Bhopal Auto Dealer Fraud: किस्त नहीं चुकाने का आरोप लगाकर रिकवरी का काम करने वाली कंपनी के एजेंटों ने बाइक सीज कर दी, संचालक को पुलिस ने आरोपी बनाया रिकवरी एजेंटों पर मौन, भोपाल आरटीओ कार्यालय की भी भूमिका संदिग्ध
भोपाल। इस महीने से त्योहारी सीजन शुरू होने वाला है। यदि आप कोई बड़ा सामान खरीदने जा रहे हैं तो यह समाचार आपको सतर्क करने वाला है। घटना भोपाल (Bhopal Auto Dealer Fraud) शहर के गौतम नगर थाना क्षेत्र की है। क्षेत्र में सुरजीत बजाज नाम से बाइक का शोरूम है। यहां से सात साल पहले एक व्यक्ति ने नकदी में बाइक खरीदी थी। जिसे कुछ दिन पहले उसे फायनेंस की बताकर रिकवरी एजेंटों ने सीज कर दिया। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल सुरजीत बजाज शोरूम के संचालक को जालसाजी के मामले में आरोपी बनाया है। वहीं रिकवरी एजेंटों की भूमिका के मामले में पुलिस ने चुप्पी साध ली है।
यह बोलकर सीज करने पहुंचे बाइक
गौतम नगर (Gautam Nagar) थाना पुलिस के अनुसार इस संबंध में शिकायत अरविंद सिंह (Arvind Singh) पिता लक्ष्मीनारायण सिंह उम्र 32 साल ने दर्ज कराई। वह सीहोर जिले के इछावर थाना क्षेत्र के ग्राम बिसनखेड़ा का रहने वाला है। उसने डीआईजी बंगला में स्थित सुरजीत बजाज शोरूम (Surjeet Bajaj Showroom) से डिस्कवर बाइक एमपी—04—क्यूसी—6366 खरीदी थी। बाइक नकद रकम करीब 50 हजार रूपए देकर 2016 में ली थी। उसके पास खरीदी से संबंधित तमाम बिल भी मौजूद थे। अरविंद सिंह ने पुलिस को बताया कि उससे 24 जुलाई, 2023 को इंदौर (Indore) के परदेशीपुरा इलाके में मंगलम एसोसिएट (Manglam Associate) के कर्मचारियों ने संपर्क किया। कंपनी का दावा था कि बाइक फायनेंस पर ली गई है। जिसे वह सीज करने के लिए आए हैं। उसे बातचीत करने के लिए दस्तावेजों के साथ न्यू पलासिया में स्थित दफ्तर में बुलाया। वह बातचीत करके बाहर आया तो कंपनी के कर्मचारियों ने उसकी बाइक को जब्त कर लिया।
कई अन्य फर्जीवाड़े उजागर होने की उम्मीद
पीड़ित अरविंद सिंह इंदौर में स्थित नाईका कंपनी में जॉब कर रहा है। मंगलम एसोसिएट के कर्मचारियों ने बताया कि अरविंद सिंह की बाइक (Bhopal Auto Dealer Fraud) नई नहीं है। वह 2014 में लखन लाल (Lakhan Lal) नाम के नाम पर है। जिसको फायनेंस किया गया था। गौतम नगर थाना पुलिस ने इस मामले में फिलहाल 385/23 धारा 420 (जालसाजी का प्रकरण) दर्ज कर लिया है। यह प्रकरण 10 अगस्त को दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सुरजीत बजाज शोरूम के मालिक दीपक ननवानी उर्फ गोल्डी (Deepak Nanwani@Goldi) को बनाया है। उल्लेखनीय है कि इस फर्जीवाड़े में आरटीओ (RTO) महकमे की भूमिका भी जांच के दायरे में आती है। दरअसल, केंद्र सरकार की तरफ से बीएस—6 बाइक को बेचे जाने को नोटिस किया जा चुका है। इसके बावजूद 2014 के पुराने मॉडल की बाइक को चोरी—छुपे शोरूम मालिक खपा रहे थे। जिसका रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा था।
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