MP News: योग से निरोग कार्यक्रम में सीएम को सलाह देने वाले टीचर को आगे बोलने से रोकना पड़ा
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP News) में ऑक्सीजन संकट नहीं रहेगा। यदि मरीज को बरगद और नीम के पेड़ के नीचे बैठा दिया जाए। यहां प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन होती है। यह सलाह ग्वालियर के शिक्षक ऋषिकेश वशिष्ठ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया। जिसके बाद आयुष विभाग के अफसरों को उन्हें आगे सलाह देने के लिए रोकना पड़ा। यह सारा नजारा योग से निरोग कार्यक्रम के वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान हुआ।
अस्पतालों की भी सीमाएं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम के समापन अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि महामारी पहले भी आई थी। लेकिन, एक ऐसी महामारी जिसने पूरी दुनिया में कहर ढ़ाया है। संकट महाविकट है हमें इससे निपटना है। व्यापक पैमाने पर संक्रमित हो रहे हैं। व्यवस्थाएं छोटी पड़ रही है। अस्पतालों की भी सीमाएं हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि हम पूरी पराकाष्ठा प्रयत्नों की करेंगे। इसमें हमें विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए। ताकि जनता को उसका फायदा मिले। अस्पतालों में इलाज के साथ—साथ बीमारी न हो उसके लिए काम और अस्पताल जाने की बजाय घर पर नागरिकों को स्वस्थ्य करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में एक्टिव केस 85 हजार है।
रात दो बजे फोन सुनता हूं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी संक्रमित हुआ। लंग्स पर संक्रमण से कोई असर नहीं हुआ। इसकी वजह योग को ही मानता हूं। मैं दिनभर व्यस्त रहता हूं। प्रदेश की परिस्थितियां खराब है। रात दो बजे भी व्यवस्थाओं को लेकर फोन सुनता हूं। एलौपेथिक के साथ योग, ध्यान और प्राणायाम भी जरुरी है। होम आईसोलेशन में रहने वाले मरीजों को योग शिक्षक सेवाएं देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जनता से अपील है कि बीमारी लाइलाज नहीं है। बस आवश्यकता है वक्त रहते लक्ष्ण दिखने पर इलाज कराए।