Bhopal Honey Trap: मंत्री स्टाफ के 11 कर्मचारियों पर लगे थे आरोप 

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Bhopal Honey Trap: मंत्री के ओएसडी मामले में हुई एफआईआर की मूल कहानी उजागर, पुलिस ने सिर्फ एक युवती को आरोपी बनाकर मामले से जुड़े कई रसूखदारों के नाम को बचाने का किया प्रयास, जिस ओएसडी पर लगाए थे आरोपी उनके खिलाफ चल रही थी जांच, मामले की आरोपी ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री निवास से लेकर तमाम जगहों पर की थी शिकायत, विधानसभा चुनाव के वक्त ही उजागर हो गई थी यह कहानी

Bhopal Honey Trap
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के ओएसडी रहे अवर सचिव मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस ने मीडिया को रिपोर्ट में पूरी खबर ही नहीं बताई। इस मामले की एफआईआर भोपाल (Bhopal News) शहर के हबीबगंज थाना पुलिस ने की है। द क्राइम इंफो के पास इस संबंध में पुख्ता जानकारी मिली है। इस पूरे एपिसोड में पीड़ित ओएसडी से पूर्व दूसरे अधिकारी पर आरोपी युवती ने काफी गंभीर आरोप लगाए थे। उसी मामले की जांच के दौरान पीड़ित अफसर उसके संपर्क में आए। इन तथ्यों पर बयान के लिए कई बार हबीबगंज संभाग के एसीपी और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मयूर खंडेलवाल से संपर्क किया गया। वे आमने—सामने बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हुए।

पुलिस ने अपनी एफआईआर में यह बताई थी कहानी

हबीबगंज (Habibganj) थाना पुलिस ने इस मामले में 07 जून को प्रकरण दर्ज कियाा था। जिसमें बताया गया कि आरोपी महिला मंत्री जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (Cabinet Minister Tulsi Silavat) के बंगले में आती—जाती थी। पीड़ित की उम्र 44 साल है। वे कैबिनेट मंत्री के बंगले में ओएसडी (OSD) थे। थाने में जीवन रजक (Jeevan Rajak) ने शिकायत दर्ज की है। अब वे मंत्री के ​बंगले पर तैनात नहीं हैं। वे अब पीएचई विभाग में अवर सचिव हैं। पीड़ित जब मंत्री के बंगले में थे तब उनकी पहचान आरोपी से हुई थी। आरोपी युवती बंगले पर पत्रकार बनकर आती थी। वह क्षेत्र की समस्याओं और काम करने को लेकर मंत्री के ओएसडी से मुलाकात करती थी। आरोपी दो करोड़ रुपए मांग रही थी।उसका कहना था कि यदि यह रकम नहीं दी तो वह बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा देगी। युवती को गिरफ्तार कर लिया गया है। रीवा (Rewa) जिले के बिछिया डीह इलाके की वह रहने वाली है। पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला है कि उसके खिलाफ रीवा जिले के गोविंदगढ़, सिविल इान, बिछिया (Bichhiya) थाने में अलग—अलग चार लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें भी आरोपी महिला (Bhopal Honey Trap) ने बलात्कार और छेड़छाड़ मामले में फंसाने की धमकी दी थी। आरोपी महिला ने जिला अदालत में भी 32 लोगों के खिलाफ बलात्कार, छेड़छाड़, चोरी और मारपीट करने संबंधित परिवाद भी दायर किया था। पुलिस का कहना है कि आरोपी का यह तरीका रहा है कि वह इस तरह के आरोप लगाकर रसूखदार लोगों से पैसा उगाही करती है। पुलिस ने उसको हबीबगंज (Habibganj)  स्थित मनीषा मार्केट (Manisha Market) के पास से हिरासत में लिया है। उसके मोबाइल को भी जांच के लिए जब्त कर लिया है। पुलिस ने बताया कि 310/24 धारा 389 का प्रकरण दर्ज कर लिया है।

