Corona Time Management Formula: एमपी के 52 जिलों को तीन समूहों में बांटा, तय समय में अब होगा मंथन
भोपाल। आज की ताजा खबर मध्यप्रदेश भोपाल शहर से सामने आ रही है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh News) की न्यूज पिछले एक महीने से कोरोना पर केंद्रीत है। कई चैनलों में मध्यप्रदेश की न्यूज अस्पतालों से लाइव दिखाकर हकीकत बताई है। इस कारण कई मौकों पर कभी सेना, कभी हवाई जहाज से सरकार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की भी कोशिश की। लेकिन, शहर—शहर से फैले संक्रमण और बिगड़ते हालात नियंत्रित नजर नहीं आए। अब सरकार ने फैसला लिया है कि वह समय के अनुसार चलेगी। इतना ही नहीं वह घड़ी की सुई से कांटे से कांटा मिलाकर (Corona Time Management Formula) कोरोना महामारी से निपटने के लिए काम भी करेगी। यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई बैठक में लिया गया है।
छह घंटे पहले देने होगी सूचना
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि वह काम तो करेगी ही और साथ में दूसरी एजेंसियों की भी जिम्मेदारी तय करेगी। इसके लिए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना प्रशासन को अब छह घंटे पहले देनी होगी। इसके अलावा सरकार ने 4000 ऑक्सीजन कंस्ट्रैक्टर खरीदने के भी आदेश दे दिए हैं। एक संभाग में एक आॅक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। सरकार अब तक आठ चिन्हित ऑक्सीजन प्लांट में से 7 को शुरु करा चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगापुर से मिल रहे क्रायोजनिक टैंकर में से कुछ मध्य प्रदेश को उपलब्ध कराने की मांग गृहमंत्री अमित शाह से की है।
मोर्चो को संभालने में जुटी सरकार
सरकार ने नजरिया साफ करते हुए मध्य प्रदेश के 52 जिलों की समस्याओं को अलग—अलग समय में निराकरण करने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार के सिपहसलारों ने श्रेणी का फॉर्मूला लागू किया है। ताकि सभी जिलों की समस्याएं गंभीरता से सुनी जा सके। इसके लिए ए, बी और सी वर्ग बनाए गए हैं। ए और सी वर्ग में 18—18 जिले तो बी वर्ग में 16 जिलों को शामिल किया गया है। यह वर्ग कोरोना संक्रमण की संख्या को देखकर तय किए गए हैं। हालांकि यह श्रेणी बनाने वाला फॉर्मूला नया नहीं है। इस फॉर्मूले पर पुलिस मुख्यालय बहुत लंबे समय से काम कर रहा है। हालांकि पुलिस अपराधों की संख्या और आबादी के आधार पर यह श्रेणी बनाती है।
विधायकों को सक्रिय होने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में बैठक लेने के बाद प्रदेश के सभी विधायकों और सांसदों को भी सक्रिय होने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सांसद—विधायक अपने—अपने क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर जनता के सहयोग से बनाने का प्रयास करें। इसके अलावा सरकार ने स्ट्रीट वेंडर को एक हजार रुपए और गरीब वर्ग को 10 किलो अनाज देने का भी फैसला किया है। सरकारी कर्मचारियों के यहां कोरोना से निधन होने पर परिजनों को पूरी मदद करने का भी फैसला लिया है।