Bhopal News: देख रहे हो विनोद, भारतीय टीम के पूर्व किक्रेटर के ससुर भी कलेक्टर के सामने जाकर गिड़गिड़ा चुके, अतिक्रमण हटाने अमला तो पहुंचा फिर चार दिन की मोहलत देकर बैरंग लौट आया, राजधानी में बैठे ब्यूरोक्रेसी के अफसर कितने निष्पक्ष फिर उजागर
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और डॉक्टर मोहन यादव ने भूमाफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाई। लेकिन, राजधानी में ही एक भाजपा के पूर्व विधायक के करीबी के अतिक्रमण पर बुलडोजर नहीं चल सका। इस मामले (Bhopal News) की शिकायत पिछले तीन साल से प्रशासन, नगर निगम और बीडीए को की जा रही है। आलम यह है कि पिछले दिनों जिस नेता के करीबी ने कब्जा किया है उसकी शिकायत लेकर भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर के ससुर भोपाल कलेक्टर से मिलकर शिकायत कर चुके थे। इसके बाद प्रशासन जागा और कार्रवाई करने के लिए भारी बल के साथ मौके पर पहुंचा। फिर एक बार चार दिन की मोहलत देकर अमला बैरंग लौट गया।
हमने मुद्दा उठाने के लिए उस वक्त यह किए थे प्रयास
जानकारी के अनुसार अमले ने सिर्फ एक चबूतरा तोड़ा। उसमें अवैध तरीके से धार्मिक स्थल बनाने की तैयारी की जा रही थी। शाहपुरा (Shahpura) स्थित ईश्वर नगर (Ishwar Nagar) में शुरु किए गए भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA Property Encroachment) के प्रोजेक्ट में किया गया है। यहां टीएंडसीपी के आधिकारिक नक्शे में ओपन स्पेस दिखाया गया था। जिसमें पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। लेकिन, करोड़ों रुपए के इस जमीन पर एक कथित माफिया ने अपने रेत—गिट्टी का सामान बेचने वाले ट्रेडर्स की दुकान खोल ली थी। शिकायत बीडीए (BDA) के पास हुई थी। लेकिन पताचला कि यहां बीडीए बनाम दूरसंचार कॉलोनी के बीच विवाद चल रहा था। दोनों पक्ष न्यायालय गए थे। यहां से बीडीए अपना कब्जा साबित करने में कामयाब रहा। जिसके बाद 2020 में बीडीए ने यहां के तीन भूखंडों को नए सिरे से नीलाम किया था। जिन्हें नीलाम किया गया था उनके नक्शे में ओपन स्पेस दर्शाया गया था। लेकिन, जब वहां लोग पहुंचे तो कब्जे में दुकान थी। इस बात को लेकर सितंबर, 2021 से लगातार शिकायतें रहवासियों ने बीडीए से की थी। यह शिकायतें भोपाल संभागायुक्त, नगर निगम कमिश्नर, कलेक्टर से लेकर बीडीए के सीईओ बुद्धेश कुमार वैद्य (CEO Buddhesh Kumar Vaidya) तक पहुंची थी। इसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। लेकिन, कोई कार्रवाई ही नहीं की गई।
आज भी नहीं किया गया जमींदोज
जिस जमीन पर कब्जा है वह पवन ट्रेडर्स (Pawan Traders) नाम से दुकान चल रही है। यहां से रेत, ईट गिट्टी बेची जाती है। दुकान के मालिक राजेन्द्र सिंह राजपूत (Rajendra Singh Rajput) और पवन सिंह राजपूत (Pawan Singh Rajput) हैं। पवन सिंह राजपूत के पिता भगत सिंह राजपूत (Bhagat Singh Rajput) है। हमने उस वक्त तीनों से संपर्क किया था। वे भी जवाब नहीं दे सके। हमारे आने की खबर लगने पर वह दुकान पर नहीं पहुंचे थे। हालांकि दूसरे दिन पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह (DhruvNarayan Singh) के कॉलर आईडी बनाकर रिपोर्टर से बातचीत की गई थी। उनकी दुकान पर भाजपा का चुनाव चिन्ह शटर में लगा रखा था। अब कोलार एसडीएम रविशंकर राय (SDM Ravishankar Rai) ने इस मामले में 03 अगस्त को दुकान बनाकर अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति को नोटिस दिया था। जिस पर 13 अगस्त तक उसे खाली करने के लिए बोला गया था। लेकिन, वहां से जब अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो 20 दिन बाद प्रशासन के अमले ने उसे जमींदोज करने के लिए फिर चेतावनी दे दी। मोहलत को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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