चाय की दुकान से लेकर बड़े—बड़े शोरूम भी रहे बंद, फैसले के बाद कई जगह आतिशबाजी कर रहे लोगों को पुलिस ने खदेड़ा
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भोपाल। अयोध्या (Ayodhya) के विवादित हिस्से के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संविधान पीठ (Constitutions Bench ) के फैसले से पहले भोपाल (Bhopal) में अघोषित कर्फ्यू (Undeclared Curfew) जैसे हालात सुबह से बन गए थे। आलम यह था कि चाय की दुकान से लेकर बड़े—बड़े शोरूम में ताले लटके हुए थे। अदालत का फैसला आने के बाद पूरे भोपाल शहर में एसडीएम और थाना प्रभारियों की संयुक्त टीम पेट्रोलिंग करने लगी थी।
जानकारी के अनुसार भोपाल में फैसले से पहले ही सरकार ने निजी और सरकारी स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया था। सड़कें सूनी थी वहीं आवाजाही कम थी। चौराहों पर पुलिस बल और उनके वाहनों की पेट्रोलिंग टीम दिखाई दे रही थी। फैसला आने के बाद कुछ स्थानों पर आतिशबाजी की जा रही थी। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर भीड़ को खदेड़ा। पुलिस खासतौर से पान की दुकानों को बंद करा रही थी। बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ था। अघोषित बंद का असर परिवहन पर भी देखने को मिला। शहर में कोई यात्री बस न चलने की वजह से कई यात्री पैदल जाते हुए भी दिखाई दिए।
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इधर, फैसले के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamalnath) की पुलिस अफसरों के साथ बैठक होना थी। यह बैठक पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) में दोपहर 12 बजे प्रस्तावित थी। लेकिन, अचानक यह स्थान बदल गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ मंत्रालय (MP Secretariat) पहुंच गए। बैठक फैसले के बाद हालातों पर निगरानी के लिए बुलाई थी। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री सचिवालय से बताया बताया गया कि मुख्यमंत्री पीएचक्यू में अफसरों से चर्चा करेंगे। उसके बाद दोपहर में वह मीडिया से रूबरू होंगे। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा बंदोबस्त को लेकर काफी सक्रियता दिखाई दी। यहां पुलिस मुख्यालय में डीजीपी वीके सिंह समेत इंटेलीजेंस के कई अफसरों ने सुबह 8 बजे से ही मोर्चा संभाल लिया था। वे पल—पल प्रदेश के हर हिस्से से रिपोर्ट ले रहे थे।