MCU Scam : कुठियाला जाते-जाते भी यूनिवर्सिटी के मोबाइल को लौटाकर नहीं गए

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MCU Scamमाखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नए भवन निर्माण में करते थे दखलअंदाजी, ईओडब्ल्यू की टीम गिरफ्तार करने के लिए होगी रवाना

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU Scam) के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला जाते-जाते भी अपनी नीयत को बयां कर गए। उन्हें विवि के बजट से जो मोबाइल दिया गया था। उसको न लौटाते हुए एक पुराना टूटा-फूटा दूसरे मॉडल का मोबाइल जमा कर गए। यह खुलासा ईओडब्ल्यू (EOW) की चल रही जांच में सामने आया है। इधर, कुठियाला को गिरफ्तार करने के लिए एक पार्टी चंड़ीगढ़ के पंचकूला के लिए रवाना होने वाली है।
जानकारी के अनुसार (MCU Scam) बृज किशोर कुठियाला को विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से 2010 में एप्पल के ए-4 मॉडल का मोबाइल खरीदकर दिया गया था। यह मोबाइल उस वक्त लगभग 70 हजार रुपए कीमत का था। जब कुठियाला विश्वविद्यालय से अपने दो बार का कार्यकाल पूरा करके जा रहे थे तब उन्होंने एप्पल कंपनी का ही ए-6 मॉडल जमा किया। यह मोबाइल (MCU Scam) टूटी-फूटी हालत में जमा किया गया। यह जानकारी माखनलाल से जब्त दस्तावेज से ईओडब्ल्यू को पता चली है। कार्रवाई के सवाल पर डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी ने बताया कि कुठियाला की जमानत अर्जी जिला अदालत ने नामंजूर कर दी है। इसको देखते हुए कुठियाला से पूछताछ के लिए एक टीम जल्द चंड़ीगढ़ के पंचकूला में जाएगी। वहां उनसे पूछताछ की जाएगी।

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कागजों में खोल दिए गए सेंटर
डीजी केएन तिवारी ने बताया कि (MCU Scam) बृज किशोर कुठियाला ने अपने कार्यकाल के दौरान माखनलाल के सेंटर खोलने में काफी अनियमितता बरती। उन्होंने विश्वविद्यालय की धारा 18 में इसके लिए संशोधन भी किया। दस्तावेजों की पड़ताल में सामने आया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 1297 सेंटरों को मंजूरी दी। इसमें से कुछ सेंटर पते पर नहीं पाए गए।

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भवन निर्माण में अनियमितता
कुठियाला के कार्यकाल के दौरान ही सूरज नगर स्थित नव निर्मित (MCU Scam) माखनलाल के नए भवनों के निर्माण कार्य के दौरान काफी दखल अंदाजी की गई है। इस बात की सूचना ईओडब्ल्यू को मिली है। जिसके बाद इस मामले की भी जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में वास्तविकता पता लगाने के लिए निर्माण कर रही कंपनी, उसकी डीपीआर समेत कई अन्य बिन्दुओं की पड़ताल की जा रही है। डीजी ने बताया कि यह जांच (MCU Scam) एम गोपाल रेड्डी कमेटी की तरफ से की गई अनुशंसाओं को लेकर कर रही है।

कौन है कुठियाला
प्रोफेसर (MCU Scam) बीके कुठियाला आरएसएस विचारधारा के थे। अभी हरियाणा सरकार की तरफ से उन्हें एक शिक्षा केन्द्र का अध्यक्ष बनाया गया है। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान माखनलाल विश्वविद्यालय में काफी (MCU Scam) वित्तीय अनियमितता की है। उनके ही कार्यकाल में पदोन्नति, नियुक्तियों में भी गड़बड़ी की गई। इसी मामले में ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज किया है। जिसमें उनकी तरफ से जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए (MCU Scam) अर्जी लगाई गई थी। सुनवाई के बाद ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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बहाने से बच रहे
ईओडब्ल्यू का कहना है कि (MCU Scam) कुठियाला के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने नोटिस भेजकर 8 जून को हाजिर होने के लिए कुठियाला को नोटिस भेजा था। यह नोटिस 7 जून मिलने का बताकर माखनलाल के (MCU Scam) पूर्व कुलपति ने मोहलत मांगी थी। ईओडब्ल्यू ने तीन दिन की मोहलत देते हुए आवेदन स्वीकार किया था। लेकिन, कुठियाला नहीं पहुंचे तो ईओडब्ल्यू ने अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी पत्र जारी कर दिया था। इस पत्र के जवाब में कुठियाला ने चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा देते हुए 27 जून की तारीख मांगी थी। इसी दौरान (MCU Scam) कुठियाला ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी थी। ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने बताया कि पूर्व कुलपति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय दस्तावेज है जिसमें उनका पक्ष जानना बाकी है।

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चाय-बिस्कुट के बिल में फंसे कुठियाला
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा के समर्थित प्रोफेसर (MCU Scam) बीके कुठियाला फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से एक शिक्षण संस्थान में तैनात हैं। ईओडब्ल्यू ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं संचार केन्द्र में हुई गड़बड़ी के मामले में अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की मद से चाय-बिस्कुट और शराब की बोतलों का भुगतान कराया। ईओडब्ल्यू वित्तीय अनियमित्तओं के अलावा फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति की जांच कर रही है। इसी मामले में पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वर्मा, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य आरोपी है। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।

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