AIIMS Scam : घोटाले को दबाने डायरेक्टर ने 60 कर्मचारियों को बलि बेदी पर चढ़ाया

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AIIMS Scamमैन पॉवर की दूसरी कंपनी को नियम विरुद्ध ठेका दिलाकर षडयंत्र को दिया गया अंजाम, संविदा और आउट सोर्स के सड़क पर आए दर्जनों कर्मचारियों ने लगाए गंभीर आरोप, परिवार को भर्ती कराने ऑफ लाइन दिलाई गई परीक्षा

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Scam) में पिछले एक साल से घोटाला किया जा रहा है। इस घोटाले की परतें वहां के छह साल पुराने कर्मचारियों के हाथ लगी तो उन्हें षडय़ंत्र करके बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह आरोप उन निकाले हुए कर्मचारियों के संगठन ने लगाए हैं। इस साजिश में एक मैन पॉवर देने वाली कंपनी भी शामिल हैं।

यह आरोप लगाते हुए कर्मचारी कल्याण संगठन (AIIMS Scam) एम्स के सचिव विजय वाल्दे ने इन गड़बडिय़ों को लेकर सोमवार को पत्रकार वार्ता आयोजित करके खुलासा किया। वाल्दे के मुताबिक एम्स में पिछले छह साल से कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से कई कर्मचारियों की दूसरी नौकरी के लिए आयु समाप्त हो गई है। वहीं कई कर्मचारी नियमितिकरण की परिधि में आ गए थे। यह जानकारी (AIIMS Scam) एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह को भी थी। इसलिए उन्होंने साजिश रचते हुए संविदा और आउट सौर्स के लगभग 60 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस काम के लिए उन्होंने जो साजिश रची उसके लिए उन्होंने एक मैन पॉवर कंपनी को चुनाव किया। इस कंपनी को नियमों के अनुसार ठेका न देते हुए डायरेक्टर की शर्तों पर काम दे दिया गया। कर्मचारियों पर अभी भी दबाव और झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां दी जा रही है। इसलिए हमारा एक कर्मचारी कविराज पांडे पैदल मार्च करके दिल्ली के लिए निकल हुआ है। वह ग्वालियर तक पहुंच गया है। वह प्रधानमंत्री निवास के अलावा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से मुलाकात करके ज्ञापन भी सौंपेगा।

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AIIMS Scam
मीडिया को पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए सचिव विजय वाल्दे और अन्य एम्स भोपाल से निकाले गए कर्मचारी

ऐसे रची गई साजिश
कर्मचारियों ने बताया कि उनकी जब (AIIMS Scam) भर्ती हुई थी उस वक्त नोयडा की सिक्यूरिटी मैन पॉवर सॉल्यूशन नाम की कंपनी थी। इस कंपनी को पिछले साल दबाव डाला गया। कंपनी से कहा जा रहा था कि वह कर्मचारियों को कार्य अनुभव का सर्टिफिकेट प्रदान न करें। ताकि कर्मचारियों को बाहर निकाला जा सके। कंपनी इस बात के लिए राजी नहीं हुई तो नई मैन पॉवर कंपनी का ठेका जारी करने का विज्ञापन निकाल दिया गया। जबकि तीन साल तक नोयडा की कंपनी का सफल संचालन होता रहा।

यहां फंसा प्रबंधन
वाल्दे के मुताबिक दूसरी कंपनी (AIIMS Scam) मैसर्स ईशा प्रोटेक्शनल सिक्योरिटी गार्ड प्रायवेट लिमिटेड को ठेका दिया गया। यह कंपनी कोलार से संचालित होती है। इस कंपनी के पास एम्स में सिक्यूरिटी गार्ड मुहैया कराने का ठेका था। लेकिन, जो ठेका दूसरे मैन पॉवर का दिया गया था उसके लिए आईसीयू समेत अन्य संवेदनशील वार्ड के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों का था। इसका लायसेंस लिया जाना आवश्यक होता है। ठेका मिलने के बाद ईशा प्रोटेक्शनल सिक्योरिटी गार्ड के संचालक ने लायसेंस लिया। कर्मचारी नेताओं ने एम्स के नियम और ठेका मिलने वाले फर्म से जुड़ी जानकारियां पत्रकार वार्ता के दौरान सार्वजनिक की।

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अवैध नियुक्तियां की गई
वाल्दे के मुताबिक (AIIMS Scam) एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह अब तक कई कर्मचारियों को अपने घोटाले दबाने के लिए नौकरी से बाहर कर चुके हैं। लेकिन, बाकी अन्य कर्मचारियों को लेकर निकाले गए कर्मचारी अब मैदान में उतर आए हैं। वाल्दे ने दावा किया कि उनके पास खरीदी में हुई अनियमितता से जुड़ी भी जानकारियां है। हालांकि उसके दस्तावेज वे उपलब्ध नहीं करा सके। वाल्दे ने बताया कि सरमन सिंह ने अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए एम्स में भर्तियां की गई। यह भर्तियां कंप्यूटर बैस्ड टेस्ट (सीबीटी) के तहत ऑन लाइन होना थी। लेकिन, डायरेक्टर ने इस परीक्षा को ऑफ लाइन कराकर अपने लोगों को नौकरी पर रख लिया। इसमें कई कर्मचारी अपात्र भी है।

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वीडियो में सुनिए विदेश में घुम रहे डायरेक्टर के खिलाफ सड़क पर उतरे कर्मचारी की मुंह जुबानी

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मैं तो विदेश में हूं
इस मामले में मैसर्स (AIIMS Scam) ईशा प्रोटेक्शनल सिक्योरिटी गार्ड प्रायवेट लिमिटेड के संचालक सुनील सिंह से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने कहा कि कार्य आदेश मिलने के बाद ही लायसेंस लिया जाता है। मुझे जब लायसेंस मिल रहा था उससे पहले कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश एम्स की तरफ से मिले थे। यदि मैं ऐसा नहीं करता तो मुझे काली सूची में डाल दिया जाता। मैंने अपने स्तर पर कर्मचारियों से बातचीत भी की थी। अब वह आरोप लगा रहे हैं तो उसमें मैं कुछ नहीं कह सकता। इधर, (AIIMS Scam) एम्स के डायरेक्टर सरमन सिंह से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया। उन्होंने फोन पर कोई बातचीत नहीं की। मोबाइल से एसएमएस भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं विदेश में हूं और पूर्व के कर्मचारियों ने क्या आरोप लगाए हैं मुझे नहीं मालूम।

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