Fake Insurance Racket: दवा कंपनी की आड़ में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के स्टेट सायबर सेल ने एक रैकेट (Fake Insurance Racket) का भंडाफोड़ किया है। यह रैकेट दिल्ली से दवा कंपनी की आड़ में फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। जहां से वह रिटायर्ड कर्मचारियों को फोन करके बंद पॉलिसी शुरु करने के नाम पर फजीवाड़ा करता था। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
यह था मामला
थाना सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध भोपाल ने यह कार्रवाई की है। आरोपियों ने भोपाल के रिटायर्ड भेल कर्मचारी से 40 लाख की ठगी की थी। इस मामले में दिल्ली औरकानपुर से 04 आरोपियों की गिरफ्तारी की है। पुलिस का दावा है कि चारों आरोपी को वित्तीय संस्थानों के कार्यवाही की जानकारी थी। आरोपी पहले बैंक और इन्श्योंरेंस कंपनियों में काम कर चुके हैं। आरोपियों से खातों के अलावा करीब 20,000 इन्श्योरेंस पॉलिसी का डाटा भी बरामद हुआ है। आरोपियों ने दूसरे कई अन्य राज्यों में भी फर्जीवाड़ा किया है। जिसके संबंध में जानकारी एजेंसियों से साझा की जा रही है।
करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा
इस मामले की एफआईआर 2020 में दर्ज की गई थी। भेल कर्मचारी से बजाज एलायंस की इन्श्योंरेंस पॉलिसी को चालू कराने के नाम पर वर्ष 2018 से 2020 तक उन्हें व्हाट्स एप्प पर व ईमेल पर जानकारी मंगाई गई थी। इस मामले में पहली गिरफ्तारी 3 अप्रैल को कानपुर से नितिन त्रिवेदी पिता गोविन्द कांत त्रिवेदी की हुई थी। उसने अपने एक्सिस बैंक व आईडीएफसी बैंक खातों में लगभग 05 लाख रुपये प्राप्त किये थे। बाकी रकम उसने दिल्ली ट्रांसफर की थी। नितिन त्रिवेदी पूर्व में कई बैंकों में कार्य कर चुका है। फिर इसके बाद पुलिस ने गुडगांव में दबिश देकर आरोपी अर्पित गुप्ता, पिता राकेश गुप्ता को गिरफ्तार किया।
ऐसे खुलता गया मामला
अर्पित गुप्ता गुडगांव के एयू स्माल फायनेन्स बैंक में कॉर्पोरेट सैलरी विभाग में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत था। अर्पित गुप्ता व नितिन त्रिवेदी पहले एक साथ इण्डसइण्ड बैंक दिल्ली में कार्य कर चुके है। दोनो ही आरोपियों के इन्श्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ऑनलाईन ठगी करने वाले गिरोह से संपर्क थे। जिन्हें वे बैंकिंग सूचनायें तथा बैंक खाते धोखाधडी की राशि प्राप्त करने हेतु उपलब्ध कराते थे। अर्पित गुप्ता से पुलिस रिमाण्ड में सघन पूछताछ की गई। जिसकी निशानदेही तथा तकनीकी विश्लेषण के आधार पर दिल्ली में अन्य आरोपियों को चिन्हित किया गया।दिल्ली में बदरपुर थाना क्षेत्र में संदिग्ध पते पर दबिश दी गई। यहाँ पर आरोपी सुप्रोभात माली पिता रविन माली, निवासी दिल्ली जो बैतूल का रहने वाले को दबोचा। इसके अलावा आरोपी रघु आनंद पिता पवन कुमार निवासी फरीदाबाद, हरियाणा को पकड़ा गया।
ऐसे मिला डाटा
रघु आनंद आयुर्वेदा हेल्थ एवं ब्यूटी प्रायवेट लिमिटेड नाम की कंपनी रजिस्टर्ड कराकर इसकी आड में कार्यालय में नौजवान युवक–युवतियों को नौकरी पर रखकर विभिन्न कंपनियों की इन्श्योरेंस पॉलिसी का डाटा प्राप्त कर उनके धारकों को कॉल कर लुभावने ऑफर देता था। आरोपियों के कार्यालय से डीवीआर, इन्टरनेट मॉडम, मोबाईल फोन, सिमकार्ड, कम्प्यूटर सिस्टम तथा लगभग 20,000 इन्श्योरेंस कंपनियों का डाटा जप्त किया गया है। जिन खातों में राशि प्राप्त की गई है, उनका अवलोकन कर पीडितों की पहचान स्थापित की जा रही है।