हाईकोर्ट ने जेल मुख्यालय को भेजे 216 कियोस्क मशीन, मशीन बांटने का काम जेल मुख्यालय ने किया शुरू
भोपाल। प्रदेश की जेल में बंदियों को उनके कोर्ट से जुड़ी जानकारी अब आन लाइन मिल सकेगी। यह कवायद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Order) के आदेश पर की जा रही है। इसके तहत हाईकोर्ट की तरफ से सुविधा के लिए कियोस्क मशीन जेल मुख्यालय को मुहैया कराई गई है।
डीआईजी जेल संजय पांडे के अनुसार प्रदेश के सारे प्रकरणों को डिजीटल करने के साथ—साथ बंदियों को यह सुविधा मुहैया कराए जाने का निर्णय (Supreme Court Order) सुप्रीम कोर्ट ने लिया है। इसके तहत प्रदेश की जेलों में कियोस्क मशीन लगाई जा रही है। इस मशीन की मदद से बंदी जेलों में अपने प्रकरण की जानकारी आन लाइन देख सकेंगे। इसके लिए केन्द्रीय जेल में दो और सब जेल में एक—एक मशीन उपलब्ध कराई जा रही है। हाईकोर्ट ने जेल मुख्यालय को 216 कियोस्क इस काम के लिए मुहैया करा दिए हैं। इसमें से दो कियोस्क जेल मुख्यालय में भी लगाए जाने की योजना है। ताकि अफसर भी किसी भी बंदी के प्रकरण के संबंध में जानकारी देख सकेंगे। कियोस्क की मदद से प्रकरण का क्रमांक डालकर बंदी अपने केस की स्थिति जैसे पेशी की तारीख, बयान आदि अन्य विवरण हासिल कर सकता है।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में कुल 131 जेल हैं। इनमें से खुली जेल की संख्या 6 है। इसमें वह बंदी रखे जाते हैं जिनका आचरण अच्छा होता है। यहां बंदियों को उनके परिवार के साथ रहने की अनुमति भी होती है। इसके अलावा केन्द्रीय स्तर की 11 जेल है। वहीं 40 जिला जेले हैं। उप जेल जो छोटी मानी जाती है उनकी संख्या 40 है। इन जेलों में कुल 42 हजार बंदी रहते हैं। इसमें से सजायाफ्ता बंदियों की संख्या 19 हजार है। बाकी के प्रकरण या अदालत के आदेश में जेल में बंद होते हैं। इन्हीं बंदियों की सुविधा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाया है।