Satna jail : इतने मेहरबान हुए जेलर कि उन्होंने अदालत के आदेश की बजाय दूसरे को कर दिया रिहा

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Satna jailएडीजी जीआर मीणा की रिपोर्ट पर डीजी जेल संजय चौधरी ने जारी किया आदेश

सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के (Satna jail) जेलर को डीआईजी जेल कार्यालय में अटैच करने के आदेश जारी कर दिए गए। यह आदेश डीजी जेल संजय चौधरी ने जारी किए। इससे पहले डीजी के आदेश पर एक जांच कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी की रिपोर्ट एडीजी जेल जीआर मीणा ने डीजी को सौंपी थी।
जानकारी के अनुसार (Satna jail) रिपोर्ट को आधार बनाकर सतना जेल के जेलर बद्री विशाल शुक्ला को अटैच कर दिया गया। जेलर को जबलपुर डीआईजी जेल कार्यालय में अटैच किया गया है। इससे पहले एडीजी जीआर मीणा ने (Satna jail) जेल का निरीक्षण किया था। यह जांच एक ताजा मामले के प्रकाश में आने के बाद बैठाई गई थी। बताया जाता है कि जेल की लापरवाही के चलते वास्तविक बंदी की बजाय किसी अन्य बंदी को (Satna jail) जेल से रिहा कर दिया गया था। इस संबंध में जिला अदालत में लिखित में स्पष्टीकरण भी दिया था। जेलर पर आरोप है कि जेल के भीतर वे जातिवाद फैला रहे थे। जिसका बंदी विरोध भी कर रहे थे। सतना जेल को मिल रही शिकायत के बाद कार्रवाई तो कर दी गई। लेकिन, वहां अब तक किसी की तैनाती नहीं की गई। जेल मुख्यालय ने परिसर के भीतर सुरक्षा मानकों पर सुधार के लिए भी सुझाव जारी किए हैं।

जेल और उसके विवाद
सतना जेल (Satna jail) पिछले तीन महीने से सुर्खियों में बना हुआ था। यहां की कार्यप्रणाली को लेकर जेल के बंदी भी आवाज उठा रहे थे। जिसका मामला जेल मुख्यालय भी पहुंचा। यहां दो विचाराधीन बंदियों ने एक महीने के भीतर में सुसाइड कर लिया था। इसमें से एक बंदी तेल कारोबारी बृजेश रावत के जुड़वा बेटों प्रियांश और श्रेयांश की हत्या की साजिश में आरोपी था। इसके अलावा (Satna jail) जेल बंदियों की तस्वीर वायरल हुई थी। मोबाइल जेल के भीतर जाने को लेकर बड़ा बवाल मचा था।

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