Bhopal Fraud Case: रजिस्ट्री कार्यालय के दस्तावेज में भाई-बहन ने की थी हेरफेर, पुलिस ने बनाया आरोपी
भोपाल। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह घटना बिलकुल सही है। मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Fraud Case) का है। दरअसल, एक मकान के ग्यारह मालिक थे। पहले पुलिस से शिकायत हुई तो वह भी चकरा गई। इसलिए सिविल का केस बताकर पल्ला झाड़ा गया। इसलिए पीड़ित परिवार कोर्ट की शरण में पहुंच गया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद मकान के असली मालिक का पता लगाने आदेश दिया है। संपत्ति के दस्तावेजों में भाई-बहन ने मिलकर हेरफेर (Bhopal Property Cheating Case) किया है। पुलिस ने दोनों को आरोपी बनाया है।
तीन साल पहले खरीदा था मकान
शाहजहांनाबाद थाना पुलिस ने बताया हसन कुरैशी (Hasan Quereshi) पिता असलम ने शुक्रवार शाम सात बजे आरोपियों के खिलाफ जालसाजी (Bhopal Cheating News) का मुकदमा दर्ज कराया हैं। हसन की शिकायत पर मुख्य आरोपी अमित बिसारिया (Amit Bisariya) और शिबी बिसारिया (Shibi Bisariya) के खिलाफ धारा 420/467/468/471/120बी (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, झूठे दस्तावेज तैयार करना और साजिश में कई लोगों का शामिल होने) का मुकदमा दर्ज किया हैं। जांच अधिकारी एसआई रमन सिंह ठाकुर (SI Raman Singh Thakur) ने बताया हसन जहांगीराबाद जिंसी इलाके का रहने वाला है। वह प्रायवेट काम करता है। उसे प्रॉपर्टी खरीदना थी। जिसके लिए उसने आरोपी भाई—बहन से संपर्क किया था।
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ऐसे चंगुल में फंसाया
जांच अधिकारी ने बताया उसने दोनों आरोपियों से संपर्क किया था। दोनों ने उसे जहांगीराबाद अहाता कल्ला शाह के पास मकान दिखाया था। दोनों ने बताया यह मकान उसके स्वर्गीय पिता नरेश बिसारिया (Naresh Bisariya) के बाद मां के नाम हुआ और मां की मौत के बाद इस मकान के दोनों वारिस हैं। मकान में दोनों का आधा-आधा हिस्सा रहेगा। हसन ने प्रॉपर्टी का सौदा 24 लाख रूपए में तय किया। सौदे के तहत चार लाख कैश और 10-10 के दो चैक दिए गए। दोनों आरोपियों ने 12-12 लाख रूपए आपस में बांट लिए। आरोपियों ने मकान की रजिस्ट्री हसन के नाम करा दी थी।
ग्यारह लोग बने आरोपी
जांच अधिकारी ने बताया दोनों अरोपियों ने हसन के मकान के सारे दस्तावेज सौंप दिए। इसके बाद दोनों से हसन की कोई बात नहीं हुई। अचानक हसन को पता चला कि जिस मकान को वह खरीद चुका है। उसके मकान को किसी ओर को भी बेचा गया है। हसन ने बताया तो आरोपी पहले इंकार करते रहे। हसन को शक हुआ तो उसने खुद पता लगाना शुरू किया। तब पता चला वह मकान दूसरे आरोपियों को बेचते समय फोटो लगाया गया है। दोनों ने उसी प्रॉपर्टी का सौदा आरोपी अशोक तिवारी (Ashok Tiwari), रिहान खा (Rihan Khan), गोपाल, अजय, सुधा, यशवंत, महेश, अकरम, काजी खान और रिहान को भी बेचा गया है। जिसके बाद उसने जिला अदालत में अर्जी लगाई। न्यायालय ने केस डायरी जांच करने के लिए शाहजहांनाबाद पुलिस को सौंपी हैं।
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