करंट देकर किए गए थे शिकार, पेंच के नजदीक डेरा जमाकर बैठे दो कथित तांत्रिकों को वन अमले ने किया गिरफ्तार, अब तक सौलह लोगों की गिरफ्तारी
भोपाल। आप इस काले जादू (Black Magic) की कहानी सुनकर हैरान हो जाएंगे। लोगों पर नोटों की बारिश कराने का झांसा देकर बाघ (Tiger’s) का शिकार कराया जा रहा था। यह पूरा रैकेट था जिसका खुलासा वन अमले ने किया है।
ऐसे पकड़ में आया गिरोह
जंगल सिकुड़ रहे है इस कारण वन्य प्राणी के घरों में मानव जाति का दखल बढ़ गया है। यह बात सभी सुनते और कहते आए हैं। लेकिन, पैसा कमाने के लिए भी वन्य प्राणियों का इस्तेमाल किया जाता है यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह खुलासा महाराष्ट्र के नागपुर वन दस्ते ने किया है। दरअसल, नागपुर दस्ते को दो संदिग्ध मिले थे। जिनके पास से बाघ (Tiger’s) के अवशेष इनसे मिले थे। दोनों से पूछताछ की गई तो उन्होंने एक-एक बात का खुलासा किया।
ऐसा बोला तो हुए हैरान
हिरासत में लिए गए दोनों संदेहियों ने बताया कि यह बाघ के अवशेष है जिसे वह डिमांड पर देने जा रहे हैं। डिमांड वाले व्यक्ति के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसे किसी तांत्रिक ने बताया है कि वह शेर के नाखून लेकर आएगा तो वह नोटों की बारिश करा देगा। उसी बारिश के लिए वह शेरों के नाखून ले जा रहे हैं।
ऐसे होता था शिकार
यह पता चलने पर मामला पेंचिदा होने के साथ-साथ बड़ा होता चला गया। पूछताछ में संदेहियों ने बताया कि इस काम में वह केवल मध्यस्थता करते हैं। असल काम करने वाला गिरोह मध्यप्रदेश के पेंच में हैं। नागपुर वन विभाग की टीम पड़ताल करते हुए पेंच पहुंची। वह उन शिकारियों तक पहुंच गई जो बाघ को मारने का काम करते थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि इसके लिए वह बिजली का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों ने बताया कि उनका संपर्क पेंच टाइगर रिजर्व के नजदीक गांव में ही रहने वाले दो तांत्रिकों से था।
यह भी पढ़ें : प्रदेश की वह हॉट सीट जहां कांग्रेस प्रत्याशी को होना पड़ा शर्मिंदा जानिए क्यों
बाबा के इशारे पर होता था शिकार
नागपुर अमले की टीम कथित तांत्रिक तक पहुंची। उन्होंने पूछताछ में बताया कि शेर मारने की कीमत अलग होती थी और नोट बरसाने की कीमत अलग होती थी। एक ग्राहक से वह एक लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक वसूल लेते थे। फंसने पर बाघ (Tiger’s) के शिकार की पोल खोल देने की धमकी देकर बच जाते थे। वन अमले ने अब तक हुई पूछताछ के बाद तीन बाघों के अवशेष और तीन तेंदुए के अवशेष बरामद किए हैं।
ऐसे छुपाते थे
शिकार के बाद शव को बकायदा काटा जाता था। पैर, जबड़ा समेत अन्य चिन्ह बनाकर उन्हें दफनाया जाता था। उसे नोट की बारिश चाहने वाले व्यक्ति के सामने पैसा देने पर खोला जाता था। मिली हुई राशि में से ही कुछ रकम लौटा दी जाती थी यह बोलकर कि नोटों की इतनी ही बारिश हुई है। अगली कोशिश में ज्यादा हो जाए। लेकिन, दूसरी बार के लिए वह मौका बाद में देते थे। इसके लिए वह मुर्हूत का बहाना बनाते थे। नागपुर अमले ने इस मामले में अब तक 16 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वन अमले का दावा है कि यह संख्या दर्जनों में पहुंचेगी। इसमें कुछ अन्य दलालों की तलाश है जो तांत्रिक के इशारे पर काम करते थे।