Bhopal Cyber Fraud: लोगों को झांसा देने के लिए कई जगहों पर आयोजित किए गए हैं सेमीनार, दुबई से जुड़े जालसाजों के कनेक्शन, DGC/GDC कॉइन में लोगों से कराते थे इन्वेस्ट, बिटकॉईन की तरह लाभ दिलाने का देते थे लालच, दस हजार से अधिक फर्जी आईडी मिली, पांच करोड़ रुपए के फर्जीवाड़े के सबूत मिले
भोपाल। फर्जी तरीके क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने के एक मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जांच भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) शहर के क्राइम ब्रांच थाना पुलिस कर रही थी। आरोपियों में दो सगे भाई थे। जिन्होंने पूरे देशभर में दर्जनों लोगों के साथ लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। अब इस गिरोह का खुलासा करते हुए इस नेटवर्क को इंटरनेशनल करार दिया है।
तीन किस्त में जमा कराई थी रकम
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरोपी त्रिलोक पाटीदार (Trilok Patidar) को भोपाल से गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ 17 अप्रैल को राजेंद्र विराज सिंह वर्मा (Rajendra Viraj Singh Verma) पिता स्व. गोकुल प्रसाद उम्र 40 साल ने प्रकरण दर्ज कराया था। वे कटारा हिल्स थाना (Katara Hills) क्षेत्र में रहते है। उनके साथ सुमित जैन (Sumit Jain) और अतुल जैन (Atul Jain) ने फर्जीवाड़ा किया था। अतुल जैन पूर्व में राजेंद्र विराज सिंह का एक बिजनेस में पार्टनर भी रहा था। उसके ही कहने पर दुबई फाउण्डर गोल्ड डेजर्ट काईन (Dubai Founder’s Gold Desert Coin) पर पैसा लगाया। इसी मामले में त्रिलोक पाटीदार की पुलिस को तलाश थी। आरोपी बेवसाईट golddesertcoin.info के जरिए फर्जीवाड़ा कर रहे थे। वे गोल्ड डेजर्ट कॉईन ( Gold Desert Coin) में रूपये इन्वेस्ट कराने के नाम पर 01 लाख 15 हजार रूपये की धोखाधड़ी की थी। यह रकम पीड़ित ने तीन किस्त में दी थी। गिरफ्तार आरोपी त्रिलोक पाटीदार गोल्ड डेजर्ट कॉईन का मुख्य प्रमोटर है। वह देश के विभिन्न राज्यों में जाकर हाई प्रोफाईल होटलों में 100-150 लोगों को एकत्रित करके उनको GDC कॉइन में इन्वेस्ट करने के लिए उकसाता था। लोगों को बिटकॉईन (Bitcoin) की तरह इसमें भी लाभ होने का वह झांसा देता था।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
फ्रॉड करने के लिए आरोपी ने साथियों के साथ मिलकर ट्रेड क्रिप्टो 24 (Trade Crypto 24) नाम से क्रिप्टो एक्सचेंज भी खड़ी कर दी थी। जबकि DGC/GDC कॉइन एवं ट्रेड क्रिप्टो 24 एक्सचेंज का कहीं भी कोई भी रजिस्ट्रेशन आरोपियों ने नहीं कराया था। यह केवल फ्रॉड हेतु डेवलप की गयी थी। इस मामले में प्रारंभिक डेवलपर अमर लाल वाधवानी (Amar Lal Wadhwani) को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपी अमर लाल वाधवानी ने मुख्य आरोपी को क्रिप्टकरेंसी की बेवसाईट तैयार करने में मदद की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों से तीन मोबाईल फोन, एक लेपटॉप और एक कंप्यूटर भी जब्त किया है। त्रिलोक पाटीदार पिता रामबाबू पाटीदार उम्र 36 साल बागसेवनिया स्थित विद्या नगर (Vidya Nagar) में रहता है। हालांकि वह मूलत: शाजापुर (Shajapur) जिले का रहने वाला है। दूसरा आरोपी अमर लाल वाधवानी पिता साधुराम वाधवानी उम्र- 42 साल है। वह पिपलानी थाना क्षेत्र स्थित दुर्गेश विहार कॉलोनी (Durgesh Vihar Colony) में रहता है।
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