MP Cop Gossip: पुलिस विभाग के पद के दुरुपयोग मामले में पुलिस मुख्यालय समेत जिले के अफसरों ने साधी चुप्पी
भोपाल। मध्य प्रदेश (MP Cop Gossip) की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज पुलिस महकमे से जुड़ी है। यह वह खबरें हैं जो समाचार का हिस्सा नहीं बनी। लेकिन, भीतर ही भीतर इन बातों को लेकर कानाफूसी चल रही है। ऐसाही एक मामला सायबर सेल के अफसरों से जुड़ा है। जिसमें जिला अदालत ने अफसरों पर आरोप तय कर दिए। लेकिन, महकमा उनके साथ खड़ा है। इसलिए अब तक किसी भी तरह की प्रशासनिक कार्रवाई का निर्णय नहीं ले पाया है।
लोकायुक्त पुलिस ने की थी जांच
जानकारी के अनुसार एआईजी दीपक ठाकुर, महिला कांस्टेबल इशरत परवीन, आरक्षक इंद्रपाल और सौरभ भट्ट पर आरोप तय हो गए हैं। सभी पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग किया। तीन आरक्षक तो जेल भेज दिए गए। तीनों को सस्पेंड करने की कार्रवाई नहीं की गई। इ्ंद्रपाल तो क्राइम ब्रांच में तैनात थे। दीपक ठाकुर की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है। वे इस वक्त पीएचक्यू के एससीआरबी शाखा में तैनात हैं। भीतर ही भीतर इन्हें पुलिस मुख्यालय का मौखिक समर्थन मिला हुआ है। इसलिए प्रशासनिक फैसलों को टाला जा रहा है।
एक अनार सौ बीमार
यह एक नोडल थाने का मामला है। यहां एक महिला अधिकारी तैनात हैं। जिन पर उनकी सीनियर महिला अफसर बहुत मेहरबान है। कोई भी एफआईआर उनके बिना नहीं होती है। जबकि थाने में दूसरे कर्मचारी भी तैनात है। वे बेचारे अपने हाथ मलते हुए एक—दूसरे को कोसते रहते हैं। कई कर्मचारी तो दूसरे थाने में जाने की जुगाड़ भी लगा रहे हैं।
प्रमोशन की पच—पच
पिछले दिनों भोपाल में 2011 बैच के मैदानी अमले की प्रमोशन सूची जारी हुई है। उसमें केवल कुछ चुनिंदा कर्मचारियों का चयन किया गया। इन बातों से थाने में तैनात उनके ही बैच के अन्य कर्मचारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मायूस कर्मचारी यह कह रहे है कि जनता और साहब की गालियां सुनकर यह मिलना था तो उनके जैसा ही बन जाना था। कई तो एक—दूसरे से यह भी कहते हुए सुने गए हैं कि साहब और बाई साहब की कपड़े धोए होते तो उनका भी नाम प्रमोशन लिस्ट में होता।
दिल्ली में बैठकर दरियादिली
राजधानी में पिछले दिनों एक सट्टे में पुलिस मिलीभगत का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद काफी किरकिरी पुलिस महकमे की हुई थी। इसी मामले में टीआई साहब की जान भी फंसी हुई है। उन्हें एक अफसर का वरदान प्राप्त है। उनके लिए एक अफसर दिल्ली से अपनी दरियादिली दिखा रहे हैं। वे चाहते हैं कि निरीक्षक साहब को बचाया जाए।
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