Bhopal Cop News: सिस्टम के सामने खाकी की बेबसी

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Bhopal Cop News: आखिर राजधानी के थानों की कुर्सी में बैठने क्यों नहीं आ रहे राज्य पुलिस सेवा के अफसर, कैंसर पीड़ित पति के कारण अवकाश में गई महिला निरीक्षक के बाद उस थाने के सीधी भर्ती एसआई का तबादला, शहर के जोन—4 के आधे थानों में नहीं हैं निरीक्षक, एसआई के भरोसे किया जा रहा क्राइम कंट्रोल

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाईन टीसीआई।

भोपाल। एमपी के दो शहरों भोपाल और इंदौर में एक साथ पुलिस कमिश्नरी प्रणाली की शुरूआत की गई। यह व्यवस्था को लागू हुए लगभग सत्रह महीने बीत चुके हैं। भोपाल (Bhopal Cop News)  राजधानी है तो इंदौर आर्थिक राजधानी के नाम से विख्यात हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस व्यवस्था को सार्थक करना चाहते हैं। इसके लिए दोनों ही शहरों के पुलिस कमिश्नरों मकरंद देउस्कर और हरिनारायण चारी मिश्र को जिम्मेदारी सौंपी गई। इन दोनों अफसरों के तबादले चुनाव आयोग के चलते भी किए गए। ताकि पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में कोई आंच न आए। लेकिन, डेढ़ साल में ही भोपाल शहर की पुलिस कमिश्नर प्रणाली की सांसे उखड़ने लगी है। हालात यह है कि भोपाल शहर के थानों की कुर्सी में आकर कोई बैठना नहीं चाहता। सबसे बुरे हालात भोपाल जोन—4 के बने हुए हैं। यहां एक थाने में तो एक सप्ताह के भीतर में पूरे सिस्टम की सोच को ही ध्वस्त कर दिया गया।

अफसरों की यह है मजबूरियां

पुलिस कमिश्नर प्रणाली शुरू तो कर दी गई। लेकिन, उसके लिए आवश्यकत इंफ्रास्ट्रक्चर आज भी जुगाड़ से चलाए जा रहे हैं। जैसे भोपाल ट्रैफिक पुलिस का एक थाना गोविंदपुरा थाने पर खोला गया है। हबीबगंज थाने के पूर्व में कंडम भवन में अफसर बैठने को मजबूर हैं। बारिश में हालात बहुत ज्यादा भयावह होंगे। भवन, वाहनों के इतर दूसरी समस्या काबिल अफसरों की है। थानों में जो व्यवस्थाएं संभाल रहे थे वे एसीपी कोर्ट के लिए शिफ्ट किए गए। नई व्यवस्था में दूसरी मजबूत लाइन भी झोंक दी गई। लेकिन, तीसरी लाइन कमजोर होने के कारण पूरी व्यवस्था इन दिनों चरमरा गई है। आलम यह है कि थानेदारों की मदद से थाना चलाना पड़ रहा है। थानों में पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण गश्त से लेकर दूसरे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि अफसर इन अभावों को अनुशासन के कारण कबूल नहीं पा रहे। सरकारी सिस्टम की इस कमी का फायदा कुछ अफसर अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाने में तूल गए हैं। यानि जो उनकी नजर में सेट वह कुर्सी के लिए फीट। क्योंकि कई अफसरों को इस कमी का अहसास है।

भोपाल के जोन—4 में बड़े प्रशासनिक सर्जरी की आवश्यकता

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ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल शहर की आबादी को चार जोन में बांटा गया है। इसके अलावा भोपाल देहात केे थाने अलग कर दिए गए। इसमें बिलखिरिया को देहात में करने की कोई ठोस वजह सामने नहीं है। यहां ट्रांसपोर्ट नगर, आरटीओ कार्यालय के अलावा आधा दर्जन से अधिक बड़े कॉलेज भी है। इसी तरह भोपाल शहर का जोन—4 का अस्तित्व में आते ही विवादों में रहा है। इस जोन में चूना भट्टी और कोलार रोड थाना आता है। बाकी उसके सारे थाने बैरागढ़ और उसके आस—पास है। इन दोनों थानों में प्रभारी नितिन शर्मा (SI Nitin Sharma) और जय कुमार सिंह एसआई (SI Jai Kumar Singh) है। इसी तरह गांधी नगर एसआई अरूण शर्मा (SI Arun Sharma) है जो प्रभारी बने हुए हैं। जबकि पिछले दिनों खजूरी सड़क थाना प्रभारी संध्या मिश्रा (TI Sandhya Mishra) को लाइन हाजिर कर दिया गया। उनकी जगह प्रभार इंदर सिंह मुजाल्दा (Inder Singh Mujalda) के पास है। हालांकि अब यह भी उनके पास नहीं रहेगा। उन्हें डीसीपी जोन—4 विजय खत्री (DCP Vijay Khatri) ने छोला मंदिर थाने भेज दिया है। यह आदेश 19 जून को हुए थे। लेकिन, 20 जून समाचार लिखे जाने तक वे रिलीव नहीं किए गए थे।

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थानों में नहीं थम रहा घमासान

निरीक्षक के अभाव के चलते भोपाल जोन—4 कई बार विवादों में आया। कोलार रोड थाने में एसआई जय कुमार सिंह एक जांच में घिरे हुए हैं। वे मीडिया की सुखिर्यों में भी आ चुके है। इसी तरह खजूरी सड़क (Bhopal Cop News) थाने में कार्यवाहक उप निरीक्षक बृजेंद्र निगम (Brajendra Nigam) थाना प्रभारी बनना चाहते हैं। उनके लिए ही मुजाल्दा को छोला मंदिर भेजा गया है। निगम दिसंबर, 2022 में ही एएसआई से कार्यवाहक उप निरीक्षक बने हैं। उनके जैसे भोपाल शहर में दर्जनों कार्यवाहक उप निरीक्षक है। यदि उन्हें प्रभारी बनने की यह परंपरा चली तो भोपाल शहर की बहुत बुरी स्थिति होना तय है। इसकी सबसे बड़ी वजह भोपाल शहर की खाली पुलिस लाइन। यहां निरीक्षक स्तर के तीन अफसर ही मौजूद है। जबकि शहर में एक दर्जन थाने एसआई के भरोसे चल रहे हैं। जिसमें भोपाल जोन—4 सर्वाधिक प्रभावित हैं। वहां कोई निरीक्षक जाने की इच्छा नहीं रखता। इधर, भोपाल जोन—1 में शाहपुरा और अशोका गार्डन थाना एसआई चला रहे हैं। इसके अलावा भोपाल जोन—2 में अवधपुरी और मिसरोद थाना एसआई चला रहे है। वहीं पिछले दिनों टीला जमालपुरा प्रभारी अनुराग लाल ( TIAnurag Lal) को लाइन हाजिर करने के बाद वहां एसआई थाना चला रहे है। अभी कजलीखेड़ा थाना शुरू होना बाकी है।

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