Bhopal Cop News: सागर से अपहृत आठ महीने की गर्भवती नाबालिग की दादी करना चाह रही थी जांच, राज खुलने के भय से हुई थी गायब, आईएसबीटी की “तिकड़ी” ने इस काम के लिए पुलिस से भिड़ाई तिकड़म
भोपाल। पिछले साल भोपाल—इंदौर शहर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली (Bhopal Cop News) शुरू की गई है। जिसके बाद मैदानी स्तर पर कई तरह के प्रयोग पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर (CP Makrand Deauskar) कर रहे है। इस योजना में URJA Mahila Help Desk (UMHD) की कार्यप्रणाली काफी सुधार देखने को मिल रहा है। इसको जनता से सीधे कनेक्ट करने के उद्देश्य से सराहनीय कार्य को प्राथमिकता में रखकर जनता का सम्मान भी किया जा रहा है। खासतौर पर राजधानी भोपाल (Bhopal News) के आईएसबीटी बस स्टेंड पर। यहां से गुजरने वाले यात्री अमूमन शहर छोड़ रहे होते हैं या फिर आ रहे होते हैं। यहां पुलिस की छवि प्रदेश स्तर पर सकरात्मक दिखे इसके लिए फोकस होकर कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में एक नाबालिग जिसकी गुमशुदगी फिर उसके बाद अपहृत होने की एफआईआर दर्ज थी। वह आईएसबीटी बस स्टेंड पर तीन ऑटो वाले को दिखी। जिसके बाद पुलिस ने एक अबूझ पहेली को सुलझाते हुए उसके परिजनों को सौंपने का काम किया।
गुजरात जाने आधी रात मांग रही थी मदद
यह घटना भोपाल शहर (Bhopal City News) के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र स्थित 26—27 अक्टूबर की दरमियानी रात हुई है। यहां बस से उतरकर एक नाबालिग लोगों से पैसे मांग रही थी। उसका कहना था कि उसके पास रकम कम है। उसे गुजरात की एक कारखाने में काम करने वाले पति के पास जाना है। वहां जाने के लिए उसके पास किराया नहीं है। यह बातें वहां बैठे तीन ऑटो वाले अन्ना नगर निवासी विजय सैनी (Auto Driver Vijay Saini), राकेश और सागर सिकरे (Auto Driver Sagar Sikare) ने सुन ली। नाबालिग की हालत देखकर उन्हें पूरा मामला संदिग्ध प्रतीत नजर आया। तीनों ऑटो ड्रायवरों ने बिना देरी किए पुलिस को इस बात की जानकारी दे दी। थाने में एएसआई राजेश तिवारी (ASI Rajesh Tiwari) ड्यूटी पर तैनात थे। रात अधिक होने के कारण उससे बातचीत की जाना संभव नहीं था। इसलिए उसे गौरवी सखी वन स्टाप सेंटर को काउंसलिंग के लिए सौंप दिया गया। यहां उसने जो भी जानकारियां दी वह सुबह होते—होते पुलिस के लिए चौका देनी वाली साबित होने लगी।
अगले दिन इन कारणों से बदल गई पूरी कहानी
गौरवी सखी वन स्टाप सेंटर ने अगले दिन गोविंदपुरा थाने को सुबह जानकारी दी। जिसके बाद एडीसीपी राजेश सिंह भदौरिया (ADCP Rajesh Singh Bhadouriya) ने ऊर्जा महिला डेस्क प्रभारी एएसआई रामकुंवर धुर्वे (ASI Ramkunwar Dhurve) और लिंक अधिकारी हवलदार सोनिया पटेल को प्रकरण निराकरण की जिम्मेदारी सौंपी। नाबालिग ने सेंटर को जो भी जानकारी दी वह भ्रामक पाई गई। इसके बाद सोनिया पटेल (HC Soniya Patel) ने मनोवैज्ञानिक तरीके से कुछ नंबर हासिल किए। इसमें से अधिकांश मोबाइल नंबर गलत थे। गलती से एक नंबर