल किया। इसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस जिन खातों में रकम गई और जिन मोबाइल से फ्रॉड हुआ उसकी जानकारी जुटा रही है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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