यह है वह सच्चाई जिसको पुलिस ने अपने पिटारे में दबाकर रखा हुआ है

Bhopal Honey Trap
सांकेतिक चित्र

इस मामले की आरोपी युवती ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (EX CM Shivraj Singh Chauhan) के कार्यकाल में सबसे पहले शिकायत 24 मई, 2023 को की थी। यह शिकायत उसने तत्कालीन मंत्री तुलसी सिलावट से की थी। उस वक्त डॉक्टर जीवन रजक मंत्री के ओएसडी हुआ करते थे। आरोपी युवती ने मंत्री स्टाफ में तैनात लक्ष्मीकांत उपाध्याय (Laxmikant Upadhyay) पर शारीरिक और मानसिक रुप से प्र​ताड़ित करने का आरोप लगाया था। आरोपी ने मंत्री से काम कराने के बदले में पैसा लेने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद उसने 13 जुलाई, 2023 को फिर दूसरा आवेदन दिया था। इस बार लक्ष्मीकांत उपाध्याय के साथ—साथ उसने डॉक्टर जीवन सिंह रजक पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना करने के आरोप लगा दिए। इससे पहले मंत्री तुलसी सिलावट के सामने उसने 21 जून, 2023 को आवेदन देकर लक्ष्मीकांत उपाध्याय पर लगाए गए आरोपों को वापस ले लिया था। तब उसने कहा था कि यह आरोप उसने बहकावे पर आकर लगा दिए थे। आरोपी ने 21 जुलाई, 2023 को दिए गए एक अन्य आवेदन पर लक्ष्मीकांत उपाध्याय के साथ मधुर संबंध होने की बात बोलकर पत्राचार किया गया। उसने कहा था कि उसके साथ विकास तिवारी (Vikas Tiwari) , विमलेश और जैन गाडी वाले ने अशोभनीय हरकतें की थी।

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एक साल तक एसीपी कार्यालय ने इस संगीन मामले को दबाकर रखा

आरोपी युवती के यह कारनामें मंत्री के बंगले के भीतर कागज में कई महीनों तक इस टेबल से उस टेबल चलते रहे। तब यह मामला (Bhopal Honey Trap) पुलिस थाने नहीं पहुंचा। अब यह प्रकरण थाने पहुंचा जिसके बाद रातों रात युवती को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता जब मर्जी आती तब वह किसी पर भी आरोप लगाती रही। इस बीच मंत्री तुलसीराम सिलावट किसी भी जांच में सीधे सामने नहीं आए। आरोपी से मंत्री स्टाफ के करीब 11 कर्मचारी परेशान थे। इसके बावजूद उसका मंत्री निवास में आना—जाना लगा रहा। मंत्री स्टाफ में तैनात कर्मचारी उसकी अड़ीबाजी और धमकी से परेशान चल रहे थे। उस वक्त विधानसभा चुनाव का माहौल था। इसलिए इस पूरे मामले को दबाया जाता रहा। ऐसा नहीं है कि यह मामला पुलिस के पास 07 जून, 2024 को पहली बार आया। यह प्रकरण हबीबगंज एसीपी के पास 20 जून, 2023 को भी आया था। लेकिन, पुलिस ने उस वक्त प्रकरण दर्ज नहीं किया था। डॉक्टर जीवन सिंह रजक (Dr Jeevan Singh Rajak) समेत अन्य के खिलाफ आरोपी ने 24 नवंबर, 2023 को पीएमओ, सीएमओ कार्यालय समेत अन्य जगहों पर भी शिकायत कर दी थी। इस बार उसने लक्ष्मीकांत उपाध्याय, विकास तिवारी, विमलेंद्र खातर (Vimlesh Khatar) , अरुण शुक्ला (Arun Shukla) का नाम दिया। सभी पर छेड़छाड़, अशोभनीय हरकतें करने के संगीन आरोप लगाए। इन्हीं आरोपों पर पक्ष जानने के लिए एसीपी हबीबगंज संभाग से संपर्क किया गया। हालांकि वे लंबी कवायद के बाद भी बातचीत करने के लिए राजी नहीं हुए।

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