RSS के स्कूल में शिक्षकों से प्रताड़ित छात्र ने की खुदकुशी, SDOP बोले- मीडिया को नहीं देनी जानकारी

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मामला दबाने में जुटा स्कूल प्रबंधन, संवेदनशील मामले में पुलिस का ढुलमुल रवैया

मृतक छात्र शिवाजी

होशंगाबाद। जिले के बनखेड़ी (Bankhedi) ब्लॉक में एक 12 वीं कक्षा के छात्र ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या (Suicide) कर ली। शिवाजी (Shivaji) नाम का छात्र राष्ट्रीय स्वयं संघ (RSS) द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ता था। आरएसएस की शाखा विद्या भारती (Vidhya Bharti) के अंतर्गत संचालित सरस्वती ग्रामोदय स्कूल (Saraswati Gramodaya School) में छात्र के साथ मारपीट की गई थी। जिसके बाद उसे मानसिक प्रताड़ित किया गया। ग्राम रामनगर में रहने वाला छात्र शिवाजी, स्कूल द्वारा संचालित हॉस्टल में ही रहता था। पीड़ित परिजन के मुताबिक प्रिंसिपल और संघ के पदाधिकारी अऩिल अग्रवाल (Anil Agrawal) समेत तमाम स्टाफ ने दो दिन तक छात्र को प्रताड़ित किया। उनके चंगुल से छूटते ही शिवाजी ने साइकिल उठाई और वो रेलवे ट्रैक पर जाकर आत्महत्या कर ली। मामले में स्कूल प्रबंधन और पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यह स्कूल बनखेड़ी ब्लॉक के गोविंद नगर पलिया पिपरिया में संचालित है।

मामले को छुपाता रहा स्कूल प्रबंधन

छात्र को हद से ज्यादा प्रताड़ित करने के बाद जब वो हॉस्टल से भाग गया तो स्कूल प्रबंधन ने उसके परिजन को जानकारी नहीं दी। साथी छात्रों ने परिजन को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन ने तलाश शुरु की। स्कूल के टीचर नरेश पटैल पर शिवाजी को थप्पड़ मारने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक 5 दिसंबर को प्रार्थना के समय नरेश पटैल ने छात्र को एक थप्पड़ मारा था। नरेश उसे दूसरा थप्पड़ मार रहा था तो शिवाजी ने उसका हाथ पकड़ लिया। जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने शिवाजी को प्रताड़ित करना शुरु कर दिया। उस पर दवाब बनाया जाने लगा कि वो शिक्षक से माफी मांगे। परिजन का कहना है कि शिवाजी ने माफी मांगने से इनकार किया तो उसके साथ मारपीट की गई। मामले में मुख्य आरोपी शिक्षक पर स्कूल प्रबंधन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। गंभीर मामला होने के बावजूद स्कूल संचालक अनिल अग्रवाल फोन स्विच ऑफ करके बैठे है।

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मामला दबाने में जुटी पुलिस

परिजन की शिकायत

एक छात्र की आत्महत्या के मामले में पुलिस का रवैया जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मामले की जानकारी पूछे जाने पर पिपरिया एसडीओपी रणविजय सिंह कुशवाह (SDOP Ranvijay Singh Kushwaha) भड़क उठे। इतने संवेदनशील मुद्दे पर मीडिया को जानकारी देने की बजाए रणविजय सिंह का कहना है कि वो रिपोर्टर को नहीं पहचानते इसलिए जानकारी क्यों दे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक पुलिस ने भी शिवाजी के परिजन को गुमराह करने की कोशिश की। रेलवे ट्रैक से शव बरामद करने के बाद पुलिस ने बताया कि किसी 35 वर्षीय युवक का शव लगता है। पुलिस ये मानने को ही तैयार नहीं थी कि वो शिवाजी का शव है। परिजन की जिद के बाद उन्हें शव की शिनाख्त करने का मौका दिया गया, तब जाकर खुलासा हुआ कि शव शिवाजी का ही है। दूसरी तरफ परिजन सीधे-सीधे स्कूल प्रबंधन और मुख्य आरोपी शिक्षक का नाम बता रहे है, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। टीआई शंकरलाल झारिया का कहना है कि अभी वो मामले की लिखा-पढ़ी कर रहे है। एसपी एमएल झारी (SP ML Jhari) ने द क्राइम इन्फो को बताया कि स्कूल आरएसएस द्वारा संचालित है। वे इस मामले की बारीकी से जांच कराएंगे। उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही।

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