Bhopal Court News: लिव इन रिलेशन को लेकर अभद्र बोलने पर शुरु हुआ था विवाद, तीन आरोपियों के ट्रायल कोर्ट में होना शेष, मामले में फरार चल रहे हैं दंपति की तलाश
भोपाल। सनसनीखेज हत्याकांड के एक मामले में भोपाल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में पिछले पांच साल से सैंकड़ों दलीलें पेश की गई थी। हत्या की यह वारदात भोपाल (Bhopal Court News) शहर के अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में हुई थी। आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से वारदात की थी। इसके अलावा तमाम सबूतों को मिटाने का भी प्रयास किया था। लेकिन, आरोपियों की चालाकियों के आगे पुलिस और अभियोजन की दलीलें नहीं टिक सकी। नतीजतन, न्यायाधीश विनय कुमार भारद्वाज की अदालत ने चार अभियुक्तों में से एक को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इस प्रकरण में अभी तीन अन्य अभियुक्तों का ट्रायल होना बाकी है। जिसमें एक दंपति पिछले पांच साल से पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहा है।
यह है हत्याकांड की वजह
अशोका गार्डन (Ashoka Garden) थाना क्षेत्र स्थित हत्याकांड 29 जुलाई, 2019 को अंजाम दिया गया था। वारदात प्रगति नगर स्थित नवाब कॉलोनी (Nawab Colony) में हुई थी। यहां एक कमरे में सद्दाम और पल्लवी उर्फ वर्षा रहते थे। सद्दाम और पल्लवी का एक बच्चा भी है। दोनों हत्याकांड के बाद से ही फरार चल रहे हैं। जिस मकान में हत्या हुई उसी जगह दूसरे कमरे में श्रेयांशी पांडे और जिबरान रहते थे। हत्या सागर के रहने वाले पियूष जैन (Piyush Jain) की हुई थी। वह सागर से श्रेयांशी पांडे (Shreyanshi Pandey) के पास मिलने आया था। पहले उससे दोस्ती थी जो अब जिबरान के साथ लिव इन में रहने लगी थी। नशे में पियूष जैन ने श्रेयांशी पांडे से अपशब्द बोलते उसके लिव इन पार्टनर पर कमेंट कर दिया था। जिस कारण आवेश में आकर जिबरान ने गेंती से वार करके उसकी हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद उसे तुरंत अस्पताल नहीं ले जाया गया था। आरोपियों ने कहानी गढ़ी और फिर हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में चिकित्सकों से बोला कि वह सीढ़ियों से गिर गया था। हालांकि सीढ़ियों से गिरने पर आने वाली चोट को लेकर आरोपियों की तरफ से पेश कर रहे दलील नहीं टिक सकी।
पुलिस रिकॉर्ड में यह लोग चल रहे फरार
पुलिस ने पियूष जैन के पिता की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज किया था। इससे पहले अशोका गार्डन पुलिस मर्ग 30/19 दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। जांच के बाद पुलिस ने 462/19 धारा 302/201/34 (हत्या, सबूत मिटाने और एक से अधिक आरोपी का प्रकरण) बनाया। जिसमें आरोपी अरजान उर्फ महफूज को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बाकी अन्य आरोपियों को भी पकड़ लिया था। लेकिन, जमानत मिलने के बाद दंपति फरार हो गए। प्रकरण में आरोपी मोहम्मद सद्दाम, जिबरान और पल्लवी ने हत्याकांड के बाद कमरे में फैले खून के निशान मिटाए थे। अदालत ने आरोपी अरजान उर्फ महफूज को धारा को धारा 302/34 में आजीवन कारावास और दो हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। जबकि धारा 201 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रू अर्थदंड से दण्डित किया। इस मामले में श्रेयांशी पांडे ने अपने आपको नाबालिग बताया। जिसके बारे में एक महीना पहले यह साबित हो गया है कि वह बालिग है। अब उसके प्रकरण की जिला कोर्ट में पेशी होगी। उसका चालान भी पुलिस ने कुछ दिन पहले कोर्ट में जमा किया है। जबकि दंपति सद्दाम और पल्लवी अभी भी फरार है।
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