MP PWD News: एलएन मालवीय इंफ्रा, यूएस इंफ्रा के विवादित ठेकों के बाद डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ब्रिज को लेकर बंदरबाट की अफवाहें, तकनीकी रुप से जांच हुई तो पीडब्ल्यूडी के अफसरों का नपना तय
भोपाल। पिछले तीन महीनों से मध्यप्रदेश का पीडब्ल्यूडी विभाग अपनी कार्यशैली के चलते काफी विवादों में हैं। एलएन मालवीय इंफ्रा को मिले ठेकों को लेकर भोपाल ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद यूएस इंफ्रा की स्थापना से लेकर उसके दिए गए काम को लेकर भी आरोप लग चुके हैं। आरोप है कि इस इंफ्रा को सिटी इंजीनियर संजय मस्के ने लाभ पहुंचाया। अब भोपाल (MP PWD News) शहर का हाल ही में बना जीजी फ्लायओवर जिसे बाद में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर नाम रखा गया वह विवादों में आ गया है। इस मामले को तूल पकड़ते देख भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने पीडब्ल्यूडी को नोटिस थमा दिया है।
यह है पत्र में लिखी गई बातें जिस पर जवाब आना बाकी
जानकारी के अनुसार यातायात पुलिस (Traffic Police) ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर ब्रिज से संबंधित कई खामियों को गिनाया है। ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि इस ब्रिज से नए दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन गए हैं। सूत्रों ने बताया पत्र ट्रैफिक एसीपी अजय बाजपेयी (ACP Ajay Bajpai) ने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग को दिया है। यह पत्र 04 जनवरी को लिखा गया है। इसमें बताया गया है कि गणेश मंदिर तिराहा पर रानी कमलापति स्टेशन से वीर सावरकर ओवर ब्रिज पर जाने वाले यातायात के लिए सर्विस रोड का निर्माण होना जरुरी है। इसी तरह से गणेश मंदिर से मानसरोवर जाने के लिए भी सर्विस रोड के निर्माण को जरुरी है। प्रगति पेट्रोल पंप चौराहे पर चारों तरफ के लेफ्ट टर्न कोबनाने की आवश्यकता है। रानी कमलापति स्टेशन के सामने रोड डिवाईडर के कट प्वाइंट को बंद करना जरुरी है। नर्मदा अस्पताल के मोड़ पर एक साथ चार सड़कें मिल रही हैं। जिस कारण यह दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन गया है। इसकी वजह से गोधा मार्ग पर स्पीड ब्रेकर और ओव्हर ब्रिज के पोल के बीच में रोटरी का निर्माण किया जाना चाहिए। इसी तरह फ्लाई ओव्हर से उतरने वाली सड़क पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण जरुरी है।
ब्रिज जिसका नाम डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखा उससे जुड़ी चार साल की जानकारी
इस ब्रिज को बनाने का काम 2020 से शुरु हुआ था। यह करीब तीन किलोमीटर लंबा है। इसके निर्माण लागत को लेकर भी उदघाटन के बाद विवाद गहराया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने 23 जनवरी, 2025 को इसका उदघाटन किया था। जिस जगह पर उदघाटन हुआ वहां लगी लोकार्पण पट्टिका लगी है। वहां आमने—सामने यह लगाई गई है। एक पट्टिका पर लागत 126 करोड़ रुपए तो दूसरी तरफ 140 करोड़ रुपए लिखे गए हैं। जबकि मीडिया में अफसरों ने बयान देते हुए इसे 154 करोड़ रुपए बताया है। एमपी नगर (MP Nagar) थाने के सामने ब्रिज चढ़ने को लेकर गफलत की स्थिति बनती है। क्योंकि वहां ट्रैफिक सिग्नल लगा है जिस कारण यू टर्न करना पड़ता है। इस बीच सामने से आने वाला ट्रैफिक भी छूटता है। ऐसे में दुर्घटना होना तय है। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट में स्कैट से बचने किए गए खुरदरे को लेकर भी पीडब्ल्यूडी विभाग (PWD Department) घिरा हुआ है।
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