प्रबंधन के खिलाफ छात्रों में आक्रोश बरकरार, पीडि़त छात्र पर केस वापस लेने का दबाव, रणनीति में कामयाब नहीं हुआ कॉलेज प्रबंधन तो लालच देकर परिजनों को चुप कराया
भोपाल। राजधानी के एक कॉलेज में मचे गदर (TIT College Fight) के एक आरोपी गुपचुप पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अभी तीन अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। इधर, पुलिस के अफसरों ने टीआईटी कॉलेज को नोटिस थमाने वाले एसआई को जांच से अलग कर दिया है।
जानकारी के अनुसार आरोपी अमन शर्मा गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 10 मई को बेहद गुपचुप तरीके से की गई। इससे पहले अमन को परीक्षा देने का पूरा मौका कॉलेज की तरफ से दिलाया गया। वहीं जख्मी छात्र के विरोध में प्रबंधन रहा। दरअसल, प्रबंधन चाहता था कि पीडि़त केस (TIT College Fight) वापस लेकर मीडिया रिपोर्ट से उन्हें निजात दिला दे। हालांकि इसमें वह कामयाब नहीं हुआ तो उसने दूसरे हथकंड़े अपनाना शुरू कर दिए। इधर, इस मामले के पहले जांच अधिकारी एसआई नागेन्द्र शुक्ला थे। अब उन्हें इस जांच से हटा दिया गया है। अब जांच एएसआई उमेश मिश्रा को दी गई है।
क्यों हटाया गया
नागेन्द्र शुक्ला ने टीआईटी कॉलेज प्रबंधन से कॉलेज के भीतर हुए हमले (TIT College Fight) को लेकर जवाब तलब कर लिया था। इस बात से प्रबंधन काफी नाराज था। शुक्ला ने लिखित में कैमरा बंद होने और सीसीटीवी फुटेज मुहैया न कराने पर जवाब तलब किया था। जिसका नतीजा यह हुआ कि प्रकरण से उन्हें हटाकर दूसरे को केस डायरी सौंपी गई।
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यह है मामला
पिपलानी थाना क्षेत्र के आनंद नगर स्थित टेक्नोक्रेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (टीआईटी) कॉलेज में 30 अप्रैल को हमले (TIT College Fight) की घटना हुई थी। इसमें मूलत: इटारसी निवासी मृत्युंजय राय गंभीर रूप से जख्मी हुआ था। उसके पीठ और पेट में चाकू का वार लगा था। उसका गायत्री अस्पताल में इलाज किया गया। पिता की हालत और पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं हैं। आरोपियों ने यह हमला पैसों के लेन-देन पर किया था। जख्मी मृत्युंजय को आरोपियों से रकम लेना थी।
कौन थे आरोपी
इस मामले में अमन शर्मा के अलावा आरोपी अंशुमन त्रिपाठी, आशुतोष पांडे और अभिषेक राजपूत हैं। अंशुमन और आशुतोष सतना के रहने वाले हैं। अंशुमन पूर्व छात्र है इसके बावजूद वह कॉलेज में घुसकर हमला करके भाग गया। इस मामले में प्रबंधन एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद खामोश हैं।