Corporate Fraud : साढ़े छह करोड़ रुपए डकारने के बाद तीन कंपनियों ने लगाए ताले

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Company Fraud
भोपाल स्थित आर्थिक प्रकोष्ठ विंग मुख्यालय

जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने 30 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया मामला, बीमा और रियल स्टेट के कारोबार से जुड़ी थी कंपनियां

इंदौर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने कंपनियों के जालसाजी (Corporate Fraud) के एक जांच के बाद प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामला एक ही संचालक की मदद से तैयार तीन कंपनियों के फर्जीवाड़े से जुड़ा था। यह कंपनियां बीमा और रियल स्टेट (Insurance And Real Estate) का कारोबार करती थी। कंपनी साढ़े छह करोड़ रुपए डकारने के बाद निवेशकों की रकम लेकर फरार हो गई।

जानकारी के अनुसार एफआईआर इंदौर यूनिट की तरफ से की गई है। कंपनियों की जालसाजी (Company Fraud) के मामले में ईओडब्ल्यू (EOW) ने गबन, जालसाजी के अलावा मध्यप्रदेश के निवेशकों के हित अधिकार अधिनियम 2000 के तहत कार्रवाई की है। कंपनियों ने धोखाधड़ी (Corporate Fraud) वर्ष 2009 से लेकर 2015 के बीच अंजाम दिया था। इस कंपनी का दफ्तर इंदौर के गीता भवन चौराहा के नजदीक महासागर अपार्टमेंट में था। धोखाधड़ी की शिकायत 2013 में हुई थी। जिसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रहा था। ईओडब्ल्यू के मुताबिक यह कंपनियां यूएसके इंडिया लिमिटेड, मालवांचल, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड और मालवांचल इंडिया लिमिटेड है। ईओडब्ल्यू ने इन तीनों कंपनियों के संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया है।

यह है आरोपी
ईओडब्ल्यू के अनुसार यूएसके इंडिया लिमिटेड के संचालकों में मुरैना के अंबा तहसील निवासी 51 वर्षीय शिवराम सिंह तोमर पिता राजबहादुर सिंह तोमर, उज्जैन निवासी 30 वर्षीय संजय वर्मा पिता माखन वर्मा, ग्वालियर के मुरार निवासी 41 वर्षीय उमेश नरवरिया, उमेश की पत्नी 32 वर्षीय बीरवती, देवास के टोंकखुर्द निवासी पप्पू पटेल पिता रमेश पटेल, ग्वालियर के मुरार निवासी 38 वर्षीय प्रमोद सिंह पिता रामेश्वर सिंह, देवास के नांदेल निवासी 53 वर्षीय सुमन वर्मा पति माखनलाल वर्मा, देवास के नांदेल निवासी 37 वर्षीय अमित रत्नाकर पिता नानदान रत्नाकर को पुलिस ने आरोपी बनाया है। इसी तरह मालवांचल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टस लिमिटेड के संचालकों में उज्जैन निवासी संजय वर्मा पिता माखन वर्मा, देवास के टोंक कला निवासी 63 वर्षीय सुमित्रा रत्नाकर पिता दशरथ तोमर, इंदौर के सांवेर निवासी 42 वर्षीय लीलाधर पटेल पिता रामेश्वर पटेल, लीलाधर की पत्नी 37 वर्षीय बबीता पटेल, देवास के खुर्द निवासी 38 वर्षीय सचिन चौधरी पिता प्रभुलाल चौधरी, देवास के पि​पलिया निवासी 33 वर्षीय अल्केश पटेल पिता मोहनलाल पटेल, देवास के पिपलिया निवासी 29 वर्षीय राहुल कामदार पिता कांतिलाल कामदार, देवास के टोंकखुर्द निवासी राकेश पटेल पिता अनूप सिंह पटेल और देवास के टोंकखुर्द निवासी पप्पू पटेल पिता रमेश पटेल को आरोपी बनाया गया है। इन दोनों कंपनियों में कुछ संचालक एक दूसरे कंपनी में शामिल है। इसी तरह तीसरी कंपनी मालवांचल इंडिया लिमिटेड के संचालक सुमन वर्मा, अमित रत्नाकर, नंदन रत्नाकर, धार निवासी दिलीप सेन, उज्जैन निवासी संदीप चौधरी, देवास निवासी महेन्द्र सिंह, प्रवीण कुमार पटेल, मुकरीलाल और गोपाल पटेल के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

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ऐसे दिया वारदात को अंजाम
ईओडब्ल्यू ने बताया कि यूएसके इंडिया लिमिटेड का पंजीयन ग्वालियर के पते पर हुआ था। इसी ग्रुप की दूसरी कंपनी मालवांचल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टस नवम्बर, 2011 में इंदौर के पते से रजिस्टर्ड हुई थी। मालवांचल इंडिया लिमिटेड का पंजीयन जनवरी, 2011 में हुआ था। इसका पंजीयन दिल्ली से कराया गया था। पहले की दो कंपनियां रियल और बीमा के क्षेत्र में काम करने के लिए रजिस्टर्ड हुई थी। जबकि तीसरी कंपनी का दिल्ली में रजिस्ट्रेशन आयात—निर्यात, सेल्स प्रमोशन, मार्केटिंग के लिए कराया गया था। कंपनियों ने जनता से कम समय में राशि दुगुना करने का लालच देकर पैसा निवेश कराया था। यह निवेश करीब 6 करोड़, 48 लाख और 36 हजार से अधिक था। इस रकम के बदले में कंपनियों ने राजगढ़, देवास में कृषि भूमि और प्लॉट बनाकर देने का लालच दिया था। कंपनियों ने केदार चौधरी, संदीप पटेल, अशोक चौधरी, नीलेश चौधरी, अनिल चौधरी, संजय पटेल, पवन सिंह, भूपेन्द्र, वाहिद खान समेत कई अन्य की रकम ऐंठने के बाद भाग गए थे।

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