MP Prisoner Department: कलेक्टर ने प्राथमिक जांच के बाद सहायक जेल अधीक्षक और प्रहरी को किया सस्पेंड, कोर्ट ने दिया था जमानत का आदेश
भिंड/भोपाल। आर्म्स एक्ट के मामले में अदालत से जमानत मिलने के बावजूद एक आरोपी को रिहा नहीं किया गया। इसके बदले में सहायक जेल अधीक्षक और प्रहरी ने रिश्वत मांगी थी। यह सनसनीखेज घटना भिंड (MP Prisoner Department) जिले की है। रिश्वत लेने के बावजूद जेल के अधिकारियों ने जमानत मिलने पर भी आरोपी को रिहा नहीं किया। जिस कारण कलेक्टर को इस मामले में आरोपी की पत्नी ने शिकायत की थी। शिकायत प्राथमिक जांच में प्रमाणित पाई गई। इसलिए कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से दोनों को सस्पेंड कर दिया है।
गुजरात में दर्ज एक मामले में थी तलाश
जानकारी के अनुसार भिंड (Bhinf) जिले के उमरी थाना क्षेत्र स्थित ईश्वरी गांव में रहने वाले सुरेंद्र सिंह राजावत (Surendra Singh Rajawat) को आर्म्स एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसकी पत्नी नीलू चौहान (Neelu Chauhan) ने जमानत के लिए अदालत में आवेदन लगाया। जिसके बाद उसको अदालत ने जमानत दे दी। वह दस्तावेज लेकर भिंड जिले में स्थित मेहगांव उप जेल (Mehgaon Sub Jail) पहुंची। यहां तैनात जेल प्रहरी उमेश चौहान (Umesh Chauhan) ने रिहा करने के बदले में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस बात की शिकायत उसने सहायक जेल अधीक्षक वासुदेव मांझी (VasudevManjhi) से की। लेकिन, उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह राजावत की तलाश गुजरात (Gujrat) पुलिस को भी है। यदि वह पैसा नहीं देगी तो वह गुजरात पुलिस को उसे सौंप देगा। इस कारण भय में नीलू चौहान ने फोनपे के जरिए भुगतान कर दिया। रकम लेने के एक पखवाड़े बाद भी सुरेंद्र सिंह राजावत को रिहा नहीं किया गया। नतीजतन, पीड़िता भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव (DM Sanjeev Shrivastav) के पास पहुंच गई। भिंड कलेक्टर ने जांच कराई तो आरोप प्रमाणित पाए गए। नतीजतन, उन्होंने सहायक जेल अधीक्षक वासुदेव मांझी और जेल प्रहरी उमेश चौहान को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दे दिए। डीआईजी जेल मुख्यालय संजय पांडे (DIG Sanjay Pandey) ने बताया कि गोहद जेल में सहायक जेल अधीक्षक हेम सरिता मिंज (Hem Sarita Minj) को मेहगांव जेल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जांच के बाद चार्जशीट मिलने पर अगला कदम उठाया जाएगा। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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