Bhopal Cop News: महिला हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव कई बार चिंता जता चुके, थानों में अचानक औचक निरीक्षण करने वाले डीजीपी ने कभी इस विषय को लेकर नहीं पूछे मैदानी अफसरों से सवाल, भोपाल शहर के पुलिस अधिकारी जुगाड़ के रास्ते थानों में दर्ज कर रहे महिला पीड़ितों से संबंधित मामले, पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में थाना छोड़िए पूरा जोन ही खाली पड़ा हुआ है, अफसरों से सवाल—जवाब किए गए तो बोले डीसीपी कर लेते हैं बेहतरीन प्रबंधन
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी (Bhopal Cop News) जो हर मायनों में आदर्श होनी चाहिए। ताकि उससे दूसरे जिलों को कार्य करने के लिए तकनीक मिल सके। लेकिन, एमपी (MP Police Ground Report) में हालात इससे उलट है। सबसे ज्यादा प्रभावित पुलिस महकमा चल रहा है। जिसकी सुध लेने की फुर्सत एमपी (MP Cop News) सरकार के पास पिछले एक साल से नहीं हैं। हम बात कर रहे हैं भोपाल शहर के थानों में तैनात महिला अधिकारियों की। यहां शहर के थाने छोड़िए कई जोन में महिला अधिकारी नहीं हैं। उस पर सरकार की दबंगई वाले नियम मसलन महिला संबंधित अपराधों की एफआईआर महिला अधिकारी करने और जांच जैसी सख्ती। इसके चलते शहर के हालात बदतर बने हुए हैं। सवाल पूछने हर अधिकारी एक—दूसरे पर जिम्मेदारी टालकर पूरी सरकार को बचाने में जुटा हुआ है।
ऐसे निकलकर सामने आई पूरी कहानी जिसके बाद राजधानी का कड़वा सच हुआ बेनकाब
अयोध्या नगर थाना पुलिस के अनुसार 21 वर्षीय युवती ने पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वह अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में रहती है। इस मामले का आरोपी बबलू उर्फ कमल राजौरिया (Kamal Rajoroya) है। उसकी गिरफ्तारी के प्रयास एसआई दिनेश शर्मा (SI Dinesh Sharma) कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 268/24 धारा 376/376 2एन/354—घ (बलात्कार, कई बार ज्यादती और पीछा करके परेशान करने) का मुकदमा दर्ज किया। जब आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर एसआई दिनेश शर्मा (SI Dinesh Sharma) से प्रतिक्रिया मांगी तो वे कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने जिस तरीके से प्रतिक्रिया दी उसमें शंका हुई। जब प्रकरण की तफ्तीश की तो पता चला अयोध्या नगर के पूरे थाने को ही घटना को लेकर जानकारी नहीं है। इसकी वजह पता लगाई गई तो मालूम हुआ कि उस प्रकरण की एफआईआर दर्ज करने के लिए एसआई सुशीला धुर्वे (SI Sushila Dhurve) को बुलाया गया था। यह महिला अधिकारी जोन—2 में तैनात हैं और फिलहाल अशोका गार्डन थाने में पदस्थ हैं। यह पता चलने के बाद महिला स्टाफ तैनाती को लेकर अयोध्या नगर थाना प्रभारी महेश लिलारे (SI Mahesh Lilare) से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि थाने में महिला स्टाफ एक साल से नहीं हैं। यह तफ्तीश आगे बढ़ी तो डीसीपी जोन—2 श्रद्धा तिवारी (DCP Shraddha Tiwari) से चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि जोन में तैनात एक महिला अधिकारी सेवानिवृत्त हो गई है। इसके अलावा एक अन्य महिला अधिकारी का विधानसभा चुनाव के वक्त तबादला हो गया था। अयोध्या नगर थाना जोन—2 में आता है। इसलिए इस जोन के किसी दूसरे थाने से महिला अफसर को बुलाया जा सकता था। लेकिन, पूरे जोन में ही महिला एसआई नहीं होने के कारण विचित्र हालात बन गए। ऐसी परिस्थितियां पुलिस विभाग हर रोज झेल रहा है।
जिम्मेदार अफसर बोले कि हम मैनेज कर रहे हैं
पुलिस मुख्यालय की तरफ से डीजीपी सुधीर कुमार सक्सेना (DGP Sudhir Kumar Saxena) के आदेश हैं कि प्रत्येक महिला अधिकारी गंभीर मामलों की एफआईआर करेगी। लेकिन, शहर में महिला जांच अधिकारियों और एसआई की भारी कमी के चलते भोपाल पुलिस कमिश्नरेट में अब जुगाड़ पॉलिसी अपना ली गई है। इसमें सभी जोन के अफसरों ने समस्याएं बताई तो पुलिस कमिश्नर ने उसका विकल्प तैयार किया। अब महिला अफसरों की कमी दूर करने के लिए पुलिस कंट्रोल रुम में एक महिला अधिकारी की स्पेशल ड्यूटी लगाई जाती है। ताकि वह रात के समय में दर्ज होने वाले प्रकरणों में थाने में जाकर मुकदमा दर्ज करा सके। इसके अलावा कई जोन के डीसीपी दूसरे जोन के डीसीपी से कॉल करके अपने यहां महिला अधिकारी से एफआईआर करा रहे हैं। इस जुगाड़ पॉलिसी को भोपाल मुख्यालय डीसीपी अखिल पटेल (DCP Akhil Patel) बेहतरीन प्रबंधन कार्य कुशलता बोलकर बहुत अच्छे तरीके से बचाव करते नजर आए। कई थानों में महिला संबंधित प्रकरणों के चालान सही समय पर तैयार नहीं हो पा रहे।
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