Bhopal News: गिरवी रख रहे गोल्ड लूट या डकैती का माल तो नहीं हैं, इस बात की तस्दीक के बाद ही करें लेन—देन, बूढ़े—बीमार सिक्योरिटी गार्ड की बजाय सर्टिफाइड एजेंसी की सेवाएं लेने की सलाह, राजधानी में संचालित गोल्ड लोन कंपनियों के पदाधिकारियों को पुलिस ने दिखाया आईना
भोपाल। पिछले दिनों गोल्ड लोन कंपनी में घुसकर लूटपाट करने की योजना विफल हो गई। जिसके बाद सभी थाना पुलिस को अपने—अपने क्षेत्र में चल रहे ऐसे संस्थाओं में जाकर सरप्राइज चैकिंग करके रिपोर्ट बनाई गई। इन्हीं रिपोर्ट के साथ भोपाल पुलिस के अधिकारियों ने गोल्ड लोन (Gold Loan) चलाने वाली कई कंपनियों के पदाधिकारियों को आईना दिखाया गया। यह बैठक भोपाल (Bhopal News) पुलिस नियंत्रण कक्ष में आयोजित की गई थी। जिसमें ताकीद किया गया है कि कंपनियां गोल्ड गिरवी रखने के पहले यह सुनिश्चित करें कि माल किसी अपराध का तो गिरवी नहीं रखा जा रहा।
इन बातों को लेकर बुलाई गई थी बैठक
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शहर में संचालित हो रहे सभी गोल्ड लोन बैंक/संस्थाओं सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी, डीसीपी जोन 3 रियाज इकबाल, डीसीपी जोन 2 श्रृद्धा तिवारी, एडीसीपी क्राइम शैलेन्द्र सिंह चौहान समेत संस्थाओं के लगभग 200 पदाधिकारी बैठक में उपस्थित हुए। कमिश्नर ने संस्थाओं में सुरक्षा से संबंधित प्रक्रिया के बारे में पूछा। जिसमें अधिकांश संस्थाओं में गार्ड नहीं होने की बात सामने आई। इसके अलावा कुछ जगहों पर हथियार वाले गार्ड नहीं थे। कुछ संस्थाओं में विजीटर का रिकॉर्ड नहीं रखने की बात पता चली। जबकि भारतीय रिजर्व बैंक की गाइड लाइन में यह सारे मानक पहले से तय किए गए हैं। बैठक में कमिश्नर ने कहा कि सभी संस्थाओं के बाहर पार्किंग व रोड साइड सीसीटीव्ही कैमरा होना चाहिए।
यह बोलते हुए दिए गए सुझाव
जिन सीसीटीव्ही कैमरों को लगाया जा रहा है उसकी क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए। उसका बैकअप ज्यादा दिनों का हो, संस्थाओं में बायो मैट्रिक सिक्युरिटी सिस्टम लगवाने की सलाह दी गई। गोल्ड गिरवी रखने से पहले गोल्ड का वेरीफिकेशन करने के लिए बोला गया। ताकि कहीं गोल्ड चोरी या लूट का तो नहीं है। इसी तरह सभी संस्थाओं में गार्ड शारीरिक व मानसिक रुप में स्वस्थ होने की बात बोली गई। सभी संस्थाएं आरबीआई (RBI) के सुरक्षा संबंधी गाइडलाइन का पालन करें। पुलिस अधिकारियों ने प्रबंधन से कहा कि वे अपनी—अपनी संस्थाओं में महीने में कम से कम एक बार सुरक्षा संबंधी माकड्रिल करते रहे।
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