नाबालिग ने सही बता दिया था। वहीं पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि वह गर्भवती भी है। इसलिए सोनिया पटेल ने उसका जेपी अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराया। इसमें पता चला कि नाबालिग के गर्भ में आठ महीने का सुरक्षित शिशु है। यह जानकारी सोनिया पटेल ने एडीसीपी राजेश सिंह भदौरिया को दी और उससे सांत्वनापूर्वक बातचीत करने की सलाह दी गई। उसने पूछताछ में बताया कि वह गर्भवती है यह बात परिवार नहीं जानता है। उसके मोटापे को देखकर उसकी दादी चैकअप कराने के लिए ले जा रही थी। इसी बात से वह भयभीत थी और डरकर घर से भाग गई थी।
रिश्तेदार ने लूट ली थी अस्मत
नाबालिग ने जो नंबर गलती से दिया था उसकी मदद से दादी और उसके पिता से सोनिया पटेल ने संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि वह 26 अक्टूबर को बैंक से पैसे निकालने दादी के साथ गई थी। उसके बाद से वह लापता है। उसकी सागर (Sagar News) जिले के बंडा थाने में गुमशुदगी 124/22 दर्ज कराई गई थी। मामला नाबालिग लड़की का था इसलिए उसी दिन प्रकरण 963/22 धारा 363 भी दर्ज कर लिया गया था। नाबालिग के भोपाल में होने की जानकारी देते हुए ऊर्जा महिला डेस्क की लिंक अधिकारी सोनिया पटेल ने बंडा थाने के प्रभारी नवल सिंह से संपर्क किया। वहां से थाने की टीम परिवार को लेकर रवाना हो गई। इधर, सोनिया पटेल बातचीत के दौरान नाबालिग का दिल जीतने में कामयाब रही। उसने बताया कि उसके चाचा का बेटे ने उसके साथ गलत काम किया था। उसने ही कहा था कि वह घर से फरार हो जाए और वहां पहुंच जाए जहां वह नौकरी करता है। उसके चाचा का बेटा गुजरात (Gujrat) में एक कारखाने में नौकरी करता है। नाबालिग के माता—पिता इंदौर में मजदूरी करते हैं।
वीडियो कॉल के जरिए सौंपी गई नाबालिग
नाबालिग की परवरिश दादी करती थी। उसे भी यह पता नहीं था कि वह गर्भवती है। उसने यह बातें छुपाई थी। जिसे भोपाल पुलिस (Bhopal Cop News) की मदद से उन्हें पता चली। इधर, बंडा थाने से कांस्टेबल खिलान सिंह (Constable Khilan Singh) और विनोद सिंह (Constable Vinod Singh) उसके परिजनों को लेकर भोपाल पहुंचे। परिवार गुरुवार रात भोपाल आया था। इसलिए सीडब्ल्यूसी के सामने परिजनों की मौजूदगी में वीडियो कॉल के जरिए बातचीत कराई गई। सागर पुलिस से कहा गया कि नाबालिग को अगले दिन सागर सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया जाए। जिसमें परिजनों ने सहमति जताते हुए उन्हें सौंप दिया गया। यह कवायद करने में उर्जा महिला डेस्क की लिंक अधिकारी सोनिया पटेल को गुरूवार—शुक्रवार की दरमियानी रात लगभग एक बज गए। यह जानकारी डीसीपी जोन—2 श्रद्धा तिवारी (ADCP Shradha Tiwari) को भी मिली। जिसके बाद एडीसीपी जोन—2 राजेश सिंह भदौरिया की मौजूदगी में सराहनीय कार्य करने वाले तीनों ऑटो चालक विजय सैनी, राकेश और सागर सिकरे का सम्मान किया गया। वहीं सोनिया पटेल की त्वरित और अंतिम परिणाम तक जुटे रहने पर सराहना की गई।
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