MP Cop Gossip: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी कराने में नहीं छोड़ी कसर, चोर को तो दबोचा अब चुगली करेगा या नहीं सस्पेंस बरकरार, पीड़ित को पूरा माल दिलाने का हुआ करार
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा है। उसके भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। उसमें कुछ बातें सार्वजनिक हो जाती है। कुछ दबी रह जाती है। ऐसी ही बातों का नियमित साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसके जरिए हमें यह बताना होता हैं कि बातें छुपती नहीं है। हमारा मकसद किसी व्यवस्था, व्यक्ति अथवा अथवा पद को कम—ज्यादा आंकना कतई नहीं है। इस बार ऐसे ही बातों को लेकर कुछ बातें।
टाइम लाइन से लेकर प्रोजेक्शन गलत समय पर चुना
उज्जैन (Ujjain) में आंधी आई तो उसके बाद महाकाल लोक की मूर्तियां धराशायी हो गई। इस मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस संगठन में काफी पहले ही विपक्ष के नेताओं ने कर दी थी। आंधी आने के बाद लोकायुक्त पुलिस संगठन सक्रिय हुआ। समाचार स्वत: संज्ञान लेकर आया। जबकि विभाग के पास जांच पहले से थी। लोकायुक्त की तरफ से टीम उज्जैन भी भेज दी गई। जबकि उसके पास इस तरह की जांच करने की कोई विशेषज्ञता हासिल ही नहीं हैं। पूर्व के कई प्रकरणों में जांच दूसरी एजेंसियों से कराई गई है। टीम भी तब भेजी गई जब नेपाल (Nepal) के पीएम वहां जाने वाले थे। यानि नेपाली पीएम के दौरे से चीन की भी निगाह उनके कार्यक्रम को लेकर थी।
राजनीतिक निशाने के बाद मंत्री लोकायुक्त में घिरे
सागर (Sagar) के कद्दावर नेता के आस—पास काफी आंधियां चल रही है। उज्जैन की आंधी से पहले राजनीतिक लिहाज से सागर के दो कद्दावर मंत्रियों के बीच हुआ संवाद लीक होकर मीडिया में आ गया था। यह मामला थमता उससे पहले आंधी ने लोकायुक्त के पास मौजूद शिकायत को इस टेबल से उस टेबल झोंके लेकर पहुंचाने का काम शुरू किया। यहां तक मामला ठीक था फिर अचानक उनकी संपत्ति को लेकर हुई शिकायत ने रफ्तार पकड़ ली। यानि साफ है कि राजनीति के साथ—साथ पुलिस महकमे से जुड़े एक संगठन में काफी कुछ चल रहा है। जिसके आधार केंद्र में पुलिस के एक अधिकारी बैठे हुए हैं। यह अधिकारी थोड़ा हंसकर बहुत सारा आउटपुट शुरू से देते रहे हैं। उन्हें भी एक तूफान को थामने के लिए भेजा गया था। लेकिन, तब से लेकर अब तक एक छोड़ दूसरा बवंडर आता ही जा रहा है। अब देखना यह है कि इतने सारे धूल के गुबार में वह अपने को कितना सुरक्षित रखने में कामयाब होते हैं।
चुगली न कर दे इसलिए पूरे इंतजाम
पिछले दिनों एक थाना क्षेत्र में वारदात हुई। उसके कुछ संदेही दूसरे थाने में पकड़ाए। जिसके बाद उन्हें उस थाने को हवाले किया गया जहां वह रहते थे। वहां की पुलिस (MP Cop Gossip) ने उस वक्त कार्रवाई नहीं की। अब खबर है कि पुलिस ने उस मकान में हुई चोरी का पता लगा लिया है। जिसमें तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। चोरी गया पूरा माल भी बरामद कर लिया गया है। खतरा इस बात का है कि जिस दिन भी बारीकी से इस मामले की पड़ताल हो गई तो कई विवादित फैसले एक थाना प्रभारी को महंगे पड़ सकते हैं। इसलिए हिरासत में लिए गए संदिग्धों की तिमारदारी में काफी ध्यान रखा जा रहा है। यह थाना सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील भी है।
शहर के एक थाने में तैनात महिला अधिकारी थाना प्रभारी को भी कुछ नहीं समझती। उन्होंने प्रेम विवाह किया है। लेकिन, उनके ससुराल वालों से उनकी नहीं पटती। आजकल वे किराए के मकान में रहती हैं। इसमें रोचक तथ्य यह है कि जहां वह ड्यूटी करती है उनकी काउंसलिंग भी सास—ससुर के साथ की जाती है। यह महिला अधिकारी काफी रौब दिखाती है लेकिन साहसिक काम से दूरी बनाती है। क्योंकि वह करने के बाद सवाल—जवाब से बचना उनका पहला मकसद होता है। इसलिए महिला संबंधित अपराधों को लेकर उन्हें याद किया जाता है तो वह थाना प्रभारी का भी फोन नहीं उठाती। इस कारण उन्हें पिछले दिनों दूसरे थाने में जाकर एफआईआर दर्ज करने के लिए भेजा गया था। इससे पहले वह पांच दिनों की छुट्टी काटकर आई थी।
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