RTO SCAM : डीजीपी से टीआई के खिलाफ शिकायत, आरोपियों को बचाने झूठे प्रमाण अफसरों के सामने पेश करने का आरोप

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RTO SCAMहुंडई कार की वास्तविक नंबर की बजाय दूसरे की कार मालिक का नंबर देने पर की गई थी शिकायत, आरटीओ के खिलाफ दोबारा जांच कराने की मांग

भोपाल। आरटीओ ऑफिस के एक (RTO Scam) फर्जीवाड़े की जांच को बदलने के आरोपों में पिपलानी थाना प्रभारी राकेश श्रीवास्तव घिर गए हैं। उनके खिलाफ डीजीपी से जन सुनवाई में शिकायत की गई है।
यह शिकायत लाल घाटी के नजदीक वल्लभ नगर निवासी राजेश फबयानी ने की है। उन्होंने जनसुनवाई में आवेदन देते हुए बताया कि (RTO Scam) हुंडई कंपनी के सुरजीत ऑटो शोरूम से उन्होंने कार खरीदी थी। आरटीओ से दस्तावेज जारी कराने एजेंसी ने उनसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे। इन हस्ताक्षरों का सुरजीत ऑटो शोरूम कंपनी ने (RTO Scam) दुरूपयोग किया। इसकी शिकायत उन्होंने भोपाल पुलिस के अफसरों के अलावा उपभोक्ता फोरम में भी लगाया गया। उपभोक्ता फोरम ने प्रकरण को आपराधिक मानते हुए जिला अदालत में आवेदन के लिए आदेश जारी किए। फबयानी ने बताया कि उनके पास जो वाहन है उसके (RTO Scam) दस्तावेज उनके पास नहीं हैं। उनके पास जिस वाहन के दस्तावेज हैं वह दूसरे के पास है। यह फर्जीवाड़ा आरटीओ कार्यालय की मदद से अंजाम दिया गया। इस मामले में पिपलानी थाना प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने भी जांच की। लेकिन, उन्होंने जांच रिपोर्ट बदलते हुए भौतिक तथ्यों की पड़ताल ही नहीं की।
फबयानी का आरोप है कि थाना प्रभारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उपभोक्ता फोरम में केस चल रहा है। जबकि फोरम ने प्रकरण को आपराधिक मानते हुए उसे (RTO Scam) कोर्ट जाने का आदेश दिया गया। इन तथ्यों को छुपाते हुए और वह कोरे कागज जिसमें दूसरे व्यक्ति की हैंड राइटिंग हैं उसकी भी जांच नहीं कराई गई। उसे झूठा साबित करने के लिए थाना प्रभारी ने गलत तथ्य (RTO Scam) अपनी रिपोर्ट में पेश किए। जन सुनवाई में फबयानी ने अपनी वास्तविक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए नए सिरे से जांच कराने की मांग की है।
क्या है मामला
कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दूसरा जारी कर देने को लेकर फबयानी कई महीनों से केस लड़ रहे हैं। इसी मामले को (RTO Scam) लेकर आरटीओ ने सुरजीत ऑटो शोरूम कंपनी का व्यवसायिक लायसेंस निरस्त कर दिया था। हालांकि आरटीओ ने इसे बाद में बिना अनुमति बहाल भी कर दिया।

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