आत्महत्या से पहले Twins murder case के आरोपी ने जेल के मंदिर में भगवान को याद किया, अपहरण करने वाले गिरोह को दी थी सूचना
सतना। प्रदेश के जुड़वा अपहरण एवं हत्याकांड (Twins murder case) के आरोपी ने खुदकुशी (Suicide) कर ली है। सतना के तेल व्यापारी बृजेश रावत के बेटों का मामला पिछले दिनों सुर्खियों में था। मृतक प्रियांश और श्रेयांश के हत्यारे जेल में थे। इनमें से एक ने जेल में ही खुदकुशी कर ली है। वह फांसी के फंदे पर झूल गया। जिला प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
ऐसे हुआ Twins murder case का घटनाक्रम
जेल अधीक्षक नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रामकेश यादव नाम का विचाराधीन आरोपी जेल के आठ नंबर बैरक में रखा गया था। उसके साथ लगभग 200 अन्य बंदी भी थे। मंगलवार सुबह 11 बजे वह जेल के भीतर मंदिर में बैठकर भगवान की अर्चना कर रहा था। इसी दौरान वह उठा और गर्मी से बचने के काम आने वाले तौलिए को फंदा बनाकर झूल गया। उसे जेल अस्पताल ले जाया गया। यहां से हालत नाजुक बताकर उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सिंह ने बताया कि इस मामले में मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश हो गए हैं। एसपी रियाज इकबाल ने बताया कि जेल प्रबंधन ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार जेल के भीतर उसकी सांस चल रही थी। अस्पताल लाने पर उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित किया। इस कारण कोलगंवा थाना प्रभारी मर्ग कायम करने और मामले की जांच करने मौके पर पहुंचे हैं।
यह था आरोप
जानकारी के अनुसार रामकेश यादव ट्यूशन पढ़ाता था। उसका रिश्तेदार पिंटा यादव था जो अपहरण कांड में बीच की भूमिका निभा रहा था। पिंटा को पता था कि प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण किया जाना है। इसके लिए पिंटा ने ही रामकेश की मदद से बच्चों की सूचना हासिल की थी। इसके बाद पिंटा ने यह जानकारी अपहरण करने वाले पदम, लक्की, राजेश को दी थी।
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फिरौती लेने के बाद की थी हत्या
सतना जिले के नया गांव थाना क्षेत्र में यह अपहरण कांड हुआ था। तेल कारोबारी बृजेश रावत के दो बेटों प्रियांश और श्रेयांश का 12 फरवरी, 2019 को अपहरण किया गया था। अपहरण के बाद किडनैपर ने दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। रकम में से 25 लाख रुपए दिए गए थे जिसके बाद 23 फरवरी की देर रात यूपी के बांदा जिले में औगासी घाट से बच्चों के हाथ-पैर बंधे शव बरामद हुए थे।
पहचान लेने की दहशत में मारा था
जुड़वां प्रियांश और श्रेयांश का जन्म पांच साल पहले हुआ था। दोनों सदïगुरू पब्लिक स्कूल में यूकेजी में पढ़ते थे। जुड़वां भाइयों श्रेयांश-प्रियांश की किडनैपिंग के बाद हत्या मामले की जब परतें खुली तो हर कोई उसे सुनकर हैरान हो गया। अपहरण करने वाले आरोपियों ने पहचान उजागर होने के डर से फिरौती की रकम 20 लाख रुपए मिलने के बाद बच्चों की हत्या कर दी थी। इससे पहले आरोपियों ने बच्चों से पूछा था कि क्या हमें पहचान लोगे। हां, कहते ही उनका गला घोंटकर मार दिया गया था। आरोपियों को जब लगा कि ये डूबेंगे नहीं, तो बॉडी के साथ बड़ा-सा पत्थर बांध दिया था।
यह थे Twins Murder Case के आरोपी
इस मामले में पुलिस ने आरोपी 24 वर्षीय अपूर्व यादव उर्फ पिंटा उर्फ पिंटू को गिरफ्तार किया था। आरोपी ग्रामोदय विश्वविद्यालय में एमएससी कृषि बायो केमिस्ट्री द्वितीय सेमेस्टर का छात्र है। आरोपी रामकेश ने ग्रामोदय से बीएड की डिग्री ली थी। इस तरह से मामा और भांजे के शैतानी दिमाग में खतरनाक साजिश पनपी। रामकेश मूलत: यूपी के छेरा (बांदा) और पिंटा हमीरपुर के गुरदहा का रहने वाला है। मास्टरमाइंड पदम शुक्ला उर्फ रामकरण शास्त्री था।
पदम का छोटा भाई विष्णुकांत उर्फ छोटू बजरंग दल का क्षेत्रीय संयोजक है। किडनैपिंग में जिस बाइक और कार का इस्तेमाल हुआ, उसकी नंबर प्लेट पर रामराज्य और कार पर बीजेपी का झंडा लगा था। मासूमों की किडनैपिंग व हत्याकांड में रामकेश यादव के अलावा आलोक उर्फ लकी, राहुल द्विवेदी, पदम शुक्ला (मास्टरमाइंड), पिंटू उर्फ पिंटा और विक्रमजीत सिंह ने साथ दिया था।