Bhopal Property Fraud: इंद्रपुरी स्थित तीन दुकानों के कब्जे का मामला, फर्जी तरीके से चेक चोरी करके हस्ताक्षर करने का आरोप
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भोपाल। नर्मदा अस्पताल के एक डॉक्टर की शिकायत पर जालसाजी का प्रकरण दर्ज किया गया है। यह घटना भोपाल सिटी के पिपलानी थाने में दर्ज हुई है। विवाद इंद्रपुरी स्थित तीन दुकानों के मालिकाना कब्जे (Bhopal Property Fraud) को लेकर है। इस मामले में आरोप है कि दो दुकानों को आरोपी ने किराए से लिया था। लेकिन, उसने तीसरी दुकान हथियाने के लिए चैक चोरी करके उसमें जाली हस्ताक्षर किए। इसकी शिकायत एसीपी गोविंदपुरा से की गई थी।
पहले खारिज हो गया था आवेदन
पिपलानी थाना पुलिस के अनुसार 10 जनवरी की रात लगभग नौ बजे 28/22 धारा 420/467/468/471 (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल करने) का प्रकरण दर्ज किया है। जिसकी शिकायत डॉक्टर गौरव बाटनी पिता गोपाल बाटनी उम्र 36 साल ने दर्ज कराई है। वे नर्मदा अस्पताल में डॉक्टर है। गौरव बाटनी (Dr Gaurav Batni) ई—8 स्थित अंसल प्रधान इंकलेव में रहते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके नाना डॉक्टर वाईएस कपूर थे। नाना का 2013 में वृद्धावस्था में निधन हो गया था। उनके ही नाम सी—सेक्टर इंद्रपुरी में संपत्ति थी। जिसमें आठ दुकाने निकाली थी। इसमें से दो दुकान पर किराएदारी से विनय सिंह ठाकुर पिता कोमल सिंह ठाकुर ने एग्रीमेंट किया था। यह एग्रीमेंट 2011 के पहले हुआ था। नाना के निधन के बाद 2015 में डॉक्टर गौरव बाटनी के पास यह संपत्ति नाम पर आई। इससे पहले 2017 में भी उन्होंने पिपलानी थाने में शिकायत की थी। लेकिन, मामला कोर्ट का बताकर उस वक्त प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस कारण दर्ज हुआ मुकदमा
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गौरव बाटनी ने पुलिस को बताया कि उनके दिवंगत नाना डॉक्टर वाईएस कपूर (Dr YS Kapoor) का सेंट्रल बैंक आफ इंडिया का चेक गुम गया था। जिसकी रिपोर्ट उन्होंने 2009 में दर्ज भी कराई थी। उसी चोरी गए चैक में 45 लाख रुपए की रकम भरकर विनय सिंह ठाकुर (Vinay Singh Thakur) ने फर्जी तरीके से दुकान को खरीदना चाहा था। उसके लिए आरोपी ने चेक पर नाना के फर्जी हस्ताक्षर किए थे। दुकान को खरीदने—बेचने का करारनामा 2011 में किया गया था। इस दुकान पर एक्सट्रीम प्लॉजा मेन्स पार्लर आरोपी चला रहा था। आरोपी खजूरी कला स्थित पूर्वांचल फेज—2 में रहता है। इस संबंध में केस न्यायालय में चला जिसमें गौरव बाटनी का परिवार जीत गया। परिवार का आरोप है कि संपत्ति को विवाद में डालकर उसमें कब्जा करने की योजना आरोपी की थी। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस ने इस बयान के आधार पर प्रकरण दर्ज कर लिया है।
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