Bhopal Remdesivir Injection: जेके अस्पताल का आईटी मैनेजर और दवा कंपनी के एमआर का ठंडे बस्ते में जाता मामला
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज कोरोना महामारी के काम आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन (Bhopal Remdesivir Injection) से जुड़ी है। इसके दो केस जो कि कोलार और शाहपुरा थाने में दर्ज थे उनके आरोपी जेल भेज दिए गए। दोनों ही मामलों में जिस जल्दबाजी में कार्रवाई हुई है उससे साफ है कि प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। पहला चर्चित मामला जेके अस्पताल के आईटी मैनेजर आकाश दुबे का है। जबकि दूसरा मामला शाहपुरा में दवा कंपनी के एमआर आलोक रंजन का है।
सीएमएचओ दे सकते हैं नोटिस
कोलार थाना पुलिस ने आरोपी आकाश दुबे को रिमांड पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया। जहां से उसको जेल भेजने के आदेश दिए गए। इसी तरह शाहपुरा थाना पुलिस ने एमआर आलोेक रंजन को अदालत में पेश किया। उसे भी जेल भेज दिया गया है। दोनों आरोपी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में गिरफ्तार हुए हैं। इधर, जेके अस्पताल आईटी मैनेजर आकाश दुबे के मामले में जांच पुलिस ने ठंडे बस्ते में डाल दी हो लेकिन स्वास्थ्य महकमा अब सक्रिय हुआ है। खबर है कि भोपाल सीएमएचओ जेके अस्पताल से सरकारी कोटे में जारी रेमडेसिविर इंजेक्शन का रिकॉर्ड मांगने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। दअरसल, अस्पताल ने पुलिस को बताया है कि उनके यहां कोरोना महामारी की जल्दबाजी में रिकॉर्ड नहीं रखा जा सका।
यह था मामला
कोलार थाना पुलिस ने 13 मई को तीन आरोपी अंकित सलूजा, दिलप्रीत सलूजा और आकर्ष सक्सेना को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों के कब्जे से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। जबकि अंकित सलूजा पहले भी इंजेक्शन आकाश दुबे से खरीद चुका था। इसी मामले में आरोपी आकाश दुबे फरार चल रहा था। उसने 25 मई को कोलार थाने में वीडियो बनाकर सरेंडर किया था। उसके अगले दिन कोलार थाना पुलिस ने जेके अस्पताल की नर्स शालिनी वर्मा को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ 24 अप्रैल को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में केस दर्ज था। उसका कथित प्रेमी और जेके अस्पताल के मेल नर्स झलकन सिंह मीणा के कब्जे से पुलिस को एक इंजेक्शन बरामद हुआ था।
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केमिस्ट से दस्तावेज तलब
शाहपुरा थाना पुलिस ने 26 मई को पुष्पांजलि अस्पताल के नजदीक से आरोपी आलोक रंजन को गिरफ्तार किया था। वह दो दिन की रिमांड पर था। आरोपी बिहार के पटना का रहने वाला है। फिलहाल अयोध्या नगर के विशाल हाईट्स में किराए से रहता था। उसने बताया था कि उसके कब्जे से बरामद इंजेक्शन सीहोर केमिस्ट के मालिक मुफद्दल राजा से खरीदे थे। इस मामले में भारत फार्मा के मालिक आशीष जैन का भी नाम सामने आया है। हालांकि दोनों संदेहियों ने आरोपियों से इनकार कर दिया है। जिसके बाद पुलिस ने केमिस्ट से इंजेक्शन बेचने का रिकॉर्ड मांग लिया है। इसके अलावा पुलिस उक्त बैच वाले इंजेक्शन की सप्लाई की चैन मालूम कर रही है।