MP Political News: सत्ता बदलने के बाद दमोह की सीट से पता चलेगा भाजपा के भीतर चल क्या रहा है, भाजपा के इन नेताओं को अपनी जमीन का खतरा
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भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Political News) में पिछले साल सत्ता का फेरबदल हुआ था। इसके बाद हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (MP BJP News) ने अपनी खोई हुई साख को वापस पाने का दावा किया। उसके बाद से सबकुछ सही चल रहा है ऐसा भाजपा में दिख नहीं रहा है। भाजपा के भीतरखाने से मिल रही खबरों के अनुसार विंध्य के परिणाम को देखते हुए बुंदेलखंड के बड़े नेता लामबंद होने लगे हैं। ऐसा ही हाल कांग्रेस का भी है। दोनों ही दलों के नेता भीतर ही भीतर अपने रसूख को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि यह आधिकारिक नहीं है। भाजपा—कांग्रेस दोनों ही दलों के नेता इन बातों को कपोल कल्पना बता रहे हैं।
जोर का झटका धीरे से लगा
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस से भाजपा में आए प्रदुम्न सिंह लोधी (Pradyuman Singh Lodhi) को एक महीने पहले बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लोधी कांग्रेस नेता मुकेश नायक (Mukesh Nayak) से लगातार संपर्क में थे। यह कवायद दमोह के कद्दावर नेता जयंत मलैया ओर सिद्दार्थ मलैया के रुख को देखते हुए की जा रही थी। पिता—पुत्र कांग्रेस से भाजपा में आए राहुल लोधी को टिकट दिए जाने की बात से नाराज थे। यह सीट राहुल लोधी ने जयंत मलैया से ही छीनी थी। हालांकि पिता—पुत्र ने भाजपा के खिलाफ कोई भी बगावती सुर बोलने से इंकार कर दिया। इस कारण एमपी के बड़े नेताओं को फिर रणनीति बदलनी पड़ी। कांग्रेस को झटका देने की तैयारी थी। अब उसे मुकेश नायक के भाई सतीश नायक (Satish Nayak) को शामिल करने से संतोष करना पड़ रहा है।
जमीन की हैसियत होगी मालूम
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मध्य प्रदेश में दमोह सीट से चुनाव (Damoh By Election) होने के बाद नगर निगम के चुनाव होना है। इसलिए राजनीतिक हलकों में दमोह में चल रहे घमासान पर निगाहें जमकर टिकी हुई है। यहां ब्राहृमण और बनिया वोट बहुत ज्यादा असर डाल सकता है। इसलिए इन दोनों वर्ग में दखल रखने वाले नेताओं पर पार्टियां डोरे डाल रही है। भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियां भी अपना कैरियर तलाश रही है। उसमें सपा, बसपा के अलावा आम आदमी पार्टी भी है। तीनों ही दल बुंदेलखंड के कई बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। इसको देखते हुए एक सीट पर मचे कई तरह के बगावती बवंडर को रोकने के लिए सारे दांव—पेंच चल रहे हैं। हालांकि यह दमोह उप चुनाव के परिणाम ही बताएंगे कि किस नेता ने वाकई जमीन पर जाकर काम किया।
समीकरण का फॉर्मूला
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दमोह बुंदेलखंड क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र के कद्दावर नेताओं में कांग्रेस की तरफ से मुकेश नायक तो अजय टंडन हैं। खबर है कि टंडन और नायक के बीच सबकुछ सामान्य नहीं था। हालांकि टंडन ऐनवक्त पर मुकेश नायक को मना ले गए हैं। ऐसा ही भाजपा में चल रहा है। प्रदुम्न सिंह लोधी का कद बड़ा तो बुंदेलखंड के भाजपा नेताओं गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और जयंत मलैया की पेशानियों में बल पड़ गया। लोधी कामयाब होने जा रहे थे। यह देख तीनों सक्रिय नेता लामबंद हो गए। वे कांग्रेस से भाजपा में मुकेश नायक को लाने का विरोध करने लगे। नतीजतन, ऐनवक्त पर यह सारा कार्यक्रम टाला गया। हालांकि कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा कि मैं राजनीति में 30—35 साल से हूं। भाजपा के नेताओं से संपर्क में भी रहता हूं। लेकिन, जैसा आप सोच रहे हैं वैसा बिलकुल नहीं है।