Bhopal News: राजधानी के यह हालात हैं, विपक्ष तो जमीन पर दूर—दूर तक नहीं, इसलिए कलेक्टर की जनसुनवाई में सूमो लेकर पहुंचे परिवार ने आग लगाकर उसे भस्म कर दिया, सोशल मीडिया में पीड़ा से जुड़े पत्र वायरल, कलेक्टर कार्यालय में भगदड़ मची
भोपाल। मध्यप्रदेश में ब्यूरोक्रेसी जमकर मौज उड़ा रही हैं। आलम यह है कि थाना, एसडीएम कार्यालय से लेकर तमाम जगहों पर एक आम आदमी सिर्फ चक्कर काटने पर मजबूर हैं। कानून का आड़ लेकर सिर्फ परेशान करने की साजिश की जा रही है। यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे। दरअसल, राजधानी भोपाल (Bhopal News) में मंगलवार को एक पीड़ित परिवार कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। यहां आकर उसने सूमो वाहन को फूंक दिया। उसमें आग लगाकर परिवार सूमो के सामने बैठ गया। कुछ देर बाद यह सारा घटनाक्रम और पीड़ित परिवार का आवेदन सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
जिला प्रशासन का पक्ष सामने आना बाकी
सोशल मीडिया में वायरल आवेदन पत्र के अनुसार विवाद पैतृक संपत्ति को हड़पने से जुड़ा यह मामला है। जिसमें शक्कर बाई (Shakkar Bai) पति स्वर्गीय रघुनाथ सिंह की तरफ से आवेदन दिया गया है। उसमें एक नंबर भी लिखा हुआ है। आवेदन में बताया गया है कि परिवार बरखेड़ा नाथू (Barkheda Nathu) में रहता है। परिवार की संपत्ति हड़पने के लिए गलत तरीके से नोटिस देकर परेशान किया जा रहा है। जबकि उन्हें पेशी की तारीख एसडीएम कोर्ट से नहीं दी जा रही है। पीड़ित परिवार ने किसी प्रमोद सोनी (Pramod Soni) पर आरोप लगाया है। परिवार के अनुसार प्रताप सिंह (Pratap Singh) की तरफ से जबरिया फर्जी अपील लगाई गई है। अरेरा कॉलोनी के एक मकान का पता लिखकर शैलेंद्र पटेल (Shailendra Patel) का नाम लिखा है। आरोप है कि शैलेंद्र पटेल ने दस लाख रुपए देकर 12 लाख रुपए का ब्याज वसूल लिया। फर्जी एग्रीमेंट के कारण पूरा परिवार परेशान हो चुका है। आवेदन के अंत में अरुण श्रीवास्तव (Arun Shrivastav) , विक्रम शर्मा (Vikram Sharma) , राजेश गिरी (Rajesh Giri) और डीपी पटेल (DP Patel) का नाम है। इन सभी ने पूरे परिवार को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया है। परिवार ने बताया है कि इस संबंध में 31 दिसंबर को जनसुनवाई में भी शिकायत की गई थी। इन सभी नामों को लेकर चली रहे गतिरोध और विरोध को लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है। कलेक्टर परिसर (Collector Office) में आग लगने से एडीएम समेत अन्य अधिकारियों के वाहनों को हटाया गया। इसके अलावा वहां पहुंचे सैकड़ों लोगों ने अपनी फरियाद बताना छोड़कर अपनी जान बचाई। इस संपूर्ण घटनाक्रम में जिला प्रशासन की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया मिलना बाकी है।
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