छह साल के बच्चे को Street Dog ने नोंच-नोंचकर मार डाला, निगम की लापरवाही का एक ओर खतरनाक नमूना
भोपाल। शहर आवारा कुत्तों (Street Dog Bite) की दहशत से नहीं निकल पा रहा। एक बार फिर आवारा कुत्तों ने एक छह साल के बच्चे को नोंच-नोंचकर जिंदा मार डाला। दिल दहला देने वाली यह घटना अवधपुरी थाना क्षेत्र की हैं। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
अवधपुरी थाना प्रभारी मांगी लाल भाटी ने बताया कि पत्रकार कॉलोनी के नजदीक शुभम सागर कॉलोनी हैं। यहां हरिनारायण जाटव का परिवार रहता है। शुक्रवार शाम उसका छह साल का बेटा संजय घर के नजदीक खेल रहा था। तभी उसके ऊपर आधा दर्जन से अधिक आवारा कुत्ते टूट पड़े। कुत्तों ने बच्चे को दांतों से जगह-जगह नोंच खाया। परिवार उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने पर लोगों में दहशत थी। दरअसल, नजदीक ही बड़ी कॉलोनियां है जिसमें रहने वाले लोगों ने भी यह घटना देखी।
एएचओ बोले बंदिशों में हम बंधे
इस मामले में द क्राइम इन्फो ने एएचओ नगर निगम राजेश शर्मा से सीधी बातचीत की। उनसे सवाल पूछे गए तो उन्होंने अपनी बंदिशें गिनाना शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि डॉग रूल्स 2001 के दायरे में रहकर ही हम काम कर सकते हैं। ज्यादा सख्ती दिखाते हैं तो मानवाधिकार और जीव-जंतुओं के लिए काम करने वाले एनजीओ कोर्ट तक घसीट ले जाते हैं। शर्मा ने दावा किया कि निगम हर दिन कुत्तों को पकडऩे का काम भी करता है। लेकिन, नसबंदी के बाद उन्हें वहीं छोड़ा जाता है।
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रैबीज का होता है खतरा
भोपाल के जेपी अस्पताल में डॉग बाइट के प्रतिदिन दो दर्जन मामले पहुंचते हैं। इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने एक सेल डॉग बाइट के इंजेक्शन लगाने वाला सेल ही बना दिया है। कुत्ते के काटने पर रैबीज का रोग होता है। इसमें कोई भी व्यक्ति नहीं बचता है। पिछले महीने ही एक वृद्धा की पांच इंजेक्शन लगने के बावजूद मौत हो गई थी। स्वास्थ्य रैबीज के इंजेक्शनों के लिए लगभग एक करोड़ रुपए का बजट लेकर चलता है। जिसे वित्तीय वर्ष के अंत में हर साल बढ़ाना पड़ता है।
निगम का बजट दो करोड़
स्ट्रीट डॉग को लेकर निगम के पास भी बजट होता है। यह बजट लगभग दो करोड़ रुपए का है। इस बजट से कुत्तों की आबादी रोकी जाती है। शहर में स्ट्रीट डॉग की संख्या 2013 में लगभग एक लाख थी। यह संख्या अब बढ़कर तीन लाख पर पहुंच गई है। निगम के एबीसी सेंटर में कुत्तों की नसबंदी की जाती है।
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यह मामले जो आज भी भूले नहीं जाते
गोकुलधाम सोसाइटी में छह साल का बच्चा अदिवित्य पिछले साल स्ट्रीट डॉग का शिकार हुआ था। वह अब ठीक है लेकिन परिवार आज भी दहशत में रहता है। इसके अलावा 17 अगस्त, 2018 को सागर प्रीमियम टावर निवासी महेश ठाकुर पर आवारा कुत्ते ने हमला किया था। इसी तरह 8 मार्च, 2018 को कजलीखेड़ा निवासी कैलाशीबाई तोमर की कुत्ते के काट लेने की वजह से मौत हुई थी। पीजीबीटी कॉलेज गौतम नगर में 2 फरवरी, 2018 को डेढ़ साल का शेख रजा कुत्तों का शिकार हुआ था। उसकी मौत हो गई थी। इस घटना से एक साल पहले 21 मार्च, 2017 को भी जवाहर चौक निवासी ममता सिरसट पति राम सिरसट को कुत्ते ने काटा